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पटना: छात्रों से भरी बस कोटा से बिहार पहुंची, प्रशासन को नहीं लगी भनक - बॉर्डर पर पर्याप्त चेकिंग

सिविल सर्जन राजकिशोर चौधरी ने बताया कि उन्हें फिलहाल इस मामले में पूरी जानकारी नहीं हैं. छात्र खुद से बस की व्यवस्था कर पटना पहुंचे हैं या फिर सरकारी इंतजाम के माध्यम से पटना पहुंचे हैं. इसकी जानकारी भी उन्हें नहीं है. उन्होंने बताया कि इन सभी बातों की जानकारी प्रशासन उन्हें देगी.

सिविल सर्जन राजकिशोर चौधरी
सिविल सर्जन राजकिशोर चौधरी
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Published : Apr 14, 2020, 5:19 PM IST

पटना: कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है. इस पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बार फिर लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ा दी है. कोरोना के संक्रमण को रोकने को लेकर सरकार तमाम प्रयास कर रही है. लेकिन प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण कई चूक भी हो रही है. दरअसल, मामला सोमवार देर रात का है जब कोटा से छात्रों से भरी बस पटना पहुंच गई. आश्चर्य की बात यह कि सिविल सर्जन कार्यालय में जिला प्रशासन की तरफ से इस बात की सूचना नहीं मिली. बल्कि जो छात्र वापस लौटे थे उनके परिजनों और शुभचिंतकों से इस बात की जानकारी सिविल सर्जन कार्यालय को दी.

क्या कहते हैं सिविल सर्जन?
इस पूरे मामले पर पटना के सिविल सर्जन राजकिशोर चौधरी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है. उन्होंने बताया कि हालांकि अभी तक छात्रों की पूरी लिस्ट नहीं मिली है. छात्रों की सूची मिलते ही सभी से संपर्क किया जाएगा और बात कर उन्हें एक जगह बुलाया जाएगा. वहां उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी और जो सस्पेक्ट पाए जाएंगे. उनके सैंपल को कलेक्ट किया जाएगा. सिविल सर्जन ने बताया कि जो छात्र कोटा से पटना पहुंचे हैं. उसकी पूरी जानकारी उनके पास नहीं है कि अभी उन्हें क्वॉरेंटाइन किया गया है या नहीं. उन्हें अभी यह भी जानकारी नहीं है कि कितने बच्चे कोटा से पटना लौटे हैं. उन्होंने बताया कि बस उन्हें यही जानकारी मिली है कि कुछ छात्र कोटा से बस लेकर पटना आ गए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मामले की पूरी जानकारी अभी उन्हें नहीं- सीएस
सिविल सर्जन राजकिशोर चौधरी ने बताया कि उन्हें फिलहाल इस मामले में पूरी जानकारी नहीं हैं. छात्र खुद से बस की व्यवस्था कर पटना पहुंचे हैं या फिर सरकारी इंतजाम के माध्यम से पटना पहुंचे हैं. इसकी जानकारी भी उन्हें नहीं है. उन्होंने बताया कि इन सभी बातों की जानकारी प्रशासन उन्हें देगी. बता दें कि कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य किए सभी सीमावर्ती इलाकों में बॉर्डर पर पर्याप्त चेकिंग करने और जरूरत पड़ने पर डिटेन कर क्वॉरेंटाइन करने का आदेश दिया था. लेकिन कोटा से छात्रों से भरी बस पटना कैसे पहुंच गई. यह प्रशासन के लिए एक गंभीर सवाल है.

पटना: कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है. इस पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बार फिर लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ा दी है. कोरोना के संक्रमण को रोकने को लेकर सरकार तमाम प्रयास कर रही है. लेकिन प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण कई चूक भी हो रही है. दरअसल, मामला सोमवार देर रात का है जब कोटा से छात्रों से भरी बस पटना पहुंच गई. आश्चर्य की बात यह कि सिविल सर्जन कार्यालय में जिला प्रशासन की तरफ से इस बात की सूचना नहीं मिली. बल्कि जो छात्र वापस लौटे थे उनके परिजनों और शुभचिंतकों से इस बात की जानकारी सिविल सर्जन कार्यालय को दी.

क्या कहते हैं सिविल सर्जन?
इस पूरे मामले पर पटना के सिविल सर्जन राजकिशोर चौधरी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है. उन्होंने बताया कि हालांकि अभी तक छात्रों की पूरी लिस्ट नहीं मिली है. छात्रों की सूची मिलते ही सभी से संपर्क किया जाएगा और बात कर उन्हें एक जगह बुलाया जाएगा. वहां उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी और जो सस्पेक्ट पाए जाएंगे. उनके सैंपल को कलेक्ट किया जाएगा. सिविल सर्जन ने बताया कि जो छात्र कोटा से पटना पहुंचे हैं. उसकी पूरी जानकारी उनके पास नहीं है कि अभी उन्हें क्वॉरेंटाइन किया गया है या नहीं. उन्हें अभी यह भी जानकारी नहीं है कि कितने बच्चे कोटा से पटना लौटे हैं. उन्होंने बताया कि बस उन्हें यही जानकारी मिली है कि कुछ छात्र कोटा से बस लेकर पटना आ गए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मामले की पूरी जानकारी अभी उन्हें नहीं- सीएस
सिविल सर्जन राजकिशोर चौधरी ने बताया कि उन्हें फिलहाल इस मामले में पूरी जानकारी नहीं हैं. छात्र खुद से बस की व्यवस्था कर पटना पहुंचे हैं या फिर सरकारी इंतजाम के माध्यम से पटना पहुंचे हैं. इसकी जानकारी भी उन्हें नहीं है. उन्होंने बताया कि इन सभी बातों की जानकारी प्रशासन उन्हें देगी. बता दें कि कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य किए सभी सीमावर्ती इलाकों में बॉर्डर पर पर्याप्त चेकिंग करने और जरूरत पड़ने पर डिटेन कर क्वॉरेंटाइन करने का आदेश दिया था. लेकिन कोटा से छात्रों से भरी बस पटना कैसे पहुंच गई. यह प्रशासन के लिए एक गंभीर सवाल है.

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