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बिहार के कई और शहरों से दूसरे राज्यों के लिए बढ़ेगी बस की कनेक्टिविटी, सेवा शुरू करने का प्रपोजल तैयार - bihar buses for jharkhand

बिहार के सभी शहरों से झारखंड, यूपी व अन्य राज्यों तक बसों का परिचालन करने को लेकर परिवहन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. परिवहन विभाग सबसे पहले बिहार और झारखंड के बीच 210 रूटों पर बसों का परिचालन बढ़ाने को लेकर काम कर रहा है. पढ़िए पूरी खबर..

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Published : Oct 13, 2021, 12:43 PM IST

पटना: सड़कें बेहतर होने के बाद अब बिहार के विभिन्न शहरों से दूसरे राज्यों के लिए बसों (Bus Service In Bihar) की डिमांड हो रही है. यही वजह है कि अब रेल और हवाई मार्ग के अलावा सड़क मार्ग से कनेक्टिविटी को लेकर बिहार का परिवहन विभाग (Bihar Transport Department) विशेष तैयारी कर रहा है. परिवहन विभाग सिर्फ पटना ही नहीं बल्कि बिहार के अन्य शहरों से यूपी, झारखंड और पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों के लिए बसें चलाने की तैयारी में है.

यह भी पढ़ें- भागलपुर क्षेत्र के सभी दार्शनिक और धार्मिक स्थलों के लिए चलेंगी अब CNG बसें, ऐसा होगा सफर

परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि यूपी, झारखंड और पश्चिम बंगाल से बिहार का समझौता है. सड़कें बेहतर होने की वजह से अब 1000 और 1500 किलोमीटर की दूरी भी ज्यादा नहीं रह गई है, इसलिए डिमांड और जरूरत के हिसाब से पटना,मुजफ्फरपुर, भभुआ, दरभंगा समेत अन्य शहरों से अन्य राज्यों के विभिन्न शहरों के लिए भी बसों के परिचालन की तैयारी हो रही है.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लिया स्पीड टेस्ट, 170 KM प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी कार

परिवहन विभाग ने बिहार और झारखंड के बीच 210 मार्गों पर बसों के परिचालन के लिए 22 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन मांगा है. 19 नवंबर को राज्य परिवहन प्राधिकार बसों के परमिट पर अंतिम मुहर लगाएगा, जिसके बाद बसों का परिचालन शुरू हो सकेगा. संभावना जताई जा रही है कि इसी वर्ष दिसंबर से राज्य के सभी शहरों से झारखंड जाने की सुविधा लोगों को मिल सकेगी. यही नहीं यूपी और पश्चिम बंगाल के लिए भी विभिन्न शहरों से बस सेवा शुरू हो सकती है.

परिवहन विभाग के मुताबिक आरा से गिरिडीह, नवादा से टाटा, दरभंगा से बोकारो, हजारीबाग से किशनगंज, मुजफ्फरपुर से धनबाद, छपरा से टाटा, छपरा से बोकारो, मुंगेर से टाटा, जमुई से टाटा, हिसुआ से रांची, भभुआ से रांची, गया से बोकारो, औरंगाबाद से गिरिडीह, बेगूसराय से देवघर, खगड़िया से धनबाद, भागलपुर से रांची और सिवान से हजारीबाग समेत कई अन्य रूट हैं, जहां अभी बसों का परिचालन नहीं हो रहा है.

पटना से रांची के बीच 500 बसों की परमिट उपलब्ध है लेकिन महज 35 बसों का परिचालन हो रहा है. वहीं पटना से टाटा के बीच 157, हजारीबाग-पटना के बीच 157 और देवघर के लिए 121 बसों का परमिट खाली है.

यह भी पढ़ें- पटना से राजगीर होते हुए बोधगया तक चलेगी इलेक्ट्रिक बस, कई और जगहों के लिए शुरू होगी बस सेवा

"कोरोना की वजह से बंद पड़ी पटना से नेपाल के बीच बस सेवा जल्द शुरू हो सकती है. नेपाल सरकार से हरी झंडी मिलते ही काठमांडू और जनकपुर के लिए बसों का परिचालन शुरू हो जाएगा. सड़कें अच्छी होने के कारण अब बसों की मांग हो रही है. हमारी कोशिश है कि अन्य राज्यों के साथ समझौते किए जाए.नियमित बसों को चलाने के लिए परमिट जरुरी है."- संजय कुमार अग्रवाल, परिवहन सचिव, बिहार

यह भी पढ़ें- गया का बदहाल बस स्टैंड, मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते कर्मचारी से लेकर यात्री

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि दिल्ली से समझौता करने की कोशिश जारी है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ कुछ मार्गों पर समझौता है, जिसके कारण गाजियाबाद तक बसें जा रही हैं.

पटना: सड़कें बेहतर होने के बाद अब बिहार के विभिन्न शहरों से दूसरे राज्यों के लिए बसों (Bus Service In Bihar) की डिमांड हो रही है. यही वजह है कि अब रेल और हवाई मार्ग के अलावा सड़क मार्ग से कनेक्टिविटी को लेकर बिहार का परिवहन विभाग (Bihar Transport Department) विशेष तैयारी कर रहा है. परिवहन विभाग सिर्फ पटना ही नहीं बल्कि बिहार के अन्य शहरों से यूपी, झारखंड और पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों के लिए बसें चलाने की तैयारी में है.

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परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि यूपी, झारखंड और पश्चिम बंगाल से बिहार का समझौता है. सड़कें बेहतर होने की वजह से अब 1000 और 1500 किलोमीटर की दूरी भी ज्यादा नहीं रह गई है, इसलिए डिमांड और जरूरत के हिसाब से पटना,मुजफ्फरपुर, भभुआ, दरभंगा समेत अन्य शहरों से अन्य राज्यों के विभिन्न शहरों के लिए भी बसों के परिचालन की तैयारी हो रही है.

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परिवहन विभाग ने बिहार और झारखंड के बीच 210 मार्गों पर बसों के परिचालन के लिए 22 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन मांगा है. 19 नवंबर को राज्य परिवहन प्राधिकार बसों के परमिट पर अंतिम मुहर लगाएगा, जिसके बाद बसों का परिचालन शुरू हो सकेगा. संभावना जताई जा रही है कि इसी वर्ष दिसंबर से राज्य के सभी शहरों से झारखंड जाने की सुविधा लोगों को मिल सकेगी. यही नहीं यूपी और पश्चिम बंगाल के लिए भी विभिन्न शहरों से बस सेवा शुरू हो सकती है.

परिवहन विभाग के मुताबिक आरा से गिरिडीह, नवादा से टाटा, दरभंगा से बोकारो, हजारीबाग से किशनगंज, मुजफ्फरपुर से धनबाद, छपरा से टाटा, छपरा से बोकारो, मुंगेर से टाटा, जमुई से टाटा, हिसुआ से रांची, भभुआ से रांची, गया से बोकारो, औरंगाबाद से गिरिडीह, बेगूसराय से देवघर, खगड़िया से धनबाद, भागलपुर से रांची और सिवान से हजारीबाग समेत कई अन्य रूट हैं, जहां अभी बसों का परिचालन नहीं हो रहा है.

पटना से रांची के बीच 500 बसों की परमिट उपलब्ध है लेकिन महज 35 बसों का परिचालन हो रहा है. वहीं पटना से टाटा के बीच 157, हजारीबाग-पटना के बीच 157 और देवघर के लिए 121 बसों का परमिट खाली है.

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"कोरोना की वजह से बंद पड़ी पटना से नेपाल के बीच बस सेवा जल्द शुरू हो सकती है. नेपाल सरकार से हरी झंडी मिलते ही काठमांडू और जनकपुर के लिए बसों का परिचालन शुरू हो जाएगा. सड़कें अच्छी होने के कारण अब बसों की मांग हो रही है. हमारी कोशिश है कि अन्य राज्यों के साथ समझौते किए जाए.नियमित बसों को चलाने के लिए परमिट जरुरी है."- संजय कुमार अग्रवाल, परिवहन सचिव, बिहार

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परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि दिल्ली से समझौता करने की कोशिश जारी है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ कुछ मार्गों पर समझौता है, जिसके कारण गाजियाबाद तक बसें जा रही हैं.

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