पटना: बिहार लोक सेवा आयोग ने फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों पर बड़ी कार्रवाई की है. दूसरे के बदले परीक्षा देने और गलत डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल करने वाले 20 अभ्यर्थियों को आयोग ने चिन्हित कर बीपीएससी की परीक्षाओं से अगले 5 साल के लिए बैन कर दिया है. शिक्षक भर्ती परीक्षा में अब तक की यह बड़ी कार्रवाई है. इन 20 अभ्यर्थियों में 11 ने दूसरे के बदले परीक्षा दी थी जबकि 9 को अलग-अलग प्रकार के दस्तावेज में गड़बड़ी करने का दोषी पाया गया है.
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5 साल के लिए ये अभ्यर्थी बैन: बीपीएससी ने है कि कुछ शिक्षक अभ्यर्थी आधार कार्ड सत्यापन में असफल पाए गए, जबकि कुछ बायोमेट्रिक जांच में बेमेल पाए गए. अंशु यादव और संजीत कुमार को आधार कार्ड के सत्यापन में असफल पाए जाने के कारण 5 साल के लिए बैन किया गया है. मनीष कुमार, राकेश कुमार और शशि कुमार को बायोमेट्रिक से फोटो और मिस मैचिंग के कारण बैन किया गया है. जबकि रामानंद कुमार, रंजन कुमार गुप्ता, विकास कुमार राय और विकास चंद्र यादव को गलत पहचान बताए जाने के कारण बैन कर दिया गया है.
इन अभ्यर्थियों ने दूसरे के बदले दी परिक्षा: डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान 11 ऐसे अभ्यर्थी मिले जिनके जगह दूसरे ने परीक्षा दी थी. इनकी सूची भी आयोग ने जारी कर दी है. रंजन कुमार गुप्ता, हरी प्रकाश, समीर राज, निरंजन कुमार, सरोज कुमार प्रसाद, राजा राम यादव, फुल कुमारी, मणिकांत कुमार, रितेश कुमार, मदन मोहन कुमार और गौरव कुमार की जगह दूसरे उम्मीदावर परीक्षा में शामिल हुए थे.
अगस्त में हुई थी बहाली परिक्षा: बता दें कि बीपीएससी की ओर से आयोजित की गई शिक्षक बहाली परीक्षा के प्रथम चरण में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापक के 170461 पदों पर नियुक्ति के लिए 24, 25 और 26 अगस्त को परीक्षा ली गई थी. जिनमें से 1.20 लाख अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं जिनकी काउंसलिंग प्रक्रिया भी पूरी हो गई है और 2 नवंबर को इन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाना है.