पटना: बीजेपी सांसद सुशील मोदी (BJP MP Sushil Modi) ने बिहार में शराबबंदी (Prohibition of Liquor in Bihar) कानून को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में है, लेकिन सरकार अब भी उन 9 मुख्य कारणों को दूर करने के प्रति गंभीर नहीं, जो हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से गिनाए हैं. शराब की नाकामी के कारण ही प्रदेश में जहरीली शराब से लगातार मौते हो रही हैं.
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10 महीने में जहरीली शराब से 50 लोगों की मौत: सुशील मोदी ने कहा कि जहरीली शराब पीने इस साल के दस महीनों में 50 लोगों की जान चुकी है. रोहतास की ताजा घटना के बाद प्रशासन जहरीली शराब को मौत का कारण मानने से इनकार कर 'अज्ञात बीमारी' की कहानी गढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि जहरीली शराब पीने वालों का इलाज करने के लिए सरकार को हाईकोर्ट के निर्देशानुसार मानक चिकित्सा प्रक्रिया (एसओपी) तुरंत लागू करनी चाहिए.
शराबबंदी पर सुशील कुमार मोदी का बयान: हाई कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए सुशील मोदी ने कहा कि शराबबंदी लागू करने में विफलता के कारण राज्य में प्रतिबंधित मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन में कई गुना वृद्धि हुई. सबसे ज्यादा चिंताजनक है तस्करी में किशोर बच्चों का इस्तेमाल होना. उन्होंने कहा कि शराबबंदी पुलिस-प्रशासन के लोगों की अवैध आय का बड़ा जरिया बन गई है, इसलिए शराब माफिया और तस्करों पर नहीं, केवल मामूली लोगों पर कार्रवाई होती है.
बीजेपी सांसद ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर 4 लाख लोग जेलों में डाल दिए गए और उनके मामले निपटाने में अदालतों पर बोझ बढ़ा है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के 16 न्यायाधीश केवल शराबबंदी से जुड़े मामलों में जमानत की याचिका निपटाने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि जहरीली शराब के कारण सोसराय में 5, बांका मे 12, मधेपुरा में 3, औरंगाबाद में 13 और सारण में 17 लोग जान गंवा चुके हैं.
"इस साल के दस महीनों में 50 लोगों की जान चुकी है. दिवाली की रात रोहतास जिले के करगहर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मृत्यु से पूर्ण शराबबंदी लागू करनें में नीतीश सरकार की विफलता फिर उजागर हुई. सरकार को हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करना चाहिए"- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद, बीजेपी
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