पटना: राष्ट्रपति पद के लिए नीतीश कुमार की उम्मीदवारी (Nitish Kumar Candidature For Post Of President) की चर्चा के बीच बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) ने ट्वीट कर विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि ऐसे जिन लोगों का कोई राष्ट्रीय जनाधार नहीं है, वे किसी का नाम किसी बड़े पद के लिए उछाल सकते हैं.
ये भी पढ़ें: राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे नीतीश? : 'पहले नीतीश कुमार BJP का साथ छोड़ें फिर सोचेंगे क्या करना है'
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा है, "ममता बनर्जी यदि तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, केसीआर और उद्घव ठाकरे से हाथ मिलाकर प्रधानमंत्री मोदी के लोकप्रिय नेतृत्व, केंद्र की मजबूत सरकार और समर्पित काडर वाली भाजपा को चुनौती देना चाहती हैं, तो वे कभी कामयाब नहीं होंगी."
बीजेपी नेता ने आगे लिखा है, "विडम्बना यह कि ये क्षेत्रीय दल कांग्रेस को छोड़ कर फ्रंट बनाना चाहते हैं, जबकि इनमें से अधिकतर कांग्रेस से निकले हैं और उसी की तरह परिवारवादी हैं. ऐसे जिन लोगों का कोई राष्ट्रीय जनाधार नहीं है, वे किसी का नाम किसी बड़े पद के लिए उछाल सकते हैं."
-
विडम्बना यह कि ये क्षेत्रीय दल कांग्रेस को छोड़ कर फ्रंट बनाना चाहते हैं, जबकि इनमें से अधिकतर कांग्रेस से निकले हैं और उसी की तरह परिवारवादी हैं।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) February 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
ऐसे जिन लोगों का कोई राष्ट्रीय जनाधार नहीं है, वे किसी का नाम किसी बड़े पद के लिए उछाल सकते हैं।
">विडम्बना यह कि ये क्षेत्रीय दल कांग्रेस को छोड़ कर फ्रंट बनाना चाहते हैं, जबकि इनमें से अधिकतर कांग्रेस से निकले हैं और उसी की तरह परिवारवादी हैं।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) February 22, 2022
ऐसे जिन लोगों का कोई राष्ट्रीय जनाधार नहीं है, वे किसी का नाम किसी बड़े पद के लिए उछाल सकते हैं।विडम्बना यह कि ये क्षेत्रीय दल कांग्रेस को छोड़ कर फ्रंट बनाना चाहते हैं, जबकि इनमें से अधिकतर कांग्रेस से निकले हैं और उसी की तरह परिवारवादी हैं।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) February 22, 2022
ऐसे जिन लोगों का कोई राष्ट्रीय जनाधार नहीं है, वे किसी का नाम किसी बड़े पद के लिए उछाल सकते हैं।
अपने एक अन्य ट्वीट में सुशील मोदी ने लिखा, "आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे तेज बढती अर्थव्यवस्थाओं में है और विदेशी मुद्रा भंडार में रिकार्ड वृद्धि हुई. दूसरी तरफ वह दिन याद है, जब चंद्रशेखर सरकार के समय देश को सोना लंदन में गिरवी रखना पड़ा था. ऐसे फ्रंट की कमजोर सरकारें नकारात्मकता से भरी होती हैं, इसलिए विकास और स्थिरता में बाधक ही साबित होती हैं."
ये भी पढ़ें: राष्ट्रपति पद के लिए नीतीश का नाम सुनकर भड़के तेजप्रताप, कहा- 'हत्यारा तो राष्ट्रपति के योग्य नहीं हो सकता'
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP