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स्पेशल ब्रांच के 'लेटर बम' पर बीजेपी में दो फाड़, अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे नेता

भाजपा नेताओं ने स्पेशल ब्रांच की चिट्ठी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और सरकार से जवाब मांगा है. मंत्रियों की स्पेशल ब्रांच के पत्र को लेकर अलग-अलग राय है.

स्पेशल ब्रांच के चिट्टी पर बीजेपी नेताओं में मतभेद
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Published : Jul 18, 2019, 2:09 PM IST

पटना: आरएसएस की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए स्पेशल ब्रांच ने पत्र जारी किया था. इसे लेकर बिहार विधानमंडल में हाय तौबा मच गई है. मामले पर स्पेशल ब्रांच के एडीजी ने सफाई भी दी लेकिन भाजपा के अंदर ही स्पेशल ब्रांच के पत्र पर गहरे मतभेद नजर आ रहे हैं.

स्पेशल ब्रांच के चिट्ठी पर मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
स्पेशल ब्रांच के पत्र पर बिहार में सियासी भूचाल आ गया है. भाजपा नेताओं ने स्पेशल ब्रांच की चिट्ठी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और सरकार से जवाब मांगा है. भाजपा कोटे के मंत्री इस मुद्दे को लेकर आपस में बंटे दिखाई दे रहे हैं. मंत्रियों की स्पेशल ब्रांच की चिट्ठी को लेकर अलग-अलग राय है.

बीजेपी के मंत्रियों की स्पेशल ब्रांच की चिट्ठी को लेकर अलग-अलग राय है.

'दोषियों को मिलेगी सजा'
मामले पर भाजपा विधायक और पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग के मंत्री विनोद सिंह का कहना है कि स्पेशल ब्रांच ने आरएसएस से संबंधित कोई ऐसा पत्र नहीं भेजा है. उन्होंने कहा है कि मैंने सिर्फ फेसबुक पर पत्र को देखा है और फेसबुक पर फर्जी पत्र भी चलाए जाते हैं. इधर, कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि पूरे मामले की जांच की जाएगी. जो भी इसमें दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ADG ने दी सफाई
बता दें कि मामले पर सफाई देते हुए एडीजी जेएस गंगवार ने कहा कि इस चिट्ठी की खबर किसी वरीय अधिकारी को नहीं थी. इनपुट के आधार पर लेटर जारी किया गया था. सरकार को भी इस मामले में कुछ पता नहीं था. पत्र की जांच करने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला?
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण से दो दिन पहले स्पेशल ब्रांच के एसपी की ओर से एक चिट्ठी जारी की गई थी. जिसमें कुल 19 संगठनों के नाम शामिल हैं जिनपर निगरानी रखने की बात कही गई थी. उन संगठनों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, धर्म जागरण समन्वय समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वेदशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी, हिंदू पुत्र संगठन के पदाधिकारियों का नाम और पता मांगा गया था. इसके बाद से ही सियासत के गलियारों में खलबली मच गई है.

पटना: आरएसएस की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए स्पेशल ब्रांच ने पत्र जारी किया था. इसे लेकर बिहार विधानमंडल में हाय तौबा मच गई है. मामले पर स्पेशल ब्रांच के एडीजी ने सफाई भी दी लेकिन भाजपा के अंदर ही स्पेशल ब्रांच के पत्र पर गहरे मतभेद नजर आ रहे हैं.

स्पेशल ब्रांच के चिट्ठी पर मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
स्पेशल ब्रांच के पत्र पर बिहार में सियासी भूचाल आ गया है. भाजपा नेताओं ने स्पेशल ब्रांच की चिट्ठी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और सरकार से जवाब मांगा है. भाजपा कोटे के मंत्री इस मुद्दे को लेकर आपस में बंटे दिखाई दे रहे हैं. मंत्रियों की स्पेशल ब्रांच की चिट्ठी को लेकर अलग-अलग राय है.

बीजेपी के मंत्रियों की स्पेशल ब्रांच की चिट्ठी को लेकर अलग-अलग राय है.

'दोषियों को मिलेगी सजा'
मामले पर भाजपा विधायक और पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग के मंत्री विनोद सिंह का कहना है कि स्पेशल ब्रांच ने आरएसएस से संबंधित कोई ऐसा पत्र नहीं भेजा है. उन्होंने कहा है कि मैंने सिर्फ फेसबुक पर पत्र को देखा है और फेसबुक पर फर्जी पत्र भी चलाए जाते हैं. इधर, कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि पूरे मामले की जांच की जाएगी. जो भी इसमें दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ADG ने दी सफाई
बता दें कि मामले पर सफाई देते हुए एडीजी जेएस गंगवार ने कहा कि इस चिट्ठी की खबर किसी वरीय अधिकारी को नहीं थी. इनपुट के आधार पर लेटर जारी किया गया था. सरकार को भी इस मामले में कुछ पता नहीं था. पत्र की जांच करने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला?
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण से दो दिन पहले स्पेशल ब्रांच के एसपी की ओर से एक चिट्ठी जारी की गई थी. जिसमें कुल 19 संगठनों के नाम शामिल हैं जिनपर निगरानी रखने की बात कही गई थी. उन संगठनों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, धर्म जागरण समन्वय समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वेदशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी, हिंदू पुत्र संगठन के पदाधिकारियों का नाम और पता मांगा गया था. इसके बाद से ही सियासत के गलियारों में खलबली मच गई है.

Intro:आर एस एस की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए स्पेशल ब्रांच में पत्र जारी किया था जिसे लेकर बिहार विधानमंडल में खूब हाय तौबा मचा एडीजी ने सफाई भी दी लेकिन भाजपा के अंदर ही स्पेशल ब्रांच के पत्र पर गहरे मतभेद हैं


Body:स्पेशल ब्रांच के पत्र से बिहार की राजनीति में बखेड़ा खड़ा हो गया है भाजपा नेताओं ने स्पेशल ब्रांच की चिट्ठी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त किया और सरकार से जवाब मांगा भाजपा कोटे के मंत्री इस मुद्दे को लेकर आपस में बटे दिखाई दे रहे हो मंत्रियों में स्पेशल ब्रांच के चिट्ठी को लेकर अलग-अलग राय है


Conclusion:भाजपा विधायक और पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग के मंत्री विनोद सिंह ने कहा है कि स्पेशल ब्रांच ने r.s.s. से संबंधित कोई ऐसा पत्र नहीं भेजा है विनोद सिंह ने कहा है कि मैंने सिर्फ फेसबुक पर पत्र को देखा है और फेसबुक पर फर्जी पत्र ही चलाए जाते हैं
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि पूरे मामले को हम लोगों ने गंभीरता से लिया है प्रेम कुमार ने कहा है कि पूरे मामले की जांच की जाएगी इस अधिकारी ने पत्र निकाला है और किसके आदेश से पत्र निकाला गया है जो भी इसमें दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी
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