पटना: बिहार की नीतीश सरकार ने आरक्षण कोटा बढ़ाने का फैसला किया है. मंगवार को कैबिनेट ने इस पर अपनी सहमति दे दी है, वहीं बुधवार को इसको लेकर विधानसभा में विधेयक पेश किया जाएगा. अब इसको लेकर सूबे में सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण दिन है. उन्होंने कहा कि जब बिहार में एनडीए की सरकार थी, तभी ही जातीय सर्वेक्षण पर काम शुरू कर दिया गया था. हमलोग हमेशा से आरक्षण के समर्थन में रहे हैं.
बीजेपी ने बिहार आरक्षण कोटा बढ़ाने का समर्थन किया: सम्राट चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने ही आरक्षण कोटा बढ़ाने का सुझाव दिया था. उन्होंने कहा कि आरक्षण पर केंद्र की बीपी सिंह की सरकार और बिहार की कर्पूरी ठाकुर सरकार को भी बीजेपी ने समर्थन दिया था. हम लोग हमेशा से आरक्षण के समर्थक रहे हैं.
"चाहे जनसंघ हो या बीजेपी हमेशा से हमने आरक्षण का समर्थन किया है. नौकरी में 27 फीसदी आरक्षण देने वाली कर्पूरी सरकार में कैलाशपति मिश्र जी मंत्री थे. भाजपा आरक्षण सीमा बढ़ाने के पक्ष में है. हम चाहते हैं कि निकाय और पंचायत में भी आरक्षण का कोटा बढ़ाया जाए"- सम्राट चौधरी, अध्यक्ष, बिहार बीजेपी
क्या बोले मंगल पांडे?: पूर्व मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि हमारी सरकार ने ही जाति आधारित गणना के लिए कैबिनेट से 500 करोड़ की राशि आवंटित किया था. राजद उस समय सरकार में भी नहीं था. हम सब ने इस बात को सार्वजनिक तौर पर भी और सदन में भी आरक्षण के दायरे को बढ़ाने की बात कही थी. कांग्रेस शासित राज्यों में भी जाति आधारित आंकड़े को सार्वजनिक होनी चाहिए.
'लालू-नीतीश आज पिछड़ा-विरोधी, कांग्रेस की गोद में': वहीं, बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि सदन में बीजेपी ने आरक्षण को बढ़ाने के प्रस्ताव का समर्थन किया है, यह उचित कदम है. अति पिछड़ा को इसका लाभ मिले, यह अच्छी बात है. उन्होंने वार्ड और पंचायत के आकड़े को सार्वजनिक करने की मांग की. बीजेपी सांसद ने कहा कि लालू-नीतीश पिछड़ा-विरोधी हैं, क्योंकि आज वह कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ गए हैं.
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