पटना: बीपीएससी 67वीं पीटी (BPSC 67th Pre Exam 2022) के प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई कर रही है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा गठित एसआईटी की टीम सॉल्वर गैंग के सरगना पिंटू यादव (BPSC paper Leak Mastermind Pintu yadav) की तलाश में कई जगह छापेमारी कर रही है. इसी क्रम में दरभंगा में दो संदिग्ध युवकों से पूछताछ की गयी थी. इससे पहले सचिवालय सहायक राजेश कुमार और सुधीर कुमार सिंह को तीन दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की गयी थी. जिसके बाद एनआइटी के कुछ पूर्व छात्रों का नाम भी इसमें सामने आ रहा है.
ये भी पढ़ें : OMG! बीपीएससी पेपर के लिए सेटर्स ने कदमकुआं में बना रखा था कंट्रोल रूम, ग्राउंड ज़ीरो पर ETV भारत
पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड पिंटू यादव? : बता दें कि बीपीएससी पेपर लीक मामले में मुख्य सरगना आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव एनआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा गिरफ्तार किए गए युवकों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि मामले के गिरोह का मास्टरमाइंड आनंद और पिंटू वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में अध्यापक भर्ती घोटाले में भी गिरफ्तार हो चुका है. ऐसे में आर्थिक अपराध इकाई की टीम उत्तर प्रदेश पुलिस से भी उस के सिलसिले की जानकारी जुटाने में जुटी है.
ऐसे सामने आया था मास्टरमाइंड पिंटू यादव का नाम: इससे पहले, पिंटू यादव का नाम तब सामने आया जब बीपीएससी पेपर लीक केस के एक और आरोपी राजेश कुमार से आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने कड़ी पूछताछ की. राजेश भागलपुर में कृषि विभाग का क्लर्क है, जो इस सिंडिकेट में शामिल था. पूछताछ के दौरान उसने बताया कि पेपर लीक कराने वाले शख्स का नाम आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव है. इसके बाद जब आर्थिक अपराध इकाई ने पिंटू की कुंडली खंगाली तो सारे तार जुड़ने शुरू हो गए.
सॉल्वर अमित कुमार गिरफ्तार: पिछले दिनों ईओयू की टीम ने एक शख्स को गिरफ्तार किया था. बताया जाता है कि ईओयू ने अमित कुमार सिंह को पटना के लंगरटोली गली से गिरफ्तार किया था. वह मूल रूप से मधेपुरा का रहने वाला है और इस मामले में सॉल्वर की भूमिका में था. गिरफ्तार अभियुक्त प्रश्न पत्र लीक मामले के सरगना आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव से लगातार संपर्क में था, जिसके साक्ष्य ईओयू को मिले हैं. बताया है कि अमित गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर बीपीएसी प्रश्न पत्र को परीक्षा में नकल करने के लिए एक स्थान पर बैठकर सॉल्व करने का काम करता था.
ये भी पढ़ें: Inside Story : BPSC Paper Leak में आरा के इस कॉलेज की क्यों हो रही चर्चा?
SIT को इनकी तलाश : वहीं, पेपर लीक कांड में एसआईटी की जांच आगे बढ़ने के साथ इसमें शामिल शातिरों की लिस्ट भी बढ़ती जा रही है. एसआईटी को फिलहाल ऐसे ही आधा दर्जन लोगों की तलाश है. इनकी गिरफ्तारी के लिए राज्य के विभिन्न इलाकों में लगातार दबिश डाली जा रही है. एसआईटी को जिन शातिरों की सरगर्मी से तलाश है उसमें पेपर लीक करानेवाले गिरोह के सरगना पिंटू यादव के अलावा एनआईटी से पढ़ाई कर चुके दो छात्र भी शामिल हैं.
बीपीएससी पेपर लीक मामले में कई गिरफ्तार : बता दें कि आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने बीपीएससी पेपर लीक कांड में अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बीपीएससी के 67वीं प्रीलिम्स परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के संबंध में आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या 20/2022 दर्ज किया गया था. इसमें धारा 420 467 468 120 (भा.द.वि.) 66 आईटी एक्ट व धारा-3/10 बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 दर्ज किया गया है.
कदमकुआं में बना रखा था कंट्रोल रूम : इससे पहले, टीम ने बीते दिनों राजधानी पटना के कदमकुआं स्थित एक किराए के मकान से दो युवकों को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से पूरे मामले की परत दर परत खुलती चली गई. आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार इसी किराए के मकान को कंट्रोल रूप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. यही से पेपर लीक की सारी गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी. बता दें कि इसी मकान से आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने दो युवकों को गिरफ्तार किया था.
प्रश्न पत्र लीक मामले में इस कॉलेज की चर्चा: बता दें कि बीपीएससी 67वीं पीटी की परीक्षा के प्रश्न पत्र आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज से लीक हुए थे और उसके बाद इस पूरे मामले के कारण पूरे बिहार की किरकिरी एक बार फिर से पूरे देश में हुई थी. हालांकि मामले की जानकारी मिलते ही आयोग ने इस परीक्षा को रद्द करने के साथ-साथ इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश जारी किए थे.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP