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Canal Dam Broken In Bihta: 200 बीघे फसल पानी में डूबा, जल संसाधन विभाग की लापरवाही से किसान आक्रोशित

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Published : Jan 23, 2023, 5:52 PM IST

जल संसाधन विभाग की लापरवाही से किसान (Negligence of water resources department) परेशान हैं. रामतरी गांव में पिछले कई वर्षों से नहर में आज तक सरकार ने पानी तक नहीं भेजा और अब पानी आया तो किसान परेशान हो गए. बीती रात अचानक नहर में पानी आने के बाद नहर का बांध टूट गया. नहर के आसपास लगभग 200 बीघा में लगे गेहूं का फसल पानी में डूब गयी. परेशान किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

नहर का बांध टूटने से किसान परेशान
नहर का बांध टूटने से किसान परेशान
रामतरी गांव में नहर के पानी से डूबी फसल

पटना: राजधानी पटना से सटे बिहटा प्रखंड का है कुंजवा पंचायत के रामतरी गांव के किसान जल संसाधन विभाग की लापरवाही के कारण परेशान हैं. रामतरी गांव में पिछले कई वर्षों से नहर में आज तक सरकार ने पानी तक नहीं भेजा और अब पानी आया तो किसान परेशान हैं. बीते रात्रि अचानक नहर में पानी आने के बाद नहर का बांध टूट गया और नहर के आसपास लगभग 200 बीघा में लगे किसान के गेहूं के फसल डूब गई. किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें : Patna News : एक ऐसा रेलवे स्टेशन, जहां सैकड़ों की संख्या में जंजीरों से बंधी मिलेंगी साइकिल.. जानिये वजह

किसानों ने की मुआवजे की मांग: सुबह जब फसल डूबने की सूचना मिली तो गांव के तमाम किसान भागे दौड़े अपने खेत पर पहुंचे, लेकिन तब तक पूरा खेत और फसल जलमग्न हो चुका था. इस लापरवाही के कारण किसानों में सरकार के प्रति काफी आक्रोश है. किसान फसल नुकसान का मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद पंचायत के मुखिया अमित कुमार ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन एवं जल संसाधन विभाग को दी.

"पानी विभाग के तरफ से समय-समय पर दिया जाता है, लेकिन पिछले कई सालों से इस नहर का साफ-सफाई नहीं हो पायी और नहर में कई जगह पर छेद था जिसके कारण यह घटना घटी है. फिलहाल मजदूरों को नहर को दुरुस्त करने में लगाया गया है. बांध की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है." -सतीश कुमार, कार्यपालक अभियंता, जल संसाधन विभाग

जल संसाधन विभाग के अधिकारी पहुंचे गांव: नहर का बांद टूटने की खबर मिलते ही जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता सतीश कुमार अपने तमाम पदाधिकारी के साथ गांव में पहुंचे. इस घटना को लेकर तमाम किसानों से बात की, लेकिन किसान काफी आक्रोश और मुआवजे की मांग कर रहे है. बांध टूटने के बाद पंचायत के मुखिया अमित कुमार नहर के बांध को बंद करने के लिए मजदूरों के जरिए मरम्मत का कार्य तेजी से कराया जा रहा है, ताकि कुछ फसल को पानी से बचाया जा सके.

"कर्ज लेकर गेहूं का फसल लगाई थी लेकिन अचानक नहर में पानी का बहाव और बांध का टूटना उनके परिवार के लिए काफी दुख की बात है. अब फसल नुकसान होने के बाद उनका परिवार कैसे चलेगा. वह भी सोच रही हैं सरकार से अपने फसल का नुकसान का मुआवजा का मांग कर रही है." -सुशीला देवी, महिला किसान
"जीवन में आज तक इतना पानी इस नहर में कभी भी विभाग के द्वारा नहीं दिया. कल रात में अचानक इतना तेज बहाव से पानी आया कि फसल पानी में डूब गया. समय पर पानी ना मिलने के कारण किसान कर्ज लेकर पटवन करते हैं और फसल लगाते हैं. सरकार से हमारी मांग है कि जो भी किसान की फसल का नुकसान हुआ है. वह मुआवजा के तौर पर दिया जाए ताकि उनका परिवार भी चल सके." -अमित कुमार, मुखिया

कई सालों से नहर में नहीं आया पानी: पंचायत के मुखिया अमित कुमार ने बताया कि जल संसाधन के नहर विभाग का घोर लापरवाही सामने आयी है. कई बार नहर विभाग को सूचना दिया गया है कि पानी दिया जाए. समय पर लेकिन पानी नहीं मिला. इधर दो-चार दिन पहले काफी तेज बहाव के बाद पानी आया उस समय भी अधिकारियों को सूचना दी गई, लेकिन अधिकारी बात को अनसुना कर दिया और रविवार (कल) की रात में अचानक तेज बहाव से पानी को नहर विभाग ने छोड़ा दिया. जिससे रामतरी गांव के कई किसान का लगभग 200 बीघा गेहूं का फसल जलमग्न हो गया.

रामतरी गांव में नहर के पानी से डूबी फसल

पटना: राजधानी पटना से सटे बिहटा प्रखंड का है कुंजवा पंचायत के रामतरी गांव के किसान जल संसाधन विभाग की लापरवाही के कारण परेशान हैं. रामतरी गांव में पिछले कई वर्षों से नहर में आज तक सरकार ने पानी तक नहीं भेजा और अब पानी आया तो किसान परेशान हैं. बीते रात्रि अचानक नहर में पानी आने के बाद नहर का बांध टूट गया और नहर के आसपास लगभग 200 बीघा में लगे किसान के गेहूं के फसल डूब गई. किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

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किसानों ने की मुआवजे की मांग: सुबह जब फसल डूबने की सूचना मिली तो गांव के तमाम किसान भागे दौड़े अपने खेत पर पहुंचे, लेकिन तब तक पूरा खेत और फसल जलमग्न हो चुका था. इस लापरवाही के कारण किसानों में सरकार के प्रति काफी आक्रोश है. किसान फसल नुकसान का मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद पंचायत के मुखिया अमित कुमार ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन एवं जल संसाधन विभाग को दी.

"पानी विभाग के तरफ से समय-समय पर दिया जाता है, लेकिन पिछले कई सालों से इस नहर का साफ-सफाई नहीं हो पायी और नहर में कई जगह पर छेद था जिसके कारण यह घटना घटी है. फिलहाल मजदूरों को नहर को दुरुस्त करने में लगाया गया है. बांध की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है." -सतीश कुमार, कार्यपालक अभियंता, जल संसाधन विभाग

जल संसाधन विभाग के अधिकारी पहुंचे गांव: नहर का बांद टूटने की खबर मिलते ही जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता सतीश कुमार अपने तमाम पदाधिकारी के साथ गांव में पहुंचे. इस घटना को लेकर तमाम किसानों से बात की, लेकिन किसान काफी आक्रोश और मुआवजे की मांग कर रहे है. बांध टूटने के बाद पंचायत के मुखिया अमित कुमार नहर के बांध को बंद करने के लिए मजदूरों के जरिए मरम्मत का कार्य तेजी से कराया जा रहा है, ताकि कुछ फसल को पानी से बचाया जा सके.

"कर्ज लेकर गेहूं का फसल लगाई थी लेकिन अचानक नहर में पानी का बहाव और बांध का टूटना उनके परिवार के लिए काफी दुख की बात है. अब फसल नुकसान होने के बाद उनका परिवार कैसे चलेगा. वह भी सोच रही हैं सरकार से अपने फसल का नुकसान का मुआवजा का मांग कर रही है." -सुशीला देवी, महिला किसान
"जीवन में आज तक इतना पानी इस नहर में कभी भी विभाग के द्वारा नहीं दिया. कल रात में अचानक इतना तेज बहाव से पानी आया कि फसल पानी में डूब गया. समय पर पानी ना मिलने के कारण किसान कर्ज लेकर पटवन करते हैं और फसल लगाते हैं. सरकार से हमारी मांग है कि जो भी किसान की फसल का नुकसान हुआ है. वह मुआवजा के तौर पर दिया जाए ताकि उनका परिवार भी चल सके." -अमित कुमार, मुखिया

कई सालों से नहर में नहीं आया पानी: पंचायत के मुखिया अमित कुमार ने बताया कि जल संसाधन के नहर विभाग का घोर लापरवाही सामने आयी है. कई बार नहर विभाग को सूचना दिया गया है कि पानी दिया जाए. समय पर लेकिन पानी नहीं मिला. इधर दो-चार दिन पहले काफी तेज बहाव के बाद पानी आया उस समय भी अधिकारियों को सूचना दी गई, लेकिन अधिकारी बात को अनसुना कर दिया और रविवार (कल) की रात में अचानक तेज बहाव से पानी को नहर विभाग ने छोड़ा दिया. जिससे रामतरी गांव के कई किसान का लगभग 200 बीघा गेहूं का फसल जलमग्न हो गया.

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