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रंगे हाथ धराया गया था बिहार स्टेट फूड कारपोरेशन का जिला प्रबंधक, HC ने दी जमानत

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Published : Jun 24, 2020, 5:38 PM IST

हाई कोर्ट ने तत्कालीन जिला प्रबंधक को राहत देते हुए अपना फैसला सुनाया. 10 हजार के निजी मुचलके पर उसे जमानत दे दी गई है.

HC ने दी जमानत
HC ने दी जमानत

पटना: हाइकोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में बिहार स्टेट फूड कारपोरेशन, सासाराम के तत्कालीन जिला प्रबंधक सुधीर कुमार बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी. जस्टिस एके त्रिवेदी ने सुधीर कुमार की जमानत याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद जमानत दी. दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर सुधीर कुमार को जमानत दी गई है.

जस्टिस त्रिवेदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूरे मामले की सुनवाई की. सुधीर कुमार को निगरानी विभाग ने अगस्त 2019 में 90 हजार रूपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. 21 अगस्त 2019 से सुधीर कुमार जेल में है. मामले की सुनवाई के दौरान निगरानी विभाग की ओर से जमानत का विरोध किया गया.

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निगरानी विभाग ने रखा अपना पक्ष
निगरानी विभाग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यदि अभियुक्त को जमानत दी जाती है, तो यह सही नहीं होगा. उनकी ओर से यह भी कहा गया कि यदि अभियुक्त की ओर से सहयोग किया जाता है, तो इस मामले का विचारण 8-9 माह में पूरा कर लिया जाएगा.

पटना: हाइकोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में बिहार स्टेट फूड कारपोरेशन, सासाराम के तत्कालीन जिला प्रबंधक सुधीर कुमार बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी. जस्टिस एके त्रिवेदी ने सुधीर कुमार की जमानत याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद जमानत दी. दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर सुधीर कुमार को जमानत दी गई है.

जस्टिस त्रिवेदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूरे मामले की सुनवाई की. सुधीर कुमार को निगरानी विभाग ने अगस्त 2019 में 90 हजार रूपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. 21 अगस्त 2019 से सुधीर कुमार जेल में है. मामले की सुनवाई के दौरान निगरानी विभाग की ओर से जमानत का विरोध किया गया.

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निगरानी विभाग ने रखा अपना पक्ष
निगरानी विभाग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यदि अभियुक्त को जमानत दी जाती है, तो यह सही नहीं होगा. उनकी ओर से यह भी कहा गया कि यदि अभियुक्त की ओर से सहयोग किया जाता है, तो इस मामले का विचारण 8-9 माह में पूरा कर लिया जाएगा.

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