पटना: राज्य में बजट सत्र चालू है और प्रतिदिन अलग-अलग विभाग के मंत्री अपने विभाग का बजट पास कर रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने आगामी वित्तीय वर्ष का बजट पास किया. बजट में गरीबों के सिर पर छत और रोजगार पर फोकस किया गया है.
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श्रवण कुमार ने आगामी वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन और लक्ष्य की पूरी रूपरेखा सदन में प्रस्तुत की. विभाग द्वारा चलाई जा रही मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन हरियाली मिशन, मुख्यमंत्री आवास योजना, लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत बनने वाले शौचालय और मुख्यमंत्री वास स्थल योजना के लक्ष्य में बढ़ोतरी की गई है.
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प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत चालू वित्तीय वर्ष में 783102 लाभार्थियों को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया था. इसके तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 8624 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. इस योजना के तहत चयनित परिवार को तीन किस्तों में 1 लाख 20 हजार की राशि दी जाती है और साथ में मनरेगा के तहत 90 दिनों की मजदूरी भी मुहैया कराई जाती है.
मनरेगा
मनरेगा योजना के अंतर्गत इच्छुक ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को 100 दिनों का अकुशल रोजगार उपलब्ध कराने का प्रावधान है. राज्य में कुल 1 करोड़ 83 लाख 2 हजार से ज्यादा जॉब कार्ड बनाया गया है. सक्रिय जॉब कार्ड धारियों की संख्या 72 लाख 70 हजार है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में 20 लाख 770 नए जॉब कार्ड बनाए गए हैं. लॉकडाउन के समय मजदूरों के लिए मनरेगा योजना संजीवनी का काम किया. अन्य राज्यों से अपने घर लौटे श्रमिकों का क्वारैंटाइन सेंटर में 2 लाख 23 हजार 105 जॉब कार्ड बनाया गया. आगामी वित्तीय वर्ष में 20 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. चालू वित्तीय वर्ष में 18 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. चालू वित्तीय वर्ष में 24260 परिवारों को 100 दिन का रोजगार मिला, जिसमें 86% मजदूरी भुगतान किया जा चुका है. मनरेगा के तहत चालू वित्तीय वर्ष में अब तक अकुशल मजदूरी के अंतर्गत 39 अरब 70 करोड़ 34 लाख और सामग्री मद में 17 अरब 85 करोड़ 80 लाख रुपए खर्च किए गए हैं.
वर्तमान वित्त वर्ष में बैंकों के माध्यम से 4 हजार 500 करोड़ रुपए वित्तीय सहायता राशि जीविका समूह को दी गई है. योजना की शुरुआत से अब तक बैंक द्वारा 14379 करोड़ रुपए की राशि ऋण के रूप में जीविका समूह को दी गई. बैंक ऋण वापस करने में जीविका समूह का रिकवरी रेट 98% है. इस योजना के तहत बैंक द्वारा जीविका समूह को स्वरोजगार के लिए 1.5 लाख से लेकर 5 लाख रुपए तक का कम ब्याज दर वाला ऋण मुहैया कराया जाता है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1100 ग्राहक सेवा केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है.
मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना
इस योजना के तहत वैसे लोग जो इंदिरा आवास योजना से वंचित रह जाते हैं और वे योजना के लाभ के पात्र हैं उन्हें मकान निर्माण के लिए 1 लाख 20 हजार और उग्रवाद प्रभावित 11 जिलों में 1 लाख 30 हजार प्रति लाभुक दिए जाते हैं. इसके साथ ही 1996 के पूर्व राज्य के गरीबों, दलितों, महादलित और अत्यंत पिछड़ा समाज के लोगों के लिए समूह में बनाए गए आवास की मरम्मत के लिए 50 हजार रुपए तक की सहायता राशि इस योजना के तहत दी जाती है. इस योजना की शुरुआत 2018-19 में की गई थी. इस योजना के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में 20 हजार परिवारों को आवास देने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें से अब तक 19 हजार 441 परिवारों को चिन्हित कर निबंधित किया गया है. इस योजना के तहत भी तीन किस्तों में पैसा और 90 दिन का मनरेगा मजदूरी दिया जाता है.
जल-जीवन-हरियाली
ग्लोबल वार्मिंग और बदलते हुए वातावरण को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली कार्यक्रम की शुरुआत की थी. इस कार्यक्रम का नोडल विभाग ग्रामीण विकास विभाग को बनाया गया है. इस योजना के तहत 3 साल में 24 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा गया था. कोरोना महामारी ने लक्ष्य पूर्ति में बड़ा अवरोध खड़ा कर दिया. इस योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में दो करोड़ 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित था, जिसमें ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एक करोड़ 33 लाख 26 हजार पौधे लगाए गए हैं. इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पारंपरिक जल स्रोतों जैसे तालाब, पोखर और कुआं का जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है. अब तक 6 हजार 977 तालाबों / पोखरों, 5258 आहारों, 11705 पाइनों और 9766 कुओं का जीर्णोद्धार किया जा चुका है.
मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय योजना
इस योजना के तहत बिहार के गरीब और भूमिहीन लोगों को घर बनाने की जमीन खरीदने के लिए 60 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाती है. अब तक इस योजना के तहत 6 करोड़ 77 लाख 70 हजार की राशि खर्च की गई है. इस कार्यक्रम के तहत 20 हजार परिवार को मदद देने का लक्ष्य रखा गया है.
सतत जीविकोपार्जन योजना
शराबबंदी कानून लागू होने के बाद बिहार सरकार ने इस योजना की शुरुआत की. वैसे तमाम लोग जो शराब के व्यवसाय में जुड़े हुए थे और अपना जीविकोपार्जन करते थे. उनके लिए इस योजना के तहत 60 हजार से लेकर 1 लाख तक का वित्तपोषण दिया जाता है.
लोहिया स्वच्छता अभियान
नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना के अंतर्गत शौचालय निर्माण है. इसके तहत राज्य को खुले में शौच से मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है. इस कार्यक्रम के तहत हर वर्ष शौचालय रहित परिवारों की समीक्षा कर शौचालय निर्माण का काम कराया जाता है. इस योजना के तहत राज्य में अब तक 1 करोड़ 29 लाख घरों में शौचालय निर्माण किया जा चुका है. प्रत्येक शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. इस योजना के तहत राज्य के भूमिहीन परिवारों को खासकर दलित-महादलित, प्रवासी मजदूरों और चलंत आबादी को शौचालय उपलब्ध कराने के लिए सरकारी भूमि पर शौचालय निर्माण कार्य कराया जा रहा है. अब तक 6427 सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है.
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यक्रम
इस कार्यक्रम के तहत अब तक राज्य के करीब 1 लाख 50 हजार बेरोजगारों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. इनमें से तकरीबन 40 हजार ट्रेंड लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया है.