पटना: इन दिनों राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में चोरी की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है. चोर कोरोना महामारी का फायदा उठाकर बंद घरों पर अपना हाथ साफ कर रहे हैं. बीते 11 दिनों में केवल पटना में ही चोरों ने 13 बंद घरों से लगभग एक करोड़ से अधिक की संपत्ति उड़ा चुके हैं.
आईजी ने रात्रि गश्ती बढ़ाने का दिया निर्देश
इधर, राजधानी में बढ़ रहे चोरी की घटनाओं को लेकर आईजी संजय सिंह ने भी अपनी चिंता व्यक्त करते हुए पटना के तीनों सिटी एसपी को रात में गस्त बढ़ाने का निर्देश दिया है. आईजी ने लापरवाही बरतने वाले थाना और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए है. इसके अलावा आईजी ने पूर्व से दर्ज चोरी के मामले को उद्भेदन कर चोरों को गिरफ्तार करने का भी आदेश दिए हैं.
बता दें कि राजधानी में क्राइम को रोकने के लिए सरकार ने विभिन्न चौक चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं. उनमें से ज्यादातर मेंटेनेंस के अभाव में काम ही नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा पटना की सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस के सहयोग और अपराधियों की पहचान को लेकर सर्विलांस कैमरे भी लगाए गए थे. जिनमें से अधिकतर काम नहीं कर रहे हैं.
ट्रैफिक पुलिस का पीटीजेंड कैमरा उच्च क्षमता के कैमरा है, जो 360 डिग्री तक घूम सकते हैं. कैमरे की मदद से ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल रूम में बैठकर ही वाहनों की गतिविधि पर नजर रखते थे. कैमरे की मदद से 500 मीटर दूर के वाहनों को भी जूम करके देखा जा सकता था. यह कैमरे शहर के विभिन्न महत्वपूर्ण ट्रैफिक पॉइंट पर लगे हुए थे जिससे यातायात परिचालन में सहायता के साथ-साथ कई अपराधिक घटनाओं के पड़ताल करने में भी सहायक सिद्ध होते थे.
185 सर्विलांस कैमरे में एक भी नहीं कर रहा काम
पटना ट्रैफिक पुलिस के पास 54 पीटीजेड और 185 सर्विलांस कैमरे हैं. लेकिन ये सभी पिछले डेढ़ महीने से इस्तेमाल में नहीं है. मेंटेनेंस की वजह से एक भी कैमरा काम नहीं कर रहा है.
बीते दो साल से नहीं हुआ है मेंटेनेंस
पटना के विभिन्न चौक चौराहों पर लगे कैमरे का बीते 2 साल से मेंटेनेंस नहीं हुआ है जिस वजह से अधिकतर कैमरे ने काम करना बंद कर दिया है. इसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने इसे ठीक करना मुनासिब नहीं समझा हालांकि कुछ कैमरे काम कर रहे हैं जो मामूली फॉल्ट के कारण कंट्रोल रूम से कनेक्ट नहीं हो पा रहे हैं.
2016 में लगाए गए थे उच्च स्तरीय क्षमता के कैमरे
राजधानी के सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस ने फरवरी 2016 में पीटी जेड कैमरे से यातायात के मॉनिटरिंग की शुरुआत की थी. कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों की तस्वीर खींच कर उनके घर ई चालान भेजा करते थे. इस वजह से पटना में यातायात व्यवस्था काफी सुदृढ़ भी हुई थी. लेकिन सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने की वजह से अब यह प्रक्रिया बीते साल ही बंद हो चुका है.
पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
गौरतलब है कि विभागीय लापरवाही के कारण एक सुदृढ़ सर्विलांस व्यवस्था चौपट हो गया. सरकार ने पुलिस की सहूलियत के लिए राजधानी के विभिन्न चौक चौराहों पर सर्विलांस कैमरा लगवाया था. लेकिन पुलिस की लापरवाही के कारण अब यह सारे कैमरे खराब हो चुके हैं. यह सर्विलांस कैमरे राजधानी के चौक चौराहे पर लगे हुए तो जरूर है, लेकिन वह अब ना तो ही ई-चालान काटने के काम में आ रहा है और ना तो अपराधियों के पहचान करने में.