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बिहार में असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली को लेकर अभ्यर्थी चिंतित, दूर नहीं हुई नाराजगी

विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले राजीव कुमार खत्री ने कहा कि पिछले 5 सालों से पटना विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे हैं. लेकिन शैक्षणिक अनुभव में इसका लाभ भी उन्हें नहीं मिलेगा. क्योंकि पटना विश्वविद्यालय में कई सालों से एडहॉक की बहाली नहीं हुई है.

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Published : Aug 31, 2020, 10:32 PM IST

पटना: बिहार में जल्द ही असिस्टेंट प्रोफेसर के लगभग 4500 रिक्त पड़े सीटों के लिए वैकेंसी आने वाली है. वैकेंसी को लेकर सरकार द्वारा नई नियमावली जारी की गई, जिसको लेकर राज्य के अभ्यर्थियों और छात्रों में काफी नाराजगी थी.

पटना विश्वविद्यालय
मायानंद, शोधार्थी, पटना विश्वविद्यालय

छात्रों और शिक्षाविदों की नाराजगी को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 अगस्त के दिन घोषणा की कि राज्य के छात्रों का हित ध्यान रखा जाएगा. इसके बाद सरकार ने असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए एमफिल करने पर अलग से 10 नंबर का जो प्रावधान था उसे हटा दिया. लेकिन अभी भी असिस्टेंट प्रोफेसर के बहाली का इंतजार कर रहे है. छात्रों के मन में असंतोष है और इसी असंतोष को लेकर सरकार से नाराजगी भी है.

'हटा दिया गया शैक्षणिक अनुभव का कॉलम'
छात्र मायानंद ने कहा कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री ने जब घोषणा किया कि असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली के लिए नए नियमावली में बदलाव की जाएगी. तो उन्हें विश्वास था कि बिहार के अभ्यर्थियों और छात्रों के हित को देखते हुए सरकार काम करेगी. उन्होंने कहा कि ना जाने कौन सी लॉबी लगी हुई है, जो मुख्यमंत्री के बाद को भी दबाने का प्रयास कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य के अभ्यर्थियों को तभी नियमावली में संशोधन का फायदा होता, जब यहां डोमिसाइल नीति लागू की जाती है और शैक्षणिक अनुभव के कॉलम को हटा दिया गया होता.

देखें रिपोर्ट

'शैक्षणिक अनुभव का नहीं मिलेगा लाभ'
विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले राजीव कुमार खत्री ने कहा कि पिछले 5 सालों से पटना विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे हैं. लेकिन शैक्षणिक अनुभव में इसका लाभ भी उन्हें नहीं मिलेगा. क्योंकि पटना विश्वविद्यालय में कई सालों से एडहॉक की बहाली नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि जब भी राज्य में असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली निकलती है. तो दूसरे राज्यों के छात्र भर जाते हैं और अन्य राज्य डोमिसाइल नीति अपनाते हैं. इस कारण बिहार के छात्रों को दूसरे राज्यों में मौका नहीं मिल पाता.

क्या कहते हैं गेस्ट टीचर
पटना विश्वविद्यालय में ही गेस्ट टीचर के रूप में पढ़ाने वाले श्रीमन नारायण पाठक ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली में शैक्षणिक अनुभव का 10 अंक है और राज्य में जो कुछ भी गेस्ट टीचर के रूप में बहाली हुई है. वह पिछले एक-दो वर्षों में हुई है. ऐसे में शैक्षणिक अनुभव के 1 से 2 अंक मिलेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि शैक्षणिक अनुभव को हटाकर इसके अंक नेट के क्वालिफिकेशन पर जोड़ दिया जाए. तो राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षक आएंगे.

पटना: बिहार में जल्द ही असिस्टेंट प्रोफेसर के लगभग 4500 रिक्त पड़े सीटों के लिए वैकेंसी आने वाली है. वैकेंसी को लेकर सरकार द्वारा नई नियमावली जारी की गई, जिसको लेकर राज्य के अभ्यर्थियों और छात्रों में काफी नाराजगी थी.

पटना विश्वविद्यालय
मायानंद, शोधार्थी, पटना विश्वविद्यालय

छात्रों और शिक्षाविदों की नाराजगी को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 अगस्त के दिन घोषणा की कि राज्य के छात्रों का हित ध्यान रखा जाएगा. इसके बाद सरकार ने असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए एमफिल करने पर अलग से 10 नंबर का जो प्रावधान था उसे हटा दिया. लेकिन अभी भी असिस्टेंट प्रोफेसर के बहाली का इंतजार कर रहे है. छात्रों के मन में असंतोष है और इसी असंतोष को लेकर सरकार से नाराजगी भी है.

'हटा दिया गया शैक्षणिक अनुभव का कॉलम'
छात्र मायानंद ने कहा कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री ने जब घोषणा किया कि असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली के लिए नए नियमावली में बदलाव की जाएगी. तो उन्हें विश्वास था कि बिहार के अभ्यर्थियों और छात्रों के हित को देखते हुए सरकार काम करेगी. उन्होंने कहा कि ना जाने कौन सी लॉबी लगी हुई है, जो मुख्यमंत्री के बाद को भी दबाने का प्रयास कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य के अभ्यर्थियों को तभी नियमावली में संशोधन का फायदा होता, जब यहां डोमिसाइल नीति लागू की जाती है और शैक्षणिक अनुभव के कॉलम को हटा दिया गया होता.

देखें रिपोर्ट

'शैक्षणिक अनुभव का नहीं मिलेगा लाभ'
विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले राजीव कुमार खत्री ने कहा कि पिछले 5 सालों से पटना विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे हैं. लेकिन शैक्षणिक अनुभव में इसका लाभ भी उन्हें नहीं मिलेगा. क्योंकि पटना विश्वविद्यालय में कई सालों से एडहॉक की बहाली नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि जब भी राज्य में असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली निकलती है. तो दूसरे राज्यों के छात्र भर जाते हैं और अन्य राज्य डोमिसाइल नीति अपनाते हैं. इस कारण बिहार के छात्रों को दूसरे राज्यों में मौका नहीं मिल पाता.

क्या कहते हैं गेस्ट टीचर
पटना विश्वविद्यालय में ही गेस्ट टीचर के रूप में पढ़ाने वाले श्रीमन नारायण पाठक ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली में शैक्षणिक अनुभव का 10 अंक है और राज्य में जो कुछ भी गेस्ट टीचर के रूप में बहाली हुई है. वह पिछले एक-दो वर्षों में हुई है. ऐसे में शैक्षणिक अनुभव के 1 से 2 अंक मिलेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि शैक्षणिक अनुभव को हटाकर इसके अंक नेट के क्वालिफिकेशन पर जोड़ दिया जाए. तो राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षक आएंगे.

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