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बड़े हादसे को न्योता दे रहा मसौढ़ी का दमड़ीचक पुल, प्रशासन मौन

पटना के मसौढ़ी में दमड़ीचक पुल जर्जर स्थिति में है. ये पटना मसौढ़ी बॉर्डर कहा जाता है. बावजूद इसके प्रशासन की नजर अभी तक इस पुल पर नहीं पड़ी है.

दमड़ीचक पुल
दमड़ीचक पुल
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Published : Dec 1, 2020, 4:38 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 9:26 PM IST

पटना (मसौढ़ी) : पटना गया एनएच-83 पर मसौढ़ी के दमड़ीचक पुल की हालत जर्जर है. इस पुल से हर रोज हजारों वाहन गुजरते हैं, इसके चलते किसी भी समय एक बड़ी अनहोनी का खतरा यहां मंडरा रहा है. बावजूद इसके, अभी तक किसी भी नेता मंत्री या प्रशासनिक अधिकारियों की नजर इस पुल के हालातों पर नहीं पड़ी है.

दमड़ीचक पुल की रेलिंग पूरी तरह टूट चुकी है. इस पुल से आने जाने वाले वाहन एक साथ गुजर नहीं सकते. यही नहीं पुल के आसपास गंदगी का भीषण अंबार लगा हुआ है. पुल की स्थिति देख लगता है कि ये किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहा है. लेकिन पथ निर्माण विभाग और उसके अधिकारी अभी तक सुस्त हैं.

मसौढ़ी से शशि की रिपोर्ट

कब बनेगा पुल
स्थानीय श्यामसुंदर कहते हैं कि भारी वाहन भी यहां से गुजरते हैं. ये बहुत पुराना पुल है. इसके ऊपर बस एक बार रिपेयरिंग की गई है. कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं, रमेश कुमार कहते हैं रात में यहां से निकलना खतरे से खाली नहीं है. पुल की चौड़ाई बहुत कम है. इस पुल के नीचे बहुत गहराई है. कचरा जमा होने के चलते इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. लेकिन जिस दिन कोई इसमें गिरा, उसका बाहर निकलना असंभव है.

ऐसे में स्थानीय लोगों को साफ दिखाई दे रहा है कि पुल की रेलिंग टूट जाने के बाद किस तरह बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन जिसे इसकी सुध लेनी चाहिए. वो सभी जिम्मेदार अभी तक जागे नहीं हैं.

पटना (मसौढ़ी) : पटना गया एनएच-83 पर मसौढ़ी के दमड़ीचक पुल की हालत जर्जर है. इस पुल से हर रोज हजारों वाहन गुजरते हैं, इसके चलते किसी भी समय एक बड़ी अनहोनी का खतरा यहां मंडरा रहा है. बावजूद इसके, अभी तक किसी भी नेता मंत्री या प्रशासनिक अधिकारियों की नजर इस पुल के हालातों पर नहीं पड़ी है.

दमड़ीचक पुल की रेलिंग पूरी तरह टूट चुकी है. इस पुल से आने जाने वाले वाहन एक साथ गुजर नहीं सकते. यही नहीं पुल के आसपास गंदगी का भीषण अंबार लगा हुआ है. पुल की स्थिति देख लगता है कि ये किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहा है. लेकिन पथ निर्माण विभाग और उसके अधिकारी अभी तक सुस्त हैं.

मसौढ़ी से शशि की रिपोर्ट

कब बनेगा पुल
स्थानीय श्यामसुंदर कहते हैं कि भारी वाहन भी यहां से गुजरते हैं. ये बहुत पुराना पुल है. इसके ऊपर बस एक बार रिपेयरिंग की गई है. कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं, रमेश कुमार कहते हैं रात में यहां से निकलना खतरे से खाली नहीं है. पुल की चौड़ाई बहुत कम है. इस पुल के नीचे बहुत गहराई है. कचरा जमा होने के चलते इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. लेकिन जिस दिन कोई इसमें गिरा, उसका बाहर निकलना असंभव है.

ऐसे में स्थानीय लोगों को साफ दिखाई दे रहा है कि पुल की रेलिंग टूट जाने के बाद किस तरह बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन जिसे इसकी सुध लेनी चाहिए. वो सभी जिम्मेदार अभी तक जागे नहीं हैं.

Last Updated : Dec 15, 2020, 9:26 PM IST
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