पटनाः एनडीए के प्रमुख सत्ताधारी दल बीजेपी और जदयू के बीच खटास बढ़ती जा रही है. रावण वध के कार्यक्रम में भी बीजेपी का ना तो कोई सांसद गया और न ही कोई विधायक. इसके अलावा हर साल कार्यक्रम में जाने वाले उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी नदारद रहे. पटना में मौजूद रहने के बावजूद बीजेपी के नेताओं ने शिरकत नहीं की.
दरअसल, रामलीला आयोजन को लेकर प्रशासन के रवैये से बीजेपी खेमे में काफी नाराजगी थी. गिरिराज सिंह ने इस मुद्दे पर लगातार बयान दिया था. दूसरी तरफ किसी तरह कुम्हरार विधायक अरुण सिन्हा के सरकारी आवास पर रामलीला का आयोजन किया गया. हालांकि इसकी चर्चा बहुत नहीं हुई. कुम्हरार विधायक अरुण सिन्हा हर साल रावण वध कार्यक्रम में शामिल होते थे, लेकिन इस बार नहीं पहुंचे. हालांकि बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा ने नाराजगी से साफ इंकार किया है. सिन्हा ने ईटीवी भारत को बताया कि जनता के बीच फंस गए थे. चाह कर भी वो रावण वध के कार्यक्रम में गांधी मैदान नहीं पहुंच पाए.
बीजेपी नेताओं पर बोलने के इनकार
हालांकि सुशील मोदी और अन्य नेताओं के बारे में कुछ भी बोलने से अरुण सिन्हा ने इनकार किया. सफाई देते हुए कहा कि रामलीला आयोजन को लेकर किसी तरह की नाराजगी नहीं थी. उन्होंने बताया कि प्रशासन की तरफ से ठाकुरबारी में रामलीला आयोजन की अनुमति दी गई थी. लेकिन जलजमाव के कारण उन्होंने सरकारी आवास पर रामलीला का आयोजन के लिए जगह दिया.
यूथ हॉस्टल में रामलीला की नहीं मिली अनुमति
अरुण सिन्हा ने बताया कि इससे पहले यूथ हॉस्टल में रामलीला आयोजन की अनुमति मांगी गई थी. लेकिन सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. बीजेपी विधायक ने बताया कि हंगामा होने पर प्रशासन ने सफाई दिया कि रामलीला आयोजन पर रोक नहीं लगाई गई है. पुराने स्थल ठाकुरबाड़ी में आयोजन की अनुमति दी गई. हालांकि जलजमाव के कारण उनके आवास पर किया गया.
प्रशासन से बीजेपी नाराज
दशहरा कमेटी के सूत्रों की माने तो बीजेपी खेमे में रामलीला को लेकर प्रशासन के रवैए पर काफी नाराजगी थी. सूत्र यह भी बताते हैं कि नीतीश कुमार खुद नहीं चाहते थे कि रामलीला का आयोजन हो. हालांकि बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा एनडीए में एकजुटता की बात कह रहे हैं. साथ ही नाराजगी से भी इंकार किया है.
एनडीए की एकजुटता पर उठ रहे सवाल
गौरतलब है कि गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी का कोई भी नेता तो नहीं पहुंचा था. वहीं. राज्यपाल फागू चौहान भी शामिल नहीं हुए. हालांकि राज्यपाल के इस कार्यक्रम में न आने का कारण अस्वस्थ होना बताया गया है. बीजेपी की तरफ से रावण वध कार्यक्रम से गायब रहने पर एनडीए की एकजुटता पर कई तरह के कयास लग रहे हैं.