पटना: बिहार की राजधानी पटना के मसौढी के भगवानगंज गांव में अशोक मेमोरियल बौद्ध विहार बुद्ध बुनियादी शिक्षण संस्थान की तरफ से बौद्ध भिक्षुओं की टीम जायजा लेने पहुंची. जहां उन्होंने कई जगहों पर स्थल का ज्यजा लेते हुए बौद्ध स्थल होने का दावा किया है. इस दौरान बौद्ध भिक्षु डाँ बिपिन निराला ने कहा कि यहां पर बौद्ध धर्म का उपदेश और बौद्ध मठ हुआ करते थे, जिसके पुरातत्व विभाग से सर्वेक्षण करने की मांग की जाएगी. इसकी खुदाई से पता चलेगा कि यहां पर बौद्ध मठ और बौद्ध स्तूप थे.
इसे भी पढ़े- 2100 KM पैदल सफर कर बोधगया से धर्मशाला पहुंचा तिब्बती बौद्ध भिक्षु, दलाई लामा से मिलने की जताई इच्छा
भगवान बुद्ध की अस्थियों के अवशेष: दरअसल बौद्ध भिक्षुओं का मानना है कि जब भगवान बुद्ध की अस्थियों को कई हिस्सों में दफनाया गया था, उसमें से भगवानगंज में नदौना और भगवानगंज इलाके में उनके अवशेष हैं. भगवानगंज के नदौना गांव में आज भी धर्मस्थल के कई अवशेष मिले हैं. गुप्त काल कई तरह के सामान भी पुरातत्व विभाग ने खोज की है. ऐसे में भगवानगंज बाजार से स्टे मैदान में बौद्ध स्थल होने का दावा किया जा रहा है.
"भगवान बुद्ध की अस्थियों को कई हिस्सों में दफनाया गया था, जिसमें से कुछ अवशेष मसौढी के भगवानगंज गांव में मिले है. ऐसे में खुदाई से पता चलेगा कि यहां पर बौद्ध मठ और बौद्ध स्तूप थे या नहीं"- भन्ते डाँ बिपिन निराला, बौद्ध भिक्षु
बौद्ध स्थल होने के दस्तावेज: वहीं, भन्ते डाँ बिपिन निराला ने बताया कि भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के उपरांत उनके अस्थि कलश को आठ भागों में बांटा गया था, जो कई जगहों पर इसे महापरिनिर्वाण के तहत रखा गया था. इसमें मसौढ़ी की भगवानगंज के इलाके में नदौना और भगवानगंज बाजार के बगल की एक सामुदायिक भवन के बीच में रखा गया था. ऐसे में जरूरत है कि पुरातात्विक विभाग से इस खुदाई कर सर्वेक्षण किया जाए. वहीं, ग्रामीणों के भी दावा किया है कि हमारे पास कई दस्तावेज हैं कि यहां पर बौद्ध स्थल रहा था.