पटना: जिला स्वास्थ्य समिति में सोमवार 68 मेडिकल ऑफिसर के लिए एमबीबीएस अभ्यर्थियों का वॉक इन इंटरव्यू का आयोजन किया गया. प्रदेश में मेडिकल ऑफिसर का पद 1 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर है. कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की प्रदेश में कमी है. इस वजह से सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट पर डॉक्टरों की वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से बहाली करने का निर्णय लिया है. वहीं पीएमसीएच में 21 मेडिकल ऑफिसर के पदों के लिए वॉक इन इंटरव्यू का आयोजन किया गया. जिसमें शाम 4 बजे तक 60 एमबीबीएस अभ्यर्थियों ने आवेदन किया.
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महिला अभ्यर्थियों ने भी जमा किया आवेदन
इसी आलोक में सोमवार के दिन पटना जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यालय में काफी संख्या में एमबीबीएस अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी. दिन के 10 बजे से शाम 6 बजे तक वॉक इन इंटरव्यू चलना था. जिसमें दिन के 3 बजे तक 102 अभ्यर्थियों ने मेडिकल ऑफिसर के पद के लिए अपना आवेदन जमा किया था. हालांकि, इन अभ्यर्थियों में महिला अभ्यर्थियों की संख्या करीब 25 के आसपास है.
महामारी के दौरान सेवा का मकसद
मेडिकल ऑफिसर के बहाली में कुछ ऐसे अभ्यर्थी भी पहुंचे जिनके घर में कोरोना से कैजुअलिटी भी हुई है. मगर वह इस आपदा की घड़ी में अपने पढ़ाई का सदुपयोग करने के लिए मानव हित में मरीजों की सेवा करना चाहते हैं. जमुई के रहने वाले अभ्यर्थी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि कोरोना से परिवार में दो कैजुअलिटी हुई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के लिए अभी आपदा का समय चल रहा है. ऐसे में इसे ज्वाइन कर लोगों की सेवा करना चाहते हैं.
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अपने राज्य में सेवा देने का मौका
दरभंगा के रहने वाले एमबीबीएस अभ्यर्थी. डॉ विजय कुमार ने बताया कि जॉब सिर्फ 1 साल के लिए ही है. लेकिन उनका फोकस यह है कि चिकित्सीय सेवा से जुड़कर अधिक से अधिक लोगों की सेवा कर सके. चिकित्सकों के लिए मरीजों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है. इसी उम्मीद से मेडिकल ऑफिसर के पद के लिए अपना रिज्यूम लेकर जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यालय में पहुंचे हैं,
'छपरा जिले के रहना वाला हूं. वर्तमान समय में बंगाल में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हूं. मेरे पिता की इच्छा है कि महामारी के दौरान अपने प्रदेश में ही सेवा दूं, भले ही अभी यह ड्यूटी 1 साल के लिए है बाद में आगे जो होगा देखा जाएगा.' : डॉक्टर सुशील सिंह, अभ्यर्थी