पटना: राज्य में कोरोना महामारी के बीच प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही भी देखी जा रही है. ताजा मामला पटना जंक्शन पर तैनात चार मजिस्ट्रेटों का है. जिला प्रशासन ने अपने ही चार लापरवाह दंडाधिकारियों के खिलाफ जांच की, जिसमें सभी दोषी पाये गये हैं. सभी अधिकारियों के खिलाफ पटना के गांधी मैदान थाना में एफआईआरदर्ज कर पटना जिला प्रशासन ने इनके ऊपर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
ये भी पढ़ें : रूडी के घर एंबुलेंस मिलने पर गरमायी सियासत, कांग्रेस बोली- यह नरसंहार का मामला
ड्यूटी से मिले गायब
दरअसल, ये पूरा मामला पिछले महीने से जुड़ा हुआ है. जहां पटना सदर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हरिश्चंद्र चौधरी, पटना सिटी भवन प्रमंडल गुलजारबाग के जूनियर इंजीनियर गौतम प्रसाद गोंड और गुलजारबाग अवर प्रमंडल के जूनियर इंजीनियर अखिलेश कुमार, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी अनिल कुमार मिश्रा को डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम से बतौर मजिस्ट्रेट पटना जंक्शन पर नियुक्त की गई थी. बावजूद इसके ये सभी अपने ड्यूटी काल के दौरान गायब रहे.
बगैर सूचना के मिले गायब
सभी चारों मजिस्ट्रेट को अपनी निगरानी में महाराष्ट्र के मुंबई पुणे और अन्य शहरों से राजधानी पटना ट्रेन से पहुंचे पैसेंजरों की कोरोना जांच करवानी थी. लेकिन 12 अप्रैल को चारों मजिस्ट्रेट बगैर किसी सूचना के अपनी ड्यूटी से गायब मिले. ये पूरा मामला पटना जिलाधिकारी तक पहुंचा. जिसके बाद डीएम के तरफ से इस पूरे मामले के जांच के आदेश जारी किए गए.
इसे भी पढ़ें: पटना: NMCH में कोरोना से 12 मरीजों की मौत, मचा हड़कंप
जांच में पाये गये दोषी
वहीं जांच पूरी होने के बाद इन सभी अफसरों को दोषी पाया गया. इसके बाद पटना के गांधी मैदान थाना में स्पेशल एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट अरुण कुमार सिंह के बयान पर विशेष आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और एपेडेमिक डिजीज इज एक्ट 1977 आईपीसी धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया गया है.