पटना: सितंबर में बीपीएससी 67वीं पीटी परीक्षा (BPSC 67th PT Exam) आयोजति की जाएगी. दरअसल, बीपीएससी ने 2022 के परीक्षा कैलेंडर में 67 वीं पीटी परीक्षा अगस्त के अंतिम सप्ताह में लेने की बात कही थी, लेकिन अब तक ठीक से तैयारी नहीं होने पर इस माह परीक्षा नहीं ली जा सकेगी. संभावना है कि सितंबर में दुर्गा पूजा से पहले यह परीक्षा ले ली जाए.
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सितंबर में होगी बीपीएससी 67वीं पीटी परीक्षा: परीक्षा आयोजन को लेकर अगले सप्ताह महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है. इस बैठक में परीक्षा आयोजन की तिथि तय हो सकती है. 8 मई को प्रश्नपत्र लीक होने के कारण 67वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा रद्द की गई थी. डीएसपी सहित 802 पदों के लिए 38 जिलों के 1083 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा ली गई थी. पहली बार रिकार्ड 6 लाख 2 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं.
38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र पर हुई थी परीक्षा : पेपर लीक का ये मामला उस समय हुआ था, जब बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा ली जा रही थी. इस परीक्षा में लगभग 5 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी पूरे राज्य से शामिल हुए थे. बीपीएससी पीटी परीक्षा को लेकर राज्य के 38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. राजधानी पटना में ही अकेले 83 केंद्रों पर 55710 छात्र परीक्षा दे रहे थे. लेकिन अचानक सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से ये खबर आने लगी कि परीक्षा का पेपर लीक हो गया है. दरअसल टेलीग्राम ग्रुप पर प्रश्न पत्र परीक्षा से कुछ मिनट पहले ही वायरल हो चुके था. बता दें कि टेलीग्राम एक मोबाइल एप्लिकेशन है. छात्रों ने परीक्षा समाप्त होने के बाद जब वायरल प्रश्न पत्र से परीक्षा में आये सवालों को मिलाया तो वायरल प्रश्न पत्र मैच कर गए. इसके बाद से कई स्थानों पर अभ्यर्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. बिहार के आरा जिले के वीर कुंवर सिंह कालेज परीक्षा केंद्र पर तो सैकड़ों परीक्षार्थियों ने खूब बवाल काटा. इस पूरे मामले के बाद सरकार और प्रशासन में हड़कंप मच गया. इसे लेकर पूरे देश में बिहार सरकार की फजीहत होने लगी. पूरे मामले पर सख्ती से निपटने का आदेश जारी किया गया.
बीपीएससी पेपर लीक मामले में कई गिरफ्तार : गिरफ्तार अभियुक्तों से मिली जानकारी के बाद टीम ने राजधानी पटना के कदमकुआं स्थित एक किराए के मकान से दो युवकों को गिरफ्तार किया. जिसके बाद से पूरे मामले की परत दर परत खुलती चली गई. आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार इसी किराए के मकान को कंट्रोल रूप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. यहीं से पेपर लीक की सारी गतिविधियों को अंजाम दिया गया था. उसके बाद इस मामले में कई लोगों को विभिन्न जगहों से गिरफ्तार किया गया. मामले में गहन जांच के बाद एसआईटी ने 9 आरोपियों के खिलाफ आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या 20/2022 दर्ज कराया. इसमें धारा 420 467 468 120 (भा.द.वि.) 66 आईटी एक्ट व धारा-3/10 बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 दर्ज किया गया है. मामले में अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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