पटना: बिहार की राजधानी पटना में बीजेपी के विधान पार्षदों ने मंगलवार को राज्य में वित्तरहित अनुदानित डिग्री कॉलेजों में अनुदान के भुगतान में देरी सहित अन्य मांगों (Demand for grant payment of Unaided college) को लेकर बिहार विधान परिषद के पोर्टिको में जमकर नारेबाजी की. विरोध-प्रदर्शन कर रहे सदस्य नारेबाजी के दौरान हाथों में स्लोगन लिखी हुई तख्तियां भी थामे हुए थे. विधान परिषद में प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि राज्य में वित्तरहित अनुदानित डिग्री कॉलेजों में अनुदान भुगतान में देरी होने से शिक्षकों का विगत कई वर्षों से वेतन भुगतान लंबित है.
वित्तरहित काॅलेज के शिक्षकों के सामने भुखमरी की स्थितिः दिलीप जायसवाल ने कहा कि इसी बीच सरकार ने इन कॉलेजों के लिए निर्धारित छात्रों की संख्या में कटौती कर दी है. इससे उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को नामांकन प्राप्त करने में भी कठिनाई हो रही है. इसके फलस्वरूप बिहार में शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इन शिक्षकों की राशि करीब आठ सालों से बकाया है. दिलीप जायसवाल ने कहा कि पिछले आठ सालों में कितने ऐसे अनुदानित कॉलेजों के शिक्षकों की असमय मृत्यु हो गई, कई शिक्षकों ने बेटी की शादी समय पर नहीं करने के कारण आत्महत्या तक कर ली. कुछ शिक्षकों को बीमारी है और वो इलाजरत हैं, लेकिन उनके पास पैसे नहीं है कि वह अपनी जिंदगी को बचा सके. इस तरीके से सरकार अनुदानित कॉलेज के शिक्षकों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है.
अनुदान की राशि दोगुना करने की मांग: दिलीप जायसवाल ने यह भी कहा कि सरकार की तरफ से अनुदानित कॉलेज के शिक्षकों को जो राशि दी जाती है, वह बहुत ही कम है. इसके कारण उनको अपने घर परिवार को चलाने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन शिक्षकों को जो अभी अनुदान राशि मिल रही है, उस अनुदान की राशि को सरकार दोगुना करे. जिससे अनुदानित कॉलेज के शिक्षक अपना घर चला सके. यह पूछे जाने पर कि आरजेडी ने सम्राट चौधरी को लेकर कहा कि वह पहले आरजेडी के प्रोडक्ट थे, इसके जवाब में दिलीप जायसवाल ने कहा कि कोई किसी का प्रोडक्ट नहीं होता है. सब ऊपर वाले के प्रोडक्ट होते हैं. इसलिए यह बोलकर ऊपर वाले की बेइज्जती करने वाले को भगवान सजा देंगे.
"राज्य में वित्तरहित अनुदानित डिग्री कॉलेजों में अनुदान भुगतान में देरी होने से शिक्षकों का विगत कई वर्षों से वेतन भुगतान लंबित है. इसी बीच सरकार ने इन कॉलेजों के लिए निर्धारित छात्रों की संख्या में कटौती कर दी है. शिक्षकों की राशि करीब आठ सालों से बकाया है. नुदानित कॉलेज के शिक्षकों को जो राशि दी जाती है, वह बहुत ही कम है. इसके कारण उनको अपने घर परिवार को चलाने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन शिक्षकों को जो अभी अनुदान राशि मिल रही है, उस अनुदान की राशि को सरकार दोगुना करे" -दिलीप जायसवाल, विधान पार्षद, बीजेपी