पटना: सनातन धर्म के अनुसार प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन पूर्णिमा होता है. अभी वैशाख महीना चल रहा है. आज यानी 5 मई को वैशाख की पूर्णिमा है. इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध की जयंती (Birth Anniversary Of God Buddha) मनाई जाती है. शास्त्रों के मुताबिक पंचांग की अनुसार पूर्णिमा तिथि कल 4 मई को 11:45 मिनट से शुरू होकर समापन 5 मई को रात के 11:03 पर होगा. जबकि मान्यताओं के अनुसार इस दिन ही भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का नया अवतार भी माना जाता है. वह धरती पर अवतरित हुए थे. इस साल बुद्ध पूर्णिमा कल धूमधाम से देश और विदेशों में मनाई जाएगी.
बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार पर आचार्य ने दी जानकारी: इस दिन को बुद्ध जयंती के साथ ही साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. हालांकि भारत देश में इसका सूतक काल नहीं होगा. आचार्य रामाशंकर दुबे ने बताया है कि भक्तों को तो विशेष रुप से सुबह में आसमान ध्यान करके स्वच्छता के साथ भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए और खास करके बुद्ध पूर्णिमा होने से यह तिथि बेहद ही खास है. इस दिन पर भक्तों को सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. इसके बाद साफ कपड़े पहन कर भगवान विष्णु पर जल अर्पित करें. घी का दीपक दिखाने के बाद जिन श्रद्धालु भक्तों के पास नहीं हो तो वह तेल का दीपक जलाएं और फिर भगवान को प्रसाद चढ़ाएं.
आरती के बाद प्रसाद लेने की परंपरा: पूजा पाठ समाप्त करने के बाद भक्तों को आरती करने के बाद प्रसाद लेना चाहिए. विशेष रूप से तुलसी पत्र से भोग भगवान को चढ़ाएं. जिससे कि घर में सुख शांति समृद्धि की प्राप्ति होती है. मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. भक्तों को यह कोशिश करनी चाहिए कि इस दिन सात्विक भोजन ही करें. उन्होंने बताया कि बुध पूर्णिमा पर विशेष रूप से भक्तों को कुछ ना कुछ गरीब जरूरतमंदों को दान करना चाहिए. इसके अलावे चीनी और काला तिल दान करना चाहिए. जिससे कि आपके द्वारा किए गए पाप क्लेश से छुटकारा मिलता है.
चंद्र ग्रहण का सूतक नहीं: आचार्य ने यह भी बताया कि बुध पूर्णिमा पर यह संयोग बन रहा है कि साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. यह ग्रहण रात्रि 8:44 से लेकर 12:58 तक रहेगा. देश में चंद्र ग्रहण का सूतक नहीं है. लेकिन फिर भी गर्भवती महिलाओं और पुरुषों को यह ध्यान रखना चाहिए कि चंद्र ग्रहण के समय में भोजन नहीं करना चाहिए. खाना बनाने से महिलाओं को परहेज करना चाहिए. जो बचा हुआ खाना है. उस खाने को भी मवेशियों को खिला देना चाहिए. चंद्रग्रहण बीत जाने के बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करके ही साफ सफाई के बाद खाना तैयार करना चाहिए.