पटना : बीपीएससी की 67 वीं प्रतियोगिता परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक मामले (BPSC paper leak Case) की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई ने इसके मुख्य आरोपी कपिलदेव कुमार को बोकारो से गिरफ्तार किया ( Main Accused Kapil Dev arrested from Bokaro) है.विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, पूछताछ के दौरान कपिलदेव ने स्वीकार किया है कि शक्ति कुमार ने उसके पास सबसे पहले प्रश्न-पत्र भेजा था. उसके बाद इसी ने प्रश्न-पत्र को दिल्ली के सन्नी को भेजा था और सन्नी ने ही उसके गिरोह के लोगों को प्रश्न पत्र लीक किया था.
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पहले भी कर चुका है कई प्रतियोगिता परीक्षाओं का पेपर लीक : विशेष सूत्रों का कहना है कि कपिलदेव इससे पहले भी कई प्रतियोगिता परीक्षा में पेपर लीक कर चुका है. किस-किस परीक्षा में पेपर लीक किया गया और इससे जुड़े कौन-कौन से लोग शामिल हैं इन सभी जानकारियों की छानबीन की जा रही है. बीपीएससी पेपर लीक मामले में ईओयू की विशेष टीम अब तक 18 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर चुकी है. एक आरोपित ने आत्मसमर्पण किया है. अभी तक 9 अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में आरोप-पत्र पेश किया गया है. इस मामले की जांच अभी जारी है.
गिरफ्तारी से पहले लेह-लद्दाख से लेकर नेपाल तक को बनाया ठिकाना : आर्थिक अपराध इकाई के एस पी और बीपीएससी पेपर लीक मामले के केस के आईओ सुशील कुमार ने बताया कि 9 जून को कपिलदेव की गिरफ्तारी को लेकर एसआईटी की टीम जब प्रयागराज पहुंची थी तो वह वहां से फरार हो गया था. जिसके बाद उसने छुपने के लिए दिल्ली के अलावा लेह-लद्दाख और नेपाल में अपना ठिकाना बनाया. गुप्त सूचना के आधार पर इसकी गिरफ्तारी झारखंड के बोकारो से की गई है. इससे पूछताछ की जा रही है और इसने कई लोगों के नाम का खुलासा किया है. हालांकि, सुरक्षा के दृष्टिकोण से नाम का खुलासा नहीं किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इन लोगों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, मनी ट्रेल के साथ-साथ कई अहम बिंदुओं पर जांच की जा रही है.
18 और 20 सितंबर को फिर से ली जाएगी परीक्षा : आपको बता दें कि बीपीएससी की परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद एग्जाम को कैंसिल कर दिया गया था. अब ये परीक्षा 18 और 20 सितंबर को फिर से ली जाएगी. फिलहाल आर्थिक अपराध इकाई की टीम कपिल देव से पूछताछ कर महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर रही है. आर्थिक अपराध इकाई के सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है कि पूछताछ से जो जानकारी मिली है उसके आधार पर कई लोग रडार पर आ सकते हैं. छानबीन में पता चला कि कपिलदेव सरकारी नौकरी में है.
ऑडिटर की नौकरी दिखावा, असली काम था नौकरी के लिए सेटिंग : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में वह सीजीडीए के आइटी व सिस्टम डिवीजन में ऑडिटर के पद पर तैनात था. बताया जाता है कि उसकी नौकरी महज दिखावे के लिए थी. इसकी आड़ में वह सरकारी नौकरी दिलवाने में सेटिंग का खेल करता था. कपिलदेव ने अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सेटिंग एवं धांधली कर अभ्यर्थियों को पास कराने की बात स्वीकार की है. ईओयू ने गिरफ्तारी के समय इसके पास से दो मोबाइल फोन, दो कंपनी के पांच सिमकार्ड, पंजाब नेशनल बैंक के चार और भारतीय स्टेट बैंक के एक डेबिट कार्ड सहित फर्जी नाम से बनाए गए दो मतदाता पहचान पत्र भी जब्त किए हैं.
लगभग सभी प्रमुख आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी : आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार बीपीएससी के 67 वीं प्रतियोगिता परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में लगभग सभी प्रमुख आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई है. अब आर्थिक अपराध इकाई कपिलदेव के माध्यम से कौन-कौन से अभ्यर्थी तक लीक पेपर पहुंचा था और कौन-कौन से छात्र इसमें शामिल थे उनकी पड़ताल में जुटी है. कपिल देव से पूछताछ के दौरान आर्थिक अपराध इकाई को कामयाबी हासिल हुई है कि उसने इस बात को स्वीकार किया है कि इसके अलावा उसने अन्य प्रतियोगिता परीक्षा में भी सेटिंग और धांधली कर परीक्षार्थियों को पास करवाया गया है. अब आर्थिक अपराध इकाई यह पता लगा रही है कि किस किस प्रतियोगिता परीक्षा में सेटिंग की गई है और कौन-कौन लोग शामिल हैं उनकी भी कुंडली खंगाली जा रही है. कपिलदेव प्रयागराज में सीजीडीए में आईटी एवं सिस्टम डिवीजन के एडिटर के पद पर कार्यरत है यह सिर्फ दिखावे के लिए इसके आड़ में यह प्रतियोगिता परीक्षाओं में सेटिंग कर लोगों को नौकरी दिलवाने का काम किया करता था.
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