पटनाः विधानसभा के मॉनसून सत्र की कार्यवाही का आज ग्यारहवां दिन है. सदन में शिक्षा और शिक्षकों से जुड़ा मामला छाया रहा. कार्यवाही के दौरान संबद्ध इंटर और डिग्री कॉलेजों के घाटा अनुदान और अनुकंपा पर बहाली के मुद्दे पर सवाल उठाए गए. ये सवाल भाजपा सदस्य नवल किशोर यादव ने पूछा. जिसका जवाब शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने दिया.
अनुकंपा पर बहाली का उठा सवाल
सदन में नवल किशोर यादव ने अनुकंपा के आधार पर शिक्षकों की बहाली का मामला सदन में उठाया. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रितों को नौकरी के लिए भटकना पड़ रहा है. इसका जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि सेवाकाल के दौरान शिक्षक की मृत्यु के बाद अनुकंपा पर उसके परिवार के सदस्यों की बहाली की जाती है. लेकिन इसके लिए टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य हो जाता है. इस नियम की वजह से थोड़ी कठिनाइयां आ रही है.
वहीं, महाविद्यालयों के कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को घाटा अनुदान देने के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि घाटा अनुदान देने के लिए सरकार विचार कर रही है. हालांकि शिक्षा मंत्री के बयान से सदन के मेम्बर संतुष्ट नहीं हुए.
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पटना: छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर कांग्रेस का हंगामा, सरकार से की जांच की मांग
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पूर्णिया विश्वविद्यालय से जुड़े मामले पर सवाल
वहीं, राजद के विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह ने पूर्णिया विश्वविद्यालय का मामला भी सदन में उठाया. उन्होंने पूर्णिया विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर पर आरोप लगाया और कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को पूरा करने से रोका जा रहा है. इस पर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी.
नियोजित शिक्षकों के मामले भी सदन में उठे
विधान परिषद में एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर ने शिक्षकों को आई कार्ड देने का मामला उठाया. इस पर सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों को आइ कार्ड क्यों नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने सरकार से नियोजित शिक्षकों को आई कार्ड देने की मांग की. इस मामले पर जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सभी शिक्षकों को सरकार जल्द से जल्द पहचान पत्र उपलब्ध कराएगी.