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Bihar Caste census: हाई कोर्ट के फैसले के बाद जातीय गणना का काम शुरू, पटना डीएम ने दिये ये आदेश

पटना हाई कोर्ट ने बिहार में जाति आधारित गणना को हरी झंडी दे दी है. उसे जनगणना की तरह नहीं, सर्वे की तरह करना है. इसके बाद बिहार सरकार ने फिर से जाति आधारित गणना शुरू हो गई है. पटना के डीएम चन्द्रशेखर सिंह ने फुलवारी शरीफ के वार्ड 10 में जाति आधारित गणना का निरीक्षण किया. पढ़ें, पूरी खबर.

जाति आधारित गणना
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Published : Aug 2, 2023, 9:33 PM IST

पटनाः पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार में जातीय गणन का काम एक बार फिर से शुरू हो गया. बुधवार को फुलवारी नगर परिषद के वार्ड संख्या 10 खोजा ईमली में जातीय गणना के काम का पटना के डीएम चन्द्रशेखर सिंह ने निरीक्षण किया. डीएम ने आम लोगों से भी मुलाकात की. इस काम में लगे कर्मचारियों से मुलाकात करते हुए सही व ठीक ढंग से आंकड़े के हिसाब से काम करने का आदेश दिया.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Caste Census: 'जातिगत गणना के आंकड़ों का लाभ सभी वर्गों को मिलेगा, विकास को लगेंगे पंख'- तेजस्वी यादव

"कोर्ट के आदेश के बाद आज फिर से जातीय गणना का काम शुरू हो गया. लगभग 15 हजार लोगों को पटना में गणना के लिए लगाया गया है. एक सप्ताह में जाति आधारित गणना का काम पूरा हो जायेगा."- चंद्रशेखर सिंह, डीएम पटना

बिहार में जातीय गणना का आदेश जारी : बिहार में जातीय गणना के मामले में पटना हाई कोर्ट ने एक अगस्त को बिहार सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है. अदालत के इस फैसले के बाद सरकार ने जाति आधारित गणना कराने को लेकर आदेश जारी कर दिया. सभी जिलों के जिलाधिकारी को भेजे गए आदेश में कहा गया कि बिहार में जाति आधारित गणना 2022 को फिर से शुरू किया जाय. पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना के विरुद्ध दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दी है.

हाई कोर्ट ने लगायी थी रोकः बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने चार मई को जातीय गणना पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया था. कुछ ही घंटे में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश पर तमाम जिलाधिकारियों के जरिए गणना में लगे सारे कर्मियों तक एक लाइन का मैसेज पहुंच गया कि डाटा को यथास्थिति सुरक्षित किया जाए. 80 प्रतिशत काम पूरा होने की बात कही गयी थी.

पटनाः पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार में जातीय गणन का काम एक बार फिर से शुरू हो गया. बुधवार को फुलवारी नगर परिषद के वार्ड संख्या 10 खोजा ईमली में जातीय गणना के काम का पटना के डीएम चन्द्रशेखर सिंह ने निरीक्षण किया. डीएम ने आम लोगों से भी मुलाकात की. इस काम में लगे कर्मचारियों से मुलाकात करते हुए सही व ठीक ढंग से आंकड़े के हिसाब से काम करने का आदेश दिया.

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"कोर्ट के आदेश के बाद आज फिर से जातीय गणना का काम शुरू हो गया. लगभग 15 हजार लोगों को पटना में गणना के लिए लगाया गया है. एक सप्ताह में जाति आधारित गणना का काम पूरा हो जायेगा."- चंद्रशेखर सिंह, डीएम पटना

बिहार में जातीय गणना का आदेश जारी : बिहार में जातीय गणना के मामले में पटना हाई कोर्ट ने एक अगस्त को बिहार सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है. अदालत के इस फैसले के बाद सरकार ने जाति आधारित गणना कराने को लेकर आदेश जारी कर दिया. सभी जिलों के जिलाधिकारी को भेजे गए आदेश में कहा गया कि बिहार में जाति आधारित गणना 2022 को फिर से शुरू किया जाय. पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना के विरुद्ध दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दी है.

हाई कोर्ट ने लगायी थी रोकः बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने चार मई को जातीय गणना पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया था. कुछ ही घंटे में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश पर तमाम जिलाधिकारियों के जरिए गणना में लगे सारे कर्मियों तक एक लाइन का मैसेज पहुंच गया कि डाटा को यथास्थिति सुरक्षित किया जाए. 80 प्रतिशत काम पूरा होने की बात कही गयी थी.

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