पटना : राष्ट्रपति चुनाव को फतह करने के बाद भाजपा की नजर अब मिशन 2024 पर है. पार्टी मिशन 2024 का आगाज बिहार से करने जा रही है. देश में पहली बार 7 मोर्चे की संयुक्त बैठक राजधानी पटना में 30 और 31 जुलाई को होने वाली है. जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) हिस्सा लेंगे. भारतीय जनता पार्टी में सात मोर्चे हैं, युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा.
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29 से कार्यसमिति की शुरुआत : देश में पहली बार सात मोर्चे की संयुक्त बैठक आयोजित की जा रही है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक के लिए राजधानी पटना को चुना है. प्रदेश स्तर पर नेता बैठक को लेकर तैयारियों में जुटे हैं. आपको बता दें कि मोर्चे की कार्यसमिति की शुरुआत 29 जुलाई को होगी और 31 जुलाई को समाप्त होगी.
200 विधानसभाओं में मोर्चे के पदाधिकारी : 29 जुलाई और 30 जुलाई को तमाम मोर्चे के पदाधिकारियों को 200 विधानसभाओं में भेजे जाएंगे. जहां वह 11 प्रकार के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. मिसाल के तौर पर विधानसभाओं में पदाधिकारी लाभार्थियों से मिलेंगे. कार्यकर्ताओं से मिलने के अलावा मठ मंदिर के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे और जो पहली बार वोटर होने जा रहे हैं उनसे भी मिलने की योजना है.
30-31 को है यह कार्यक्रम : 30 जुलाई को जेपी नड्डा पटना पहुंचेंगे और पटना के प्रमुख सड़कों पर वह रोड शो करेंगे. रोड शो के बाद 3:00 बजे कार्यसमिति में हिस्सा लेने ज्ञान भवन पहुंचेंगे. राष्ट्रीय कार्यसमिति में मोर्चा के प्रतिनिधियों के अलावा पार्टी के सारे महामंत्री सह संगठन प्रभारी हिस्सा लेंगे. 30 जुलाई को 2:00 बजे उद्घाटन सत्र होगा. 31 जुलाई को सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 5:30 बजे तक बैठक चलेगी.
''बिहार भाजपा के लिए यह सौभाग्य की बात है. पहली बार संयुक्त मोर्चा की बैठक आयोजित कराने का सौभाग्य बिहार प्रदेश को मिला है. बैठक में भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा होगी. इसके लिए कार्यकर्ता जोर-शोर से लग गए हैं. कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है.''- नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री सह भाजपा नेता
''बिहार में भाजपा आत्मनिर्भर होना चाहती है. इसके लिए सभी मोर्चे की पहली बैठक बिहार में आयोजित की जा रही है. राष्ट्रीय स्तर के नेता बिहार में इस बात को लेकर चिंतन करेंगे कि भविष्य में भाजपा बिहार में कैसे आत्मनिर्भर हो. बिना नीतीश के भी कैसे सरकार को चलाया जाए.'' - कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार
''बिहार में भाजपा की ताकत तो जरूर बढ़ी है लेकिन पार्टी अकेले सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है. मोर्चे की कार्यसमिति के जरिए पार्टी जातिगत वोट बैंक साधने की कोशिश करेगी. अगर बिहार में यह सफल हुआ तो राष्ट्रीय स्तर पर प्रयोग को लागू किया जाएगा.''- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक