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बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव की मांग- 'शराबबंदी में खर्च किए गए राशि का जवाब दे सरकार' - Fourth Day Of Winter Session Of Bihar Assembly

बिहार विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने राज्य सरकार से मांग किया है कि शराबबंदी के लिए राज्य सरकार ने कितने राशि खर्च किए हैं. इसकी जानकारी उपलब्ध कराए. अगर नहीं कर सकते तो मगनी के दांत घींसने से कोई फायदा नहीं है. पढ़ें पूरी खबर....

विधान पार्षद नवल किशोर यादव
विधान पार्षद नवल किशोर यादव
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Published : Dec 16, 2022, 1:50 PM IST

बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा

पटना: बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन (Fourth Day Of Winter Session Of Bihar Assembly) है. आज भी विधान परिषद में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सदन की कार्रवाई जारी है. बीजेपी के विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा है कि राज्य में शराबबंदी कानून लागू है और शराबबंदी कानून के नाम पर सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं. शराब की जांच के लिए सरकार ने ड्रोन से लेकर हेलीकॉप्टर तक उड़ाया है. इसके बावजूद सरकार शराबबंदी लागू करने में विफल साबित हुई है. राज्य सरकार ने शराबबंदी के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किये हैं. राज्य की महागठबंधन वाली सरकार को उन सारे रुपए का हिसाब जनता को देना चाहिए. क्योंकि इतने रुपये राज्य की जनता के द्वारा कमाए गए गाढ़ी कमाई है. जिसे शराबबंदी के लिए लगातार धड़ल्ले से सरकार खर्च करने में लगी है.

ये भी पढ़ेंः बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन, छपरा शराब कांड पर BJP का हंगामा

बीजेपी ने शराबबंदी पर खर्च का ब्यौैरा मांगा: दरअसल बीजेपी के विधान परिषद सदस्य नवल किशोर यादव शराबंबदी होने के बावजूद राज्य में लगातार जहरीली शराब से मौत पर सरकार से सवाल कर रहे थे. उनका कहना था कि शराबबंदी पूरी तरह से विफल है. राज्यभर के लोग जहरीली शराब पीकर दिन प्रतिदिन मर रहे हैं. इसके बाद भी सरकार अपनी पीठ खुद थपथपा रही है. हालांकि राज्य की जनता देख रही है कि किस तरह से बिहार में शराब की होम डिलीवरी हो रही है. इसके साथ ही सत्ता से जुड़े लोग ही लगातार शराब की तस्करी करवाने में लगे हुए हैं.

सीएम नीतीश को देना चाहिए इस्तीफा: एमएलसी नवल किशोर यादव ने साफ-साफ कहा कि जब तक जहरीली शराब से हुए मौत पर सरकार जवाब नहीं देगी. तब तक बिहार में बीजेपी सदन की कार्यवाही को नहीं चलने देंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार शराबबंदी के नाम पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि अब उनका इकबाल पूरी तरह से खत्म हो गया है. सरकार के अधिकारी भी उनकी बात नहीं मानते हैं. इस स्थिति को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए. सरकार की तरफ से शराबबंदी के नाम पर जो ढोंग किया जा रहा है. उससे कई गरीब परिवार के लोगों की मौतेें हो रही है. सरकार के लोग जहरीली शराब से मौत होने के बाद जिस तरह का बयान दे रहे हैं. उससे तो यहीं लगता है कि वह पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी को ठीक ढंग से बिहार में लागू किया जाए और अभी तक सरकार ने जो शराबबंदी को लेकर राशि खर्च किया है. उसका जवाब जनता को दिया जाए.

"शराबबंदी पूरी तरह से विफल है. राज्यभर के लोग जहरीली शराब से दिन प्रतिदिन मर रहे हैं. जहरीली शराब से मौत के बाद भी सरकार अपनी पीठ खुद थपथपा रही है. जब तक जहरीली शराब से हुए मौत पर सरकार जवाब नहीं देगी तब तक बिहार में बीजेपी सदन की कार्यवाही को नहीं चलने देगी". नवल किशोर यादव, बीजेपी विधान पार्षद

ये भी पढ़ें: सदन में नीतीश कुमार को आया गुस्सा, नेता प्रतिपक्ष को कहा- 'चुप हो जाओ...'

बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा

पटना: बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन (Fourth Day Of Winter Session Of Bihar Assembly) है. आज भी विधान परिषद में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सदन की कार्रवाई जारी है. बीजेपी के विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा है कि राज्य में शराबबंदी कानून लागू है और शराबबंदी कानून के नाम पर सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं. शराब की जांच के लिए सरकार ने ड्रोन से लेकर हेलीकॉप्टर तक उड़ाया है. इसके बावजूद सरकार शराबबंदी लागू करने में विफल साबित हुई है. राज्य सरकार ने शराबबंदी के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किये हैं. राज्य की महागठबंधन वाली सरकार को उन सारे रुपए का हिसाब जनता को देना चाहिए. क्योंकि इतने रुपये राज्य की जनता के द्वारा कमाए गए गाढ़ी कमाई है. जिसे शराबबंदी के लिए लगातार धड़ल्ले से सरकार खर्च करने में लगी है.

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बीजेपी ने शराबबंदी पर खर्च का ब्यौैरा मांगा: दरअसल बीजेपी के विधान परिषद सदस्य नवल किशोर यादव शराबंबदी होने के बावजूद राज्य में लगातार जहरीली शराब से मौत पर सरकार से सवाल कर रहे थे. उनका कहना था कि शराबबंदी पूरी तरह से विफल है. राज्यभर के लोग जहरीली शराब पीकर दिन प्रतिदिन मर रहे हैं. इसके बाद भी सरकार अपनी पीठ खुद थपथपा रही है. हालांकि राज्य की जनता देख रही है कि किस तरह से बिहार में शराब की होम डिलीवरी हो रही है. इसके साथ ही सत्ता से जुड़े लोग ही लगातार शराब की तस्करी करवाने में लगे हुए हैं.

सीएम नीतीश को देना चाहिए इस्तीफा: एमएलसी नवल किशोर यादव ने साफ-साफ कहा कि जब तक जहरीली शराब से हुए मौत पर सरकार जवाब नहीं देगी. तब तक बिहार में बीजेपी सदन की कार्यवाही को नहीं चलने देंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार शराबबंदी के नाम पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि अब उनका इकबाल पूरी तरह से खत्म हो गया है. सरकार के अधिकारी भी उनकी बात नहीं मानते हैं. इस स्थिति को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए. सरकार की तरफ से शराबबंदी के नाम पर जो ढोंग किया जा रहा है. उससे कई गरीब परिवार के लोगों की मौतेें हो रही है. सरकार के लोग जहरीली शराब से मौत होने के बाद जिस तरह का बयान दे रहे हैं. उससे तो यहीं लगता है कि वह पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी को ठीक ढंग से बिहार में लागू किया जाए और अभी तक सरकार ने जो शराबबंदी को लेकर राशि खर्च किया है. उसका जवाब जनता को दिया जाए.

"शराबबंदी पूरी तरह से विफल है. राज्यभर के लोग जहरीली शराब से दिन प्रतिदिन मर रहे हैं. जहरीली शराब से मौत के बाद भी सरकार अपनी पीठ खुद थपथपा रही है. जब तक जहरीली शराब से हुए मौत पर सरकार जवाब नहीं देगी तब तक बिहार में बीजेपी सदन की कार्यवाही को नहीं चलने देगी". नवल किशोर यादव, बीजेपी विधान पार्षद

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