पटनाः आदित्य बिरला फैशन एंड रिटेल ने वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को अपनी 7.8 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दे दी है. इस सौदे की शर्तों को एफडीआई नीति का उल्लंघन बताते हुए कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बिहार सहित पूरे देश से बुधवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भेजकर इस सौदे को अनुमति न देने की मांग की है. कैट ने कहा है कि सरकार पहले इस सौदे की शर्तों को समझे कि किस प्रकार एफडीआई पॉलिसी का उल्लंघन हो रहा है. इसकी कमियों को दूर करने के बाद ही कोई इजाजत दे, अन्यथा इस सौदे को रद्द किया जाए.
बिरला परिवार पर उठाए सवाल
कैट ने खेद व्यक्त करते हुए कहा की देश भर के व्यापारी बिरला परिवार को बेहद सम्मान की दृष्टि से देखते हैं. क्योंकि बिरला परिवार का देश के आर्थिक, व्यापारिक, सामाजिक और धार्मिक विकास में बड़ा योगदान है. भारत की आजादी में भी बिरला परिवार ने एक बड़ी भूमिका का निर्वाह किया है, किन्तु इसी बिरला परिवार के वंशज अब उन विदेशी कंपनियों के साथ गठजोड़ कर रहे हैं, जिन्होंने ने देश के व्यापार को कब्जा करने और व्यापारियों को प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
एफडीआई पॉलिसी का उल्लंघन
कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी और अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने बताया की स्टॉक एक्सचेंज को दिए गए अपने घोषणा वक्तव्य में आदित्य बिरला फैशन रिटेल ने बताया है की वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली कंपनी फ्लिपकार्ट उसकी कंपनी में 7.8 प्रतिशत हिस्सा खरीद रही है और इस सौदे के बाद फ्लिपकार्ट ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर आदित्य बिरला फैशन रिटेल एक प्रेफर्ड सेलर के रूप में काम करेगा. यह सीधे तौर पर एफडीआई पॉलिसी के प्रेस नोट न. 2 /2018 के पैरा 5 .2 .15 .2 .4 (v) का उल्लंघन है.
सवालों के घेरे में फ्लिपकार्ट
मौजूदा एफडीआई पॉलिसी किसी भी विदेशी कंपनी को ऐसी किसी भी कंपनी में जिसमें उसका निवेश हो कोई कामर्स सहित मल्टी ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग में किसी भी प्रकार के गठजोड़ की अनुमति नहीं देती है. फिर चाहे वो ऑनलाइन ई कॉमर्स प्लेटफार्म से ही क्यों न जुड़ा हो या बिजनेस टू बिजनेस की आड़ में ई कॉमर्स पर सामान बेचना हो. इस प्रावधान की दृष्टि से फ्लिपकार्ट का निवेश करने के बाद आदित्य बिरला फैशन रिटेल फ्लिपकार्ट या उससे संबंधित किसी भी ई कॉमर्स पोर्टल पर अपना सामान बेचने के लिए प्रतिबंधित हो जाता है, जबकि ठीक इस प्रावधान के विरुद्ध जाते हुए आदित्य बिरला कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दिए अपने घोषणा वक्तव्य में फ्लिपकार्ट के पोर्टल पर अपना सामान बेचने की बात कही है.
'...ताकि छोटे व्यापारियों को ना हो नुकसान'
कैट ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को पहले ही समझते हुए एफडीआई पॉलिसी में इस संभावना को प्रतिबंधित कर दिया था. जिससे सरकार की यह नीयत साफ पता चलती है कि देश में ई कॉमर्स के माध्यम से व्यापार बढ़े और व्यापार के आधुनिक तरीके भारत के व्यापार में भी अपनाए जाएं. किन्तु इस सबसे देश के छोटे व्यापारियों को कोई नुक्सान नहीं उठाना पड़े, इस लिहाज से ही यह प्रावधान बहुत ही स्पष्ट तरीके से एफडीआई पॉलिसी में लाया गया था. किन्तु फ्लिपकार्ट सहित अन्य ई कॉमर्स कंपनियों की ओर से पूर्व में इस प्रावधान का उल्लंघन किए जाने और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से एक बार फिर फ्लिपकार्ट को बढ़ावा मिला है और अब आदित्य बिरला फैशन रिटेल के साथ मिलकर फ्लिपकार्ट ने फिर एफडीआई पॉलिसी के उल्लंघन का साहस किया है.