पटना: बिहार में चुनावी आहट के साथ ही दलबदल का खेल शुरू हो गया है. पहले जेडीयू में सेंधमारी हुई, उसके बाद जेडीयू की ओर से आरजेडी को करारा जवाब दिया गया. एक साथ आरजेडी के 5 विधान पार्षदों को अपने पाले में मिला लिया गया. इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई है. इस बीच बीजेपी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है.
'आरजेडी धन वालों को देती है टिकट'
बिहार में विधान परिषद के चुनाव होने हैं. लेकिन ठीक चुनाव से पहले आरजेडी के 5 विधान पार्षदों ने पाला बदल लिया है. पार्टी में तोड़फोड़ के लिए बीजेपी ने आरजेडी की नीति को ही जिम्मेदार बताया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि आरजेडी में पार्टी के कार्यकर्ता और नेताओं को विधान परिषद का टिकट नहीं दिया जाता है. जो धन वाले होते हैं, उन्हें पार्टी विधान परिषद भेजती है. अब अगर ऐसा होगा तो जाहिर तौर पर लोग इधर-उधर भागेंगे ही.
आरजेडी ने दी सफाई
बीजेपी के आरोपों को आरजेडी ने निराधार बताया. विधायक शिवचंद्र राम ने कहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं को ही राज्यसभा और विधानसभा परिषद भेजती है. सत्ता पक्ष के आरोप में कोई दम नहीं है. लॉकडाउन के दौरान 90 दिन तक बीजेपी और जेडीयू के लोग इसी चक्कर में लगे रहे कि कैसे आरजेडी को तोड़ा जाए.