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सुशील मोदी ने नीतीश से माफी की मांग की, कहा- 'बात-बात पर आपा खो रहे हैं CM'

पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने नीतीश से माफी की मांग की (Sushil Modi demanded an apology from Nitish) है. उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मौत पर दुखी होने और शराबबंदी की समीक्षा करने की बजाय मुख्यमंत्री ने बेवजह विपक्ष पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है.

बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी
बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी
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Published : Dec 15, 2022, 7:44 AM IST

बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी

पटना: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से संदिग्ध मौत (Suspected death due to poisonous liquor in Chapra) के बाद सूबे की सियासत गरमा गई है. वहीं विधानसभा में इसको लेकर विपक्ष की ओर से सवाल पूछने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गए. जिसके बाद से भारतीय जनता पार्टी के नेता उन पर हमलावर हो गई है. बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) ने कहा कि विधानसभा में विपक्षी सदस्यों के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के लिए सीएम को माफी मांगनी चाहिए. जहरीली शराब से मौत पर दुखी होने और शराबबंदी की समीक्षा करने की बजाय इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री का आवेश में आना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. वे बात-बात पर आपा खो रहे हैं.

ये भी पढ़ें: सदन में नीतीश कुमार को आया गुस्सा, नेता प्रतिपक्ष को कहा- 'चुप हो जाओ...'



"भाजपा पूर्ण मद्यनिषेध के पक्ष में है. इसकी समीक्षा होनी चाहिए और समीक्षा का मतलब शराबबंदी समाप्त करना नहीं है. नीतीश कुमार शराबबंदी लागू करने में पूरी तरह विफल हैं, जबकि यह गुजरात में बेहतर तरीके से लागू है. बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद 6 साल में 1000 से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीने से मरे, 6 लाख लोग जेल भेजे गए और केवल शराब से जुड़े मामलों में हर माह 45 हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार किये जा रहे हैं. रोजाना 10 हजार लीटर और महीने में 3 लाख लीटर शराब जब्त की गई. जब इतनी बड़ी मात्रा में शराब आ रही है, तब सरकार शराबबंदी लागू करने में अपनी विफलता स्वीकार करें"- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद, बीजेपी

नीतीश कुमार विधानसभा में विपक्ष पर आगबबूला: दरअसल, बुधवार को सदन में नेता प्रतिपक्ष ने शराबबंदी के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बिहार में शराब से आज कई मौतें हुई है. बिहार में शराबबंदी फेल है. सरकार इसे सख्ती से लागू करने में नाकाम साबित हो रही है. आए दिन लोग मर रहे हैं. बिहार में हत्या और अपहरण, बलात्कार बढ़ गया है. सरकार कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शराबबंदी के विरोध में नहीं है, लेकिन शराबबंदी के नाम पर जो अपराधियों का गैंग खड़ा हो रहा है, ऐसा माहौल बना हुआ है. वो सब मुख्यमंत्री के अहंकार के कारण है. लॉ एंड ऑडर पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. विपक्ष के हंगामे के बीच सीएम नीतीश कुमार अपनी जगह पर खड़े हो गए और उखड़ते हुए कहा, "इतना गंदा काम किसी ने नहीं किया है जो कर रहे हो, बहुत गंदा काम है, जीते कैसे हो नहीं पता है तुमको चुप हो जाओ.. शराबबंदी पर आप लोगों ने भी समर्थन दिया था."

छपरा में जहरीली शराब से 30 लोगों की संदिग्ध मौत: जहरीली शराब पीने से मृत सभी व्यक्तियों की पहचान हो गई है. इनमें 22 लोग मशरक, 6 मढ़ौरा और 2 लोग दोयला इसुआपुर के रहने वाले थे. घटना के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. डॉक्टर ने आशंका जताई है कि सभी की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है लेकिन मौत का असल कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा. बता दें कि सारण जिले में जहरीली शराब पीने से मौत की ये घटना कोई पहली है. यहां जहरीली शराब पीने से इस साल अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है.

ये भी पढ़ें: छपरा में जहरीली शराब से मौतः LJPR ने की बिहार में राष्ट्रपति शासन की मांग

बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी

पटना: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से संदिग्ध मौत (Suspected death due to poisonous liquor in Chapra) के बाद सूबे की सियासत गरमा गई है. वहीं विधानसभा में इसको लेकर विपक्ष की ओर से सवाल पूछने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गए. जिसके बाद से भारतीय जनता पार्टी के नेता उन पर हमलावर हो गई है. बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) ने कहा कि विधानसभा में विपक्षी सदस्यों के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के लिए सीएम को माफी मांगनी चाहिए. जहरीली शराब से मौत पर दुखी होने और शराबबंदी की समीक्षा करने की बजाय इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री का आवेश में आना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. वे बात-बात पर आपा खो रहे हैं.

ये भी पढ़ें: सदन में नीतीश कुमार को आया गुस्सा, नेता प्रतिपक्ष को कहा- 'चुप हो जाओ...'



"भाजपा पूर्ण मद्यनिषेध के पक्ष में है. इसकी समीक्षा होनी चाहिए और समीक्षा का मतलब शराबबंदी समाप्त करना नहीं है. नीतीश कुमार शराबबंदी लागू करने में पूरी तरह विफल हैं, जबकि यह गुजरात में बेहतर तरीके से लागू है. बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद 6 साल में 1000 से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीने से मरे, 6 लाख लोग जेल भेजे गए और केवल शराब से जुड़े मामलों में हर माह 45 हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार किये जा रहे हैं. रोजाना 10 हजार लीटर और महीने में 3 लाख लीटर शराब जब्त की गई. जब इतनी बड़ी मात्रा में शराब आ रही है, तब सरकार शराबबंदी लागू करने में अपनी विफलता स्वीकार करें"- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद, बीजेपी

नीतीश कुमार विधानसभा में विपक्ष पर आगबबूला: दरअसल, बुधवार को सदन में नेता प्रतिपक्ष ने शराबबंदी के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बिहार में शराब से आज कई मौतें हुई है. बिहार में शराबबंदी फेल है. सरकार इसे सख्ती से लागू करने में नाकाम साबित हो रही है. आए दिन लोग मर रहे हैं. बिहार में हत्या और अपहरण, बलात्कार बढ़ गया है. सरकार कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शराबबंदी के विरोध में नहीं है, लेकिन शराबबंदी के नाम पर जो अपराधियों का गैंग खड़ा हो रहा है, ऐसा माहौल बना हुआ है. वो सब मुख्यमंत्री के अहंकार के कारण है. लॉ एंड ऑडर पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. विपक्ष के हंगामे के बीच सीएम नीतीश कुमार अपनी जगह पर खड़े हो गए और उखड़ते हुए कहा, "इतना गंदा काम किसी ने नहीं किया है जो कर रहे हो, बहुत गंदा काम है, जीते कैसे हो नहीं पता है तुमको चुप हो जाओ.. शराबबंदी पर आप लोगों ने भी समर्थन दिया था."

छपरा में जहरीली शराब से 30 लोगों की संदिग्ध मौत: जहरीली शराब पीने से मृत सभी व्यक्तियों की पहचान हो गई है. इनमें 22 लोग मशरक, 6 मढ़ौरा और 2 लोग दोयला इसुआपुर के रहने वाले थे. घटना के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. डॉक्टर ने आशंका जताई है कि सभी की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है लेकिन मौत का असल कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा. बता दें कि सारण जिले में जहरीली शराब पीने से मौत की ये घटना कोई पहली है. यहां जहरीली शराब पीने से इस साल अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है.

ये भी पढ़ें: छपरा में जहरीली शराब से मौतः LJPR ने की बिहार में राष्ट्रपति शासन की मांग

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