पटनाः लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi)) से मिलने के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. हालांकि बीजेपी ने इस मुलाकात पर किसी तरह के सियासी मायने निकालने से इनकार किया है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा, जीतन राम मांझी को किस प्रकार बेइज्जत कर महागठबंधन से निकाला गया, वे भूले नहीं होंगे. एनडीए पूरी तरह एकजुट है.
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निकाले जा रहे हैं कई तरह के मायने
विधानसभा चुनाव के बाद बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार तो चल रही है, लेकिन एनडीए में जिस प्रकार से बयान बाजी हो रही है. उससे कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. जीतन राम मांझी इन दिनों लगातार बयान दे रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री तक पर निशाना साध दिया. दूसरी तरफ मुकेश सहनी ने भी बयानबाजी से बीजेपी और जदयू की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं.
बीजेपी जदयू में लगातार हो रही है खटपट
बीजेपी जदयू में भी लगातार खटपट हो रही है. ऐसे में अचानक लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव जीतन राम मांझी से मिलने उनके आवास पहुंचे. दोनों के बीच बंद कमरे में काफी देर तक बात हुई. हालांकि बीजेपी इस मुलाकात को लेकर गंभीर नहीं दिख रही.
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'जीतन राम मांझी से मिलने तेज प्रताप इसलिए भी गए होंगे, क्योंकि लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन है. वे उनसे आशीर्वाद लेने गए होंगे. इसका कोई सियासी मायने नहीं निकालना चाहिए. तेज प्रताप यादव उस तरह के सियासी नेता भी नहीं है. जीतन राम मांझी महागठबंधन से किस प्रकार से बेइज्जत होकर बाहर निकले थे, वे भूले नहीं होंगे. एनडीए में उन्हें पहले भी सम्मान मिला है. अभी भी मिल रहा है. कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की जरूरत नहीं है. जरूरत हुई तो वह भी बन जाएगा. अभी पूरे समन्वय के साथ बिहार में एनडीए सरकार चल रही है.' -प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी
बिहार में सियासी हलचल शुरू
बता दें कि मुकेश सहनी भी जीतन राम मांझी से मिले थे. उस समय भी कई तरह के कयास लगाए जाने लगे थे. आज तेज प्रताप यादव के जीतन राम मांझी से मिलने के बाद भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. भले ही बीजेपी नेता इसे हल्के में लें. लेकिन बिहार में इस मुलाकात को सियासी हलचल के रूप में देखा जा रहा है.
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