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रावण वध में नहीं जाने पर अरुण सिन्हा ने दी सफाई, पार्टी नेताओं के सवाल पर साधी चुप्पी

डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के अलावे बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा हर बार रावण वध में शिरकत करते थे. हालांकि इस बार भी इस कार्यक्रम से नदारद थे. ईटीवी भारत संवाददाता से विशेष बातचीत में उन्होंने सफाई देते हुए जलजमाव प्रभावित इलाकों में जनता के बीच फंसना बताया.

बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा
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Published : Oct 9, 2019, 4:33 PM IST

पटनाः एनडीए के प्रमुख सत्ताधारी दल बीजेपी और जदयू के बीच खटास बढ़ती जा रही है. रावण वध के कार्यक्रम में भी बीजेपी का ना तो कोई सांसद गया और न ही कोई विधायक. इसके अलावा हर साल कार्यक्रम में जाने वाले उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी नदारद रहे. पटना में मौजूद रहने के बावजूद बीजेपी के नेताओं ने शिरकत नहीं की.

दरअसल, रामलीला आयोजन को लेकर प्रशासन के रवैये से बीजेपी खेमे में काफी नाराजगी थी. गिरिराज सिंह ने इस मुद्दे पर लगातार बयान दिया था. दूसरी तरफ किसी तरह कुम्हरार विधायक अरुण सिन्हा के सरकारी आवास पर रामलीला का आयोजन किया गया. हालांकि इसकी चर्चा बहुत नहीं हुई. कुम्हरार विधायक अरुण सिन्हा हर साल रावण वध कार्यक्रम में शामिल होते थे, लेकिन इस बार नहीं पहुंचे. हालांकि बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा ने नाराजगी से साफ इंकार किया है. सिन्हा ने ईटीवी भारत को बताया कि जनता के बीच फंस गए थे. चाह कर भी वो रावण वध के कार्यक्रम में गांधी मैदान नहीं पहुंच पाए.

बीजेपी नेताओं पर बोलने के इनकार
हालांकि सुशील मोदी और अन्य नेताओं के बारे में कुछ भी बोलने से अरुण सिन्हा ने इनकार किया. सफाई देते हुए कहा कि रामलीला आयोजन को लेकर किसी तरह की नाराजगी नहीं थी. उन्होंने बताया कि प्रशासन की तरफ से ठाकुरबारी में रामलीला आयोजन की अनुमति दी गई थी. लेकिन जलजमाव के कारण उन्होंने सरकारी आवास पर रामलीला का आयोजन के लिए जगह दिया.

ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत करते बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा

यूथ हॉस्टल में रामलीला की नहीं मिली अनुमति
अरुण सिन्हा ने बताया कि इससे पहले यूथ हॉस्टल में रामलीला आयोजन की अनुमति मांगी गई थी. लेकिन सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. बीजेपी विधायक ने बताया कि हंगामा होने पर प्रशासन ने सफाई दिया कि रामलीला आयोजन पर रोक नहीं लगाई गई है. पुराने स्थल ठाकुरबाड़ी में आयोजन की अनुमति दी गई. हालांकि जलजमाव के कारण उनके आवास पर किया गया.

प्रशासन से बीजेपी नाराज
दशहरा कमेटी के सूत्रों की माने तो बीजेपी खेमे में रामलीला को लेकर प्रशासन के रवैए पर काफी नाराजगी थी. सूत्र यह भी बताते हैं कि नीतीश कुमार खुद नहीं चाहते थे कि रामलीला का आयोजन हो. हालांकि बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा एनडीए में एकजुटता की बात कह रहे हैं. साथ ही नाराजगी से भी इंकार किया है.

एनडीए की एकजुटता पर उठ रहे सवाल
गौरतलब है कि गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी का कोई भी नेता तो नहीं पहुंचा था. वहीं. राज्यपाल फागू चौहान भी शामिल नहीं हुए. हालांकि राज्यपाल के इस कार्यक्रम में न आने का कारण अस्वस्थ होना बताया गया है. बीजेपी की तरफ से रावण वध कार्यक्रम से गायब रहने पर एनडीए की एकजुटता पर कई तरह के कयास लग रहे हैं.

पटनाः एनडीए के प्रमुख सत्ताधारी दल बीजेपी और जदयू के बीच खटास बढ़ती जा रही है. रावण वध के कार्यक्रम में भी बीजेपी का ना तो कोई सांसद गया और न ही कोई विधायक. इसके अलावा हर साल कार्यक्रम में जाने वाले उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी नदारद रहे. पटना में मौजूद रहने के बावजूद बीजेपी के नेताओं ने शिरकत नहीं की.

दरअसल, रामलीला आयोजन को लेकर प्रशासन के रवैये से बीजेपी खेमे में काफी नाराजगी थी. गिरिराज सिंह ने इस मुद्दे पर लगातार बयान दिया था. दूसरी तरफ किसी तरह कुम्हरार विधायक अरुण सिन्हा के सरकारी आवास पर रामलीला का आयोजन किया गया. हालांकि इसकी चर्चा बहुत नहीं हुई. कुम्हरार विधायक अरुण सिन्हा हर साल रावण वध कार्यक्रम में शामिल होते थे, लेकिन इस बार नहीं पहुंचे. हालांकि बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा ने नाराजगी से साफ इंकार किया है. सिन्हा ने ईटीवी भारत को बताया कि जनता के बीच फंस गए थे. चाह कर भी वो रावण वध के कार्यक्रम में गांधी मैदान नहीं पहुंच पाए.

बीजेपी नेताओं पर बोलने के इनकार
हालांकि सुशील मोदी और अन्य नेताओं के बारे में कुछ भी बोलने से अरुण सिन्हा ने इनकार किया. सफाई देते हुए कहा कि रामलीला आयोजन को लेकर किसी तरह की नाराजगी नहीं थी. उन्होंने बताया कि प्रशासन की तरफ से ठाकुरबारी में रामलीला आयोजन की अनुमति दी गई थी. लेकिन जलजमाव के कारण उन्होंने सरकारी आवास पर रामलीला का आयोजन के लिए जगह दिया.

ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत करते बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा

यूथ हॉस्टल में रामलीला की नहीं मिली अनुमति
अरुण सिन्हा ने बताया कि इससे पहले यूथ हॉस्टल में रामलीला आयोजन की अनुमति मांगी गई थी. लेकिन सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. बीजेपी विधायक ने बताया कि हंगामा होने पर प्रशासन ने सफाई दिया कि रामलीला आयोजन पर रोक नहीं लगाई गई है. पुराने स्थल ठाकुरबाड़ी में आयोजन की अनुमति दी गई. हालांकि जलजमाव के कारण उनके आवास पर किया गया.

प्रशासन से बीजेपी नाराज
दशहरा कमेटी के सूत्रों की माने तो बीजेपी खेमे में रामलीला को लेकर प्रशासन के रवैए पर काफी नाराजगी थी. सूत्र यह भी बताते हैं कि नीतीश कुमार खुद नहीं चाहते थे कि रामलीला का आयोजन हो. हालांकि बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा एनडीए में एकजुटता की बात कह रहे हैं. साथ ही नाराजगी से भी इंकार किया है.

एनडीए की एकजुटता पर उठ रहे सवाल
गौरतलब है कि गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी का कोई भी नेता तो नहीं पहुंचा था. वहीं. राज्यपाल फागू चौहान भी शामिल नहीं हुए. हालांकि राज्यपाल के इस कार्यक्रम में न आने का कारण अस्वस्थ होना बताया गया है. बीजेपी की तरफ से रावण वध कार्यक्रम से गायब रहने पर एनडीए की एकजुटता पर कई तरह के कयास लग रहे हैं.

Intro:पटना-- पटना के गांधी मैदान में हर साल आयोजित होने वाले रावण वध कार्यक्रम में बीजेपी के किसी नेता के शामिल नहीं होने पर कई तरह के कयास लगने लगे हैं । कुम्हरार के बीजेपी के विधायक अरुण सिन्हा भी हर साल जाते थे लेकिन इस बार रावण वध के कार्यक्रम में नहीं गए अरुण सिन्हा ने हमारे संवाददाता अविनाश से खास बातचीत में कहा कि जलजमाव वाले इलाके में जनता के बीच फंस गए थे इसलिए चाह कर भी नहीं जा सके। रामलीला आयोजन में प्रशासन और सरकार के रवैए पर भी नाराजगी से अरुण सिन्हा ने इनकार किया है।
पेश है खास बातचीत--


Body: एन डी ए के प्रमुख सत्ताधारी दल बीजेपी और जदयू के बीच खटास बढ़ता जा रहा है रावण वध के कार्यक्रम में भी बीजेपी का ना तो कोई सांसद गया न हीं कोई विधायक और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी जो हर साल जाते थे इस बार नजर नहीं आए जबकि सब पटना में मौजूद थे। रामलीला आयोजन को लेकर जिस प्रकार से प्रशासन का रवैया रहा उससे बीजेपी खेमे में काफी नाराजगी थी गिरिराज सिंह का बयान लगातार इसको लेकर आ रहा था बाद में किसी तरह कुम्हरार के विधायक अरुण सिन्हा के सरकारी आवास पर रामलीला का आयोजन किया गया। हालांकि चर्चा बहुत नहीं हुई। कुम्हरार के विधायक अरुण सिन्हा हर साल रावण वध के कार्यक्रम में शामिल होते थे लेकिन इस बार नहीं पहुंचे । हालांकि बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा किसी तरह की नाराजगी से इंकार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि जनता के बीच फंस गए थे और चाह कर भी रावण वध के कार्यक्रम में गांधी मैदान नहीं जा सके। सुशील मोदी और अन्य नेताओं के बारे में कुछ भी बोलने से अरुण सिन्हा ने इनकार किया और यह भी कहा कि रामलीला आयोजन को लेकर किसी तरह की नाराजगी नहीं थी। प्रशासन की तरफ से ठाकुरबारी में रामलीला आयोजन की अनुमति दे दी गई थी। लेकिन जलजमाव के कारण मैंने अपने सरकारी आवास पर रामलीला आयोजन करने के लिए जगह दे दी थी और यहां आयोजन भी हुआ हालांकि इससे पहले यूथ हॉस्टल में रामलीला आयोजन की अनुमति मांगी गई थी लेकिन सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने अनुमति नहीं दी बाद में हंगामा होने पर प्रशासन की तरफ से यह कहा गया कि रामलीला आयोजन पर रोक नहीं लगाई है और जहां होता है ठाकुरबाड़ी में वहां किया जा सकता है लेकिन जल जमाव होने के कारण वहां नहीं हो सका और फिर बाद में अरुण सिन्हा के आवास पर किसी तरह से आयोजन हुआ जिसकी चर्चा भी नहीं हुई। दशहरा कमेटी के सूत्रों की माने तो बीजेपी खेमे में रामलीला को लेकर प्रशासन के रवैए पर काफी नाराजगी थी। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि नीतीश कुमार खुद नहीं चाहते थे कि रामलीला का आयोजन हो। हालांकि कुम्हरार के बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा एनडीए की एकजुटता की बात कह रहे हैं और अपनी किसी तरह की नाराजगी से भी इंकार कर रहे हैं।


Conclusion: गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी का कोई नेता तो नहीं ही गया राज्यपाल फागू चौहान भी शामिल नहीं हुए हालांकि उनके अस्वस्थ होने का कारण बताया गया। कुल मिलाकर देखें तो बिहार में एनडीए की फिलहाल मुश्किल बढ़ी हुई है कई तरह की कयास लगने लगे हैं।
अविनाश, पटना।
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