पटनाः जेएनयू में हुए दो गुटों के बीच मारपीट के बाद बिहार में भी सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. जहां विपक्ष के लोग इसका जिम्मेदार एबीवीपी को ठहरा रहे हैं. वहीं, सत्ता पक्ष के लोगों का साफ कहना है कि इसके पीछे लेफ्ट से जुड़े छात्रों का हाथ है.
'जेएनयू पर वामपंथी संगठनों का है दबदबा'
जेएनयू मामले को लेकर बीजेपी प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा कि पूरा देश जानता है कि जेएनयू में वामपंथी संगठनों का दबदबा रहा है. इस घटना में पूरी तरह वामपंथियों का हाथ है. लेकिन वे लोग एबीवीपी का नाम ले रहे हैं, ऐसा हो नहीं सकता है. ये जितना भी हंगामा हुआ है सब वामपंथी छात्र संगठन करा रहा हैं, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
'सरकार जांच कर ऐसे लोगों पर करेगी कार्रवाई'
बीजेपी प्रवक्ता ने ये भी कहा कि ऐसे लोगों को ठीक करने की जरूरत है. हमारी सरकार जांच कर ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी करेगी, उन्होंने कहा कि इस मामले में कहीं से भी एबीवीपी नहीं है. दिल्ली में चुनाव है और निश्चित तौर पर ये लोग साजिश के तहत हंगामा करवा रहे हैं, जिससे कि पूरे देश में कुछ और मैसेज जाए, लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है.
सीएए को लेकर भी अजीत सिंह ने बोला हमला
नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर भी अजीत सिंह ने विपक्ष पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि विपक्ष लगातार लोगों को भ्रम की स्थिति में डाल रहा था. खासकर मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच जिस तरह से विपक्ष ने भ्रम फैलाया है. उसे लेकर ही बीजेपी ने जागरुकता अभियान शुरू किया है. भारतीय जनता पार्टी गांव-गांव जाकर पंचायत स्तर तक लोगों को ये समझाएगी कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी की नागरिकता खत्म नहीं होगी.
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मामले को लेकर सियासी बयानबाजी तेज
वहीं, इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी साफ-साफ कहा था कि राहुल गांधी और वामपंथी दल के नेता ही इस तरह का काम करवा रहे हैं. अब तो जब इस घटना की जांच होगी, तभी असली गुनाहगार कौन है उसका पता चल पाएगा. फिलहाल इस मामले को लेकर सियासी बयानबाजी तेज है और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है.