ETV Bharat / state

नीति आयोग को पत्र भेजने पर मंत्री अशोक चौधरी की सफाई- 'बिहार के विकास के लिए मांगी केंद्र से मदद'

बिहार पर नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद बिहार सरकार ने आयोग को एक पत्र भेजकर रिपोर्ट पर अपत्ति जताई है. अब सरकार द्वारा भेजे गए इस पत्र पर भवन निर्माण मंत्री (Building Construction Minister) ने क्या कुछ सफाई दी है, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री
अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री
author img

By

Published : Dec 10, 2021, 5:15 PM IST

पटनाः बिहार सरकार ने नीति आयोग की रिपोर्ट (NITI Aayog Report On Bihar) पर पत्र भेजकर आपत्ति दर्ज कराई है और विशेष दर्जे की मांग भी की है. सरकार की ओर से पत्र भेजने पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Choudhary On Letter To NITI Aayog) ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि बिहार में पिछले 16 साल में लगातार विकास के कार्य हुए हैं. बिहार ने अपने संसाधन के हिसाब से हर क्षेत्र में विकास किया है. लेकिन आगे और विकास के लिए केंद्र की मदद की जरूरत है और इसलिए पत्र लिखा गया है.

ये भी पढ़ेंः नीति आयोग की रिपोर्ट में क्यों पिछड़ा बिहार.... क्या है समाधान

भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने नीति आयोग की रिपोर्ट भेजे जाने पर सफाई देते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार ने किस तरह से विकास कार्य किया है किसी से छिपा नहीं है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग किस पैमाने पर रिपोर्ट तैयार करता है उसकी जानकारी हम लोगों को नहीं देता.

देखें वीडियो

'बिहार की क्या स्थिति थी अपने संसाधनों की बदौलत अब तक बिहार के हर क्षेत्र में विकास किया गया है. कृषि का उत्पादन दोगुना किया गया है सिंचित भूमि बढ़ाया गया है. शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली सड़क हर क्षेत्र में काम हुआ है. लेकिन नीति आयोग को बिहार के लिए कुछ और करने की जरूरत है. बिहार तेजी से आगे बढ़े इसके लिए जरूरी है कि केंद्र से विशेष मदद मिले'- अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री

बता दें कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है, उसके बावजूद बिहार सरकार को 3 महीने में दूसरी बार नीति आयोग की रिपोर्ट और विशेष मांग के लिए पत्र लिखना पड़ा है. बिहार सरकार के मंत्री का साफ कहना है कि विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए केंद्र की तरफ से विशेष पहल होना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः नीतीश सरकार के 15 साल.. फिर भी शिक्षा बदहाल, कॉमन स्कूल सिस्टम से सुधरेगी व्यवस्था?

बता दें कि हाल ही में जारी नाति आयोग की रिपोर्ट में विकास के मामले में बिहार की स्थिति बेहतर नहीं बताई गई है. सरकार के दावों और नीति आयोग की रिपोर्ट में सामंजस्य नहीं है. इसके चलते टकराव की स्थिति बन गई है. जदयू नेता नीति आयोग की रिपोर्ट को ही खारिज कर रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार ने खुद भी रिपोर्ट की प्रासंगिकता पर सवाल खड़े किए हैं. विपक्ष ने रिपोर्ट पर तंज कसते हुए यहां तक कहा था कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास के पैमाने पर राष्ट्रीय स्तर पर बिहार सबसे नीचे है और नीतीश कुमार 15 साल का जश्न मना रहे हैं.

नीति आयोग के जारी एसडीजी भारत सूचकांक 2020-21 में केरल ने अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है तो बिहार का प्रदर्शन सबसे बुरा रहा है. सामाजिक आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर नीति आयोग राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का मूल्यांकन करता है. जिसमें बिहार सबसे खराब प्रदर्शन वाला राज्य आंका गया है. इसे लेकर बिहार सरकार ने नीति आयोग को एक पत्र भेजकर रिपोर्ट पर अपत्ति जताई है. अब सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि विकास के लिए केंद्र से मदद की मांग को लेकर पत्र लिखा गया है.

ये भी पढ़ेंः नीति आयोग की रिपोर्ट पर JDU की सफाई- दूसरे राज्यों से नहीं 'जंगलराज' से करें नीतीश सरकार के विकास की तुलना

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटनाः बिहार सरकार ने नीति आयोग की रिपोर्ट (NITI Aayog Report On Bihar) पर पत्र भेजकर आपत्ति दर्ज कराई है और विशेष दर्जे की मांग भी की है. सरकार की ओर से पत्र भेजने पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Choudhary On Letter To NITI Aayog) ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि बिहार में पिछले 16 साल में लगातार विकास के कार्य हुए हैं. बिहार ने अपने संसाधन के हिसाब से हर क्षेत्र में विकास किया है. लेकिन आगे और विकास के लिए केंद्र की मदद की जरूरत है और इसलिए पत्र लिखा गया है.

ये भी पढ़ेंः नीति आयोग की रिपोर्ट में क्यों पिछड़ा बिहार.... क्या है समाधान

भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने नीति आयोग की रिपोर्ट भेजे जाने पर सफाई देते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार ने किस तरह से विकास कार्य किया है किसी से छिपा नहीं है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग किस पैमाने पर रिपोर्ट तैयार करता है उसकी जानकारी हम लोगों को नहीं देता.

देखें वीडियो

'बिहार की क्या स्थिति थी अपने संसाधनों की बदौलत अब तक बिहार के हर क्षेत्र में विकास किया गया है. कृषि का उत्पादन दोगुना किया गया है सिंचित भूमि बढ़ाया गया है. शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली सड़क हर क्षेत्र में काम हुआ है. लेकिन नीति आयोग को बिहार के लिए कुछ और करने की जरूरत है. बिहार तेजी से आगे बढ़े इसके लिए जरूरी है कि केंद्र से विशेष मदद मिले'- अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री

बता दें कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है, उसके बावजूद बिहार सरकार को 3 महीने में दूसरी बार नीति आयोग की रिपोर्ट और विशेष मांग के लिए पत्र लिखना पड़ा है. बिहार सरकार के मंत्री का साफ कहना है कि विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए केंद्र की तरफ से विशेष पहल होना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः नीतीश सरकार के 15 साल.. फिर भी शिक्षा बदहाल, कॉमन स्कूल सिस्टम से सुधरेगी व्यवस्था?

बता दें कि हाल ही में जारी नाति आयोग की रिपोर्ट में विकास के मामले में बिहार की स्थिति बेहतर नहीं बताई गई है. सरकार के दावों और नीति आयोग की रिपोर्ट में सामंजस्य नहीं है. इसके चलते टकराव की स्थिति बन गई है. जदयू नेता नीति आयोग की रिपोर्ट को ही खारिज कर रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार ने खुद भी रिपोर्ट की प्रासंगिकता पर सवाल खड़े किए हैं. विपक्ष ने रिपोर्ट पर तंज कसते हुए यहां तक कहा था कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास के पैमाने पर राष्ट्रीय स्तर पर बिहार सबसे नीचे है और नीतीश कुमार 15 साल का जश्न मना रहे हैं.

नीति आयोग के जारी एसडीजी भारत सूचकांक 2020-21 में केरल ने अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है तो बिहार का प्रदर्शन सबसे बुरा रहा है. सामाजिक आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर नीति आयोग राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का मूल्यांकन करता है. जिसमें बिहार सबसे खराब प्रदर्शन वाला राज्य आंका गया है. इसे लेकर बिहार सरकार ने नीति आयोग को एक पत्र भेजकर रिपोर्ट पर अपत्ति जताई है. अब सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि विकास के लिए केंद्र से मदद की मांग को लेकर पत्र लिखा गया है.

ये भी पढ़ेंः नीति आयोग की रिपोर्ट पर JDU की सफाई- दूसरे राज्यों से नहीं 'जंगलराज' से करें नीतीश सरकार के विकास की तुलना

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.