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पटना में विदेशी शराब का जखीरा बरामद, झोपड़ी में छिपाकर रखी गई थी अंग्रेजी दारू

बिहार में जहरीली शराबकांड (Bihar Hooch Tragedy) के बाद पटना पुलिस शराब कारोबारियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. इसी कड़ी में पुलिस ने विदेशी की खेप को जब्त किया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Dec 25, 2022, 9:00 PM IST

पटनाः सारण में जहरीली शराब से मौतों (Chapra Hooch Tragedy) के बाद पुलिस और प्रशासनिक महकमे में बवाल मचा हुआ है. एक-एक बोतल शराब और एक-एक शराबियों की तलाश में पुलिस और उत्पाद विभाग ने पूरी ताकत झोंक दी है. इसी कड़ी में पटना के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के यारपुर पुल के नीचे स्थित मुसहरी के एक झोपड़ी से पुलिस ने महंगे ब्रांड के कुल 97 लीटर अंग्रेजी अवैध शराब की खेप बरामद (Liquor Recovered In Patna) किया है.

ये भी पढ़ें-Chapra hooch tragedy: शराब निर्माण में दूसरे केमिकल का हुआ इस्तेमाल, ADG पुलिस मुख्यालय का बड़ा खुलासा

"राजधानी पटना में क्रिसमस और नये साल के जश्न के लिए शराब तस्कर तैयारी कर रहे थे. लेकिन पटना पुलिस शराब तस्करों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयारी कर रखी है. इसी कड़ी में गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के यारपुर पुल के नीचे शराब की खेप बरामद किया गया है." -गर्दानीबाग थाना के पुलिस पदाधिकारी

क्रिसमस पर शराब खपाने की तैयारीः दरअसल क्रिसमस के दिन गर्दनीबाग इलाके में महंगी शराब की खेप को खपाने की तैयारी शराब माफियाओं के द्वारा चल रही थी. इस बात की गुप्त सूचना गर्दनीबाग थाना प्रभारी को मिली. गुप्त सूचना के आधार पर सादे लिबास में यारपुर पुल के नीचे स्थित मुसहरी में छः अलग-अलग महंगे ब्रांडों की विदेशी शराब की बोतलों को जब्त किया. वहीं शराब मौके से फरार होने में सफल रहा.

बिहार में पूर्ण शराबबंदी: बच्चों की शिक्षा में खर्च कर रहे हैं. यह सर्वे किया गया था. सर्वे एक तरह से सरकार के पक्ष में ही था. अब एक बार फिर से नीतीश कुमार व्यापक स्तर पर सर्वे कराने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि इससे पहले इसी साल आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय और ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट की ओर से स्टडी किया गया था. जिसमें 80% लोगों ने शराबबंदी के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. लेकिन अब शराबबंदी से क्या फायदे हुए हैं, इसका व्यापक सर्वे होगा और लोगों का क्या सुझाव है, उस पर भी आगे रणनीति तैयार होगी. कानून व्यवस्था और शराबबंदी को लेकर ही मुख्यमंत्री ने आर एस भट्टी को डीजीपी पद की जिम्मेवारी दी है.

शराबबंदी को लेकर बिहार में संग्राम: मुख्यमंत्री नए साल में ग्रामीण इलाकों का भ्रमण करने वाले भी हैं और उसमें शराबबंदी बड़ा मुद्दा होगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने विभाग को भी निर्देश दिया है कि शराब के अवैध धंधे में लगे लोगों को पकड़े न की पीने वालों को. राजनीतिक विशेषज्ञ रवि उपाध्याय का भी कहना है कि सबकुछ 2024 की तैयारी है. क्योंकि नीतीश कुमार का यूएसपी कानून व्यवस्था है. और शराबबंदी को लेकर भी नीतीश कुमार अडिग है. अब बड़ी जिम्मेदारी उन्होंने आर एस भट्टी को दे दी है. क्योंकि बीजेपी इसी दोनों मुद्दे को भुनाने में लगी है और आगे भी इसको मुद्दा बनाने की तैयारी है.

पटनाः सारण में जहरीली शराब से मौतों (Chapra Hooch Tragedy) के बाद पुलिस और प्रशासनिक महकमे में बवाल मचा हुआ है. एक-एक बोतल शराब और एक-एक शराबियों की तलाश में पुलिस और उत्पाद विभाग ने पूरी ताकत झोंक दी है. इसी कड़ी में पटना के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के यारपुर पुल के नीचे स्थित मुसहरी के एक झोपड़ी से पुलिस ने महंगे ब्रांड के कुल 97 लीटर अंग्रेजी अवैध शराब की खेप बरामद (Liquor Recovered In Patna) किया है.

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"राजधानी पटना में क्रिसमस और नये साल के जश्न के लिए शराब तस्कर तैयारी कर रहे थे. लेकिन पटना पुलिस शराब तस्करों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयारी कर रखी है. इसी कड़ी में गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के यारपुर पुल के नीचे शराब की खेप बरामद किया गया है." -गर्दानीबाग थाना के पुलिस पदाधिकारी

क्रिसमस पर शराब खपाने की तैयारीः दरअसल क्रिसमस के दिन गर्दनीबाग इलाके में महंगी शराब की खेप को खपाने की तैयारी शराब माफियाओं के द्वारा चल रही थी. इस बात की गुप्त सूचना गर्दनीबाग थाना प्रभारी को मिली. गुप्त सूचना के आधार पर सादे लिबास में यारपुर पुल के नीचे स्थित मुसहरी में छः अलग-अलग महंगे ब्रांडों की विदेशी शराब की बोतलों को जब्त किया. वहीं शराब मौके से फरार होने में सफल रहा.

बिहार में पूर्ण शराबबंदी: बच्चों की शिक्षा में खर्च कर रहे हैं. यह सर्वे किया गया था. सर्वे एक तरह से सरकार के पक्ष में ही था. अब एक बार फिर से नीतीश कुमार व्यापक स्तर पर सर्वे कराने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि इससे पहले इसी साल आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय और ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट की ओर से स्टडी किया गया था. जिसमें 80% लोगों ने शराबबंदी के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. लेकिन अब शराबबंदी से क्या फायदे हुए हैं, इसका व्यापक सर्वे होगा और लोगों का क्या सुझाव है, उस पर भी आगे रणनीति तैयार होगी. कानून व्यवस्था और शराबबंदी को लेकर ही मुख्यमंत्री ने आर एस भट्टी को डीजीपी पद की जिम्मेवारी दी है.

शराबबंदी को लेकर बिहार में संग्राम: मुख्यमंत्री नए साल में ग्रामीण इलाकों का भ्रमण करने वाले भी हैं और उसमें शराबबंदी बड़ा मुद्दा होगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने विभाग को भी निर्देश दिया है कि शराब के अवैध धंधे में लगे लोगों को पकड़े न की पीने वालों को. राजनीतिक विशेषज्ञ रवि उपाध्याय का भी कहना है कि सबकुछ 2024 की तैयारी है. क्योंकि नीतीश कुमार का यूएसपी कानून व्यवस्था है. और शराबबंदी को लेकर भी नीतीश कुमार अडिग है. अब बड़ी जिम्मेदारी उन्होंने आर एस भट्टी को दे दी है. क्योंकि बीजेपी इसी दोनों मुद्दे को भुनाने में लगी है और आगे भी इसको मुद्दा बनाने की तैयारी है.

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