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Bihar Caste Census Report : नीतीश कुमार ने खेला आरक्षण कोटा बढ़ाने का बड़ा गेम, बीजेपी ने भी किया समर्थन

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जातीय गणना व आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की गई. इसके साथ ही सीएम नीतीश कुमार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाने का बड़ा कार्ड खेल गए. अब इस पर अन्य दलों के साथ बीजेपी ने भी इसका समर्थन किया. पढ़ें पूरी खबर..

नीतीश कुमार
नीतीश कुमार
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 7, 2023, 9:13 PM IST

देखें रिपोर्ट

पटना : बिहार सरकार की ओर से मंगलवार को बिहार विधानसभा में जातीय गणना व आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश किया गया. वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रिपोर्ट को पेश किया और सभी दलों ने इस पर चर्चा की. बीजेपी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार ने सरकार को त्रुटियों में सुधार लाने का सुझाव दिया. सभी दलों के चर्चा में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री ने जातीय गणना की रिपोर्ट किस प्रकार से तैयार की गयी. उसके बारे में विस्तृत जानकारी दी.

आरक्षण की सीमा हुई 65 प्रतिशत : बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को अपना मित्र भी बताते रहे, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस मौके पर आरक्षण कोटा बढ़ाने का बड़ा गेम भी खेला. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछड़ा और अति पिछड़ा की आबादी अधिक है और उसी हिसाब से आरक्षण कोटा 50% से बढ़ाकर 65% किया जाए. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में पाए गए 94 लाख परिवारों के लिए दो-दो लाख की मदद देने की घोषणा भी की.

बीजेपी ने आरक्षण बढ़ाने का किया समर्थन : मुख्यमंत्री के आरक्षण का कोटा बढ़ाने की घोषणा पर बीजेपी राजद कांग्रेस और अन्य दलों ने भी समर्थन किया. लेकिन एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमान ने अपनी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि मेरी बात नहीं सुनी नहीं गई. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ विधायक प्रेम कुमार ने कहा कि "जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी मिले. इसका तो हम लोग पक्षधर रहे हैं".

"मुसलमानों के प्रति सरकार का रवैया सही नहीं है. मुसलमानों का सिर्फ वोट लेना चाहते हैं लेकिन उनका हिस्सा देना नहीं चाहते."- अख्तरुल इमान, विधायक, एआईएमआईएम

आरक्षण बढ़ाने का पहले से था अनुमान : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश राम ने भी कहा कि आरक्षण का कोटा बढ़ाया जाता है तो यह सही फैसला होगा. माले के सुदामा प्रसाद ने भी कहा कि संख्या के हिसाब से हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. हम लोग इसकी मांग करते रहे हैं. यह कयास लगाए जा रहे थे कि आरक्षण कोटा बढ़ाने का महागठबंधन सरकार कार्ड खेलेगी. आज एक तरह से मुख्यमंत्री ने वही कार्ड खेला है. हालांकि भाजपा भी इसमें पीछे नहीं है. आरक्षण कोटा बढ़ाने का समर्थन करने के साथ भाजपा अति पिछड़ा कार्ड खेलकर सरकार की मुश्किलें बढ़ा रही है.

जातियों की संख्या बढ़ने या घटने को सीएम ने बताया बोगस : जातीय गणना रिपोर्ट की चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पहले गणना हुई ही नहीं तो लोग कैसे कहते हैं. जाति की संख्या कम गयी. यह कहना पूरी तरह बोगस है. बीजेपी विधायक प्रेम कुमार ने मुख्यमंत्री को टोकना चाहा तो सीएम ने कहा आप तो हमारे मित्र हैं. मेरी बात सुन लीजिए, हम तो आपके घर भी गए हैं. जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा हमलोग लड़कियों को शिक्षित कर रहे हैं.

"पिछड़ा, अतिपिछड़ा की आबादी बढ़ी है. इसलिये 50 से बढ़ाकर आरक्षण 65% किया जाय. 65% और 10% अपर कास्ट का, कुल 75% आरक्षण हो जाएगा. 94 लाख गरीब परिवार को दो लाख मदद दी जाएगी. भूमिहीन परिवार को जमीन खरीदने के लिये 60 हजार से बढ़ाकर एक लाख दिया जाएगा. सब रिपोर्ट केंद्र को भेज देंगे और केंद्र से कहेंगे पूरे देश में जातीय और आर्थिक गणना कराये. इसलिये हम चाहते है बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाये तो पांच साल नहीं ढाई साल में ही यह काम हो जाएगा."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

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देखें रिपोर्ट

पटना : बिहार सरकार की ओर से मंगलवार को बिहार विधानसभा में जातीय गणना व आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश किया गया. वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रिपोर्ट को पेश किया और सभी दलों ने इस पर चर्चा की. बीजेपी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार ने सरकार को त्रुटियों में सुधार लाने का सुझाव दिया. सभी दलों के चर्चा में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री ने जातीय गणना की रिपोर्ट किस प्रकार से तैयार की गयी. उसके बारे में विस्तृत जानकारी दी.

आरक्षण की सीमा हुई 65 प्रतिशत : बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को अपना मित्र भी बताते रहे, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस मौके पर आरक्षण कोटा बढ़ाने का बड़ा गेम भी खेला. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछड़ा और अति पिछड़ा की आबादी अधिक है और उसी हिसाब से आरक्षण कोटा 50% से बढ़ाकर 65% किया जाए. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में पाए गए 94 लाख परिवारों के लिए दो-दो लाख की मदद देने की घोषणा भी की.

बीजेपी ने आरक्षण बढ़ाने का किया समर्थन : मुख्यमंत्री के आरक्षण का कोटा बढ़ाने की घोषणा पर बीजेपी राजद कांग्रेस और अन्य दलों ने भी समर्थन किया. लेकिन एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमान ने अपनी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि मेरी बात नहीं सुनी नहीं गई. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ विधायक प्रेम कुमार ने कहा कि "जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी मिले. इसका तो हम लोग पक्षधर रहे हैं".

"मुसलमानों के प्रति सरकार का रवैया सही नहीं है. मुसलमानों का सिर्फ वोट लेना चाहते हैं लेकिन उनका हिस्सा देना नहीं चाहते."- अख्तरुल इमान, विधायक, एआईएमआईएम

आरक्षण बढ़ाने का पहले से था अनुमान : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश राम ने भी कहा कि आरक्षण का कोटा बढ़ाया जाता है तो यह सही फैसला होगा. माले के सुदामा प्रसाद ने भी कहा कि संख्या के हिसाब से हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. हम लोग इसकी मांग करते रहे हैं. यह कयास लगाए जा रहे थे कि आरक्षण कोटा बढ़ाने का महागठबंधन सरकार कार्ड खेलेगी. आज एक तरह से मुख्यमंत्री ने वही कार्ड खेला है. हालांकि भाजपा भी इसमें पीछे नहीं है. आरक्षण कोटा बढ़ाने का समर्थन करने के साथ भाजपा अति पिछड़ा कार्ड खेलकर सरकार की मुश्किलें बढ़ा रही है.

जातियों की संख्या बढ़ने या घटने को सीएम ने बताया बोगस : जातीय गणना रिपोर्ट की चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पहले गणना हुई ही नहीं तो लोग कैसे कहते हैं. जाति की संख्या कम गयी. यह कहना पूरी तरह बोगस है. बीजेपी विधायक प्रेम कुमार ने मुख्यमंत्री को टोकना चाहा तो सीएम ने कहा आप तो हमारे मित्र हैं. मेरी बात सुन लीजिए, हम तो आपके घर भी गए हैं. जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा हमलोग लड़कियों को शिक्षित कर रहे हैं.

"पिछड़ा, अतिपिछड़ा की आबादी बढ़ी है. इसलिये 50 से बढ़ाकर आरक्षण 65% किया जाय. 65% और 10% अपर कास्ट का, कुल 75% आरक्षण हो जाएगा. 94 लाख गरीब परिवार को दो लाख मदद दी जाएगी. भूमिहीन परिवार को जमीन खरीदने के लिये 60 हजार से बढ़ाकर एक लाख दिया जाएगा. सब रिपोर्ट केंद्र को भेज देंगे और केंद्र से कहेंगे पूरे देश में जातीय और आर्थिक गणना कराये. इसलिये हम चाहते है बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाये तो पांच साल नहीं ढाई साल में ही यह काम हो जाएगा."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

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