पटना: वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बिहार विधानसभा में सीएजी की 31 मार्च 2018 को समाप्त हुए वर्ष का प्रतिवेदन सदन पटल पर रखा. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कई विभागों की वित्तीय अनियमितता का उजागर किया है. अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकार को खनन विभाग में 710.18 करोड़ के राजस्व की हानि होने का खुलासा किया है.
बिहार विधानसभा की कार्यवाही कोरोना वायरस के को लेकर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई. लेकिन स्थगित होने से पहले उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील मोदी ने 31 मार्च 2018 को समाप्त हुए वर्ष का सीएजी प्रतिवेदन सदन पटल पर रखा. सीएजी ने एक बार फिर से कई विभागों में की गई अनियमितता का उजागर किया है.
गया, रोहतास और औरंगाबाद की खदानों में लापरवाही
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पत्थर खदानों के बंदोबस्ती में अधिकारियों की लापरवाही से सरकार को 710.18 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है. सीएजी की रिपोर्ट में गया की पत्थर खदानों के 10 खंड, रोहतास के पत्थर खदानों के तीन खंड, औरंगाबाद के पत्थर खदानों का एक खंड की बंदोबस्ती नहीं होने या फिर समय से नहीं होने के कारण सरकार 710.18 करोड़ राजस्व से वंचित हो गई.
अंतिम दिन की गई 55% राशि सरेंडर
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक अपनी रिपोर्ट में कई विभागों में अनियमितता की बात की है. सीएजी ने रिपोर्ट में कहा है कि 34 हजार 570 करोड़ से अधिक की राशि सरेंडर कर दी गई, जिसमें 11 हजार 826 करोड़ लैप्स हो गया. वहीं, 19 हजार 42 करोड़ की राशि मार्च 2018 के अंतिम दिन सरेंडर कर दी गई, जो सरेंडर किए गए कुल राशि का 55% है.
124 प्रोजेक्ट अधूरे- सीएजी
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि 127 प्रोजेक्ट में से जिसकी लागत 1 हजार 819.64 करोड़ थी. 2011- 12 से 2017- 18 तक केवल तीन प्रोजेक्ट ही पूरा हुआ. शेष 124 प्रोजेक्ट आधा अधूरा पड़े हुए हैं. इसकी लागत 1 हजार 798.64 करोड़ है. इसी तरह की खामियों को सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में उजागर किया है. ऐसे में देखना है, सरकार इन खामियों को किस प्रकार से लेती है.