पटना: बिहार कर्मचारी चयन आयोग (Bihar Staff Selection Commission) में हो रही गड़बड़ी को लेकर विभिन्न जिलों से आए अभ्यर्थियों ने पटना के गर्दनीबाग में जमकर प्रदर्शन किया है. बीएसएससी के माध्यम से वर्ष 2014 में लिए गए परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशन की मांग को लेकर हजारों अभ्यर्थियों (Uproar Of BSSC Candidates) ने प्रदर्शन किया है. अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. अभ्यर्थियों ने कहा कि हमलोग लागातर सरकार से मांग कर रहे है कि रिजल्ट जारी कर बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाए. लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें: बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने 7 साल में भी पूरी नहीं की 13120 पदों पर बहाली, BSSC पर उठे सवाल
खगड़िया जिले से आए रौशन कुमार ने कहा कि 7 साल हो गए लेकिन अब तक सरकार की नींद नहीं खुली है. आंदोलनकारी अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके साथ आयोग नाइंसाफी कर रहा है. इसे किसी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा. वहीं, सुपौल से आए गिरीश कुमार का कहना है कि जिस तरह से रिजल्ट में लेट हो रहा है, आशंका जताई जा सकती है कि आयोग घालमेल कर रहा है. इससे पहले भी कई रिजल्ट में गड़बड़ी हो चुकी है.
ये भी पढ़ें: बिहार प्रशासनिक सेवा के 7 अधिकारियों को BSSC दफ्तर में किया गया प्रतिनियुक्त
अभ्यर्थियों ने कहा कि हमलोग सरकार ने मांग करते हैं कि बहाली प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए. जिससे हमलोगों की परेशानी कम हो. वहीं दरभंगा से आए विशाल कुमार का कहना है कि आयोग के माध्यम से हर बार सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता रहा है. परिणाम की घोषणा नहीं की जा रही है. कई बार सड़क पर उतरे चुके हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है. यदि सरकार जल्द से जल्द नहीं सुनेगी, तो पूरे बिहार में सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे. साथ ही आयोग की पोल खोलेंगे.
बता दें कि वर्ष 2014 में बीएसएससी की ओर से विज्ञापन जारी कर राज्य के 42 विभागों में 13120 पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन लिया गया था. आवेदन प्रक्रिया के दो वर्ष बाद भी पीटी परीक्षा नहीं होने और लंबे अरसे बाद आयोग की ओर से विज्ञापन जारी होने के बाद काफी संख्या में अभ्यर्थी हाईकोर्ट गए थे. जहां वर्ष 2016 में उच्च न्यायालय ने अधिकतम उम्र सीमा में छूट देते हुए आवेदन लेने का निर्देश बीएसएससी को निर्देश दिया था.
वर्ष 2016 में आवेदन लिए गए. इस परीक्षा के लिए लगभग 16 लाख से अधिक आवेदन दिए गए. वहीं, वर्ष 2017 के 29 जनवरी तथा पांच फरवरी को पहली बार प्रारंभिक परीक्षा हुई. इसमें प्रश्न पत्र लीक का मामला सामने आने के बाद परीक्षा रद कर दी गई थी. वहीं, वर्ष 2018 दिसंबर में दोबारा परीक्षा हुई. इसका परिणाम सन् 2019 में घोषित किया गया.
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दिसंबर 2020 में मुख्य परीक्षा आयोजित हुई. इसके बाद 2021 में परिणाम जारी किया गया. इसमें लगभग 54 हजार अभ्यर्थी सफल हुए. सफल अभ्यर्थियों का 13 अगस्त तक टाइपिंग, आशुलेखन, शारीरिक दक्षता परीक्षा का आयोजन किया गया. उसके बाद से सफल अभ्यर्थी काउंसिलिंग का इंतजार कर रहे थे. लेकिन बीते सप्ताह आयोग ने वर्ष 2016 में लिए गए आवेदन में तकनीकी गड़बड़ी बताते हुए 1218 अभ्यर्थियों की पीटी दोबारा लेने की प्रक्रिया आरंभ कर दी. मामले में अब सभी अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं. हालांकि आयोग भी मामले की अपने स्तर से जांच कराने में जुटा है.
'7 साल पहले जो भर्ती की प्रक्रिया निकाली गई थी. उसमें 52 हजार 740 बच्चे मेन्स में सफल हुए हैं. उनकी हर प्रक्रिया हो चुकी है. काउंसलिंग की तिथि आने के पहले भी प्री का रिजल्ट आता है. मेरी मांग है कि काउंसलिंग के पहले ही प्रक्रिया पूरी की जाए. '-रौशन कुमार, अभ्यर्थी