ETV Bharat / state

राजनीतिक विरासत संभालने के लिए BJP के दिग्गज नेता बेटे के लिए मांग रहे टिकट, प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू - bihar assembly election 2020

भाजपा के वरीय नेता सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल अपने बेटे प्रमोद को टिकट दिलाना चाहते हैं. विधान पार्षद संजय पासवान भी अपने पुत्र गुरु प्रकाश के लिए टिकट की चाह रखते हैं. भाजपा नेता गोपाल नारायण सिंह अपने पुत्र विक्रम को भी विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहते हैं. वहीं, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के पुत्र रमन सिंह भी चुनाव लड़ना चाहते हैं.

भाजपा में परिवारवाद
भाजपा में परिवारवाद
author img

By

Published : Oct 4, 2020, 3:04 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कई बड़े नेता अपनी सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अपने पुत्र-पुत्रियों को राजनीतिक रण में उतारने की कवायद में है, तो कई अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग रहे हैं. हालांकि, अभी तक महागठबंधन और एनडीए ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं की है. इसको लेकर पार्टी नेता दबाव की राजनीति भी कर रहे हैं.

बेटे को आगे बढ़ाने के लिए लगा रहे ए़ड़ी-चोटी का जोड़
अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा के कई वरीय नेता इस बार के विधानसभा चुनाव में अपने लिए नहीं बल्कि अपने बेटे या फिर रिश्तेदारों के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. जहां, पूर्व सांसद सीपी ठाकुर अपने पुत्र दीपक ठाकुर के लिए पाली या विक्रम विधानसभा सीट चाहते हैं. वहींं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे अपने बेटे अर्जित सास्वत के लिए भागलपुर से विधानसभा की टिकट चाहते हैं. अर्जित पिछली बार भी भागलपुर से चुनाव लड़े थे. इन सब के अलावे केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के बेटे आदित्य भी भाजपा के सक्रिय राजनीति में है, आदित्य भी चुनावी राजनीति में आना चाहते हैं.

इन्होंने भी ठोका दावा
भाजपा के वरीय नेता सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल अपने बेटे प्रमोद को टिकट दिलाना चाहते हैं. विधान पार्षद संजय पासवान भी अपने पुत्र गुरु प्रकाश के लिए टिकट की चाह रखते हैं. भाजपा नेता गोपाल नारायण सिंह अपने पुत्र विक्रम को भी विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहते हैं. वहीं, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के पुत्र रमन सिंह भी चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके अलावा पूर्व सांसद दिवंगत भोला सिंह की बहू वीणा देवी ने भी दावेदारी ठोक रखी है.

प्रेम रंजन पटेल (बीजेपी प्रवक्ता)
प्रेम रंजन पटेल (बीजेपी प्रवक्ता)

परिवारवाद के आरोप से बचने की चुनौती
भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता रिटायरमेंट से पहले अपने बेटों को सक्रिय राजनीति में स्थापित करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, कई नेताओं को अपने बेटे को पहचान दिलाने में कामयाबी भी मिली. जबकि अभी भी कई बीजेपी नेता अपने बेटे को राजनीति में आगे बढ़ाने के लिए संघर्षरत हैं. बता दें कि भाजपा नेता और सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया ने अपनी आगे की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अपने बेटे संजीव चौरसिया को टिकट दिलवाया था. संजीव चौरसिया फिलहाल दीघा से विधायक हैं. वे इस बार भी टिकट के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. इसके अलावे पूर्व सांसद मुनीलाल राम भी रिटायरमेंट से पहले बेटे को स्थापित करने में कामयाब रहे और शिवेश राम को टिकट भी दिलाया और शिवेश विधायक बने.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

गौरतलब है कि बीजेपी हमेशा से ही अन्य दलों पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाते रही है. ऐसे में बीजेपी के सामने में खुद को परिवारवाद के आरोप से बचने के लिए बड़ी चुनौती है. हालांकि, बीजेपी नेताओं के बेटे को टिकट दिया जाए या फिर नहीं इसपर भाजपा के वरीय नेता विचार-विमर्श कर रहे हैं. भाजपा में परिवारवाद के सावल पर बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि पार्टी केवल उन्हीं कार्यकर्ताओं को टिकट देती है. जो पार्टी के लिए काम करते हैं और पार्टी को जिनपर भरोसा है.

टिकट हासिल करने के लिए नेताओं की जोर-आजमाइश
बता दें कि विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही टिकट हासिल करने के लिए नेताओं की जोर-आजमाइश भी बढ़ गई है. इस दौड़ में भाजपा नेताओं के पुत्र और रिश्तेदार भी शामिल हैं. उनकी कोशिश टिकट हासिल कर अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की है. प्रदेश इकाई और राष्ट्रीय नेताओं के सामने अपनी दावेदारी जताने के साथ ही क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को भी अपने साथ जोड़ रहे हैं ताकि टिकट की दौड़ में आगे रह सकें.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कई बड़े नेता अपनी सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अपने पुत्र-पुत्रियों को राजनीतिक रण में उतारने की कवायद में है, तो कई अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग रहे हैं. हालांकि, अभी तक महागठबंधन और एनडीए ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं की है. इसको लेकर पार्टी नेता दबाव की राजनीति भी कर रहे हैं.

बेटे को आगे बढ़ाने के लिए लगा रहे ए़ड़ी-चोटी का जोड़
अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा के कई वरीय नेता इस बार के विधानसभा चुनाव में अपने लिए नहीं बल्कि अपने बेटे या फिर रिश्तेदारों के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. जहां, पूर्व सांसद सीपी ठाकुर अपने पुत्र दीपक ठाकुर के लिए पाली या विक्रम विधानसभा सीट चाहते हैं. वहींं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे अपने बेटे अर्जित सास्वत के लिए भागलपुर से विधानसभा की टिकट चाहते हैं. अर्जित पिछली बार भी भागलपुर से चुनाव लड़े थे. इन सब के अलावे केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के बेटे आदित्य भी भाजपा के सक्रिय राजनीति में है, आदित्य भी चुनावी राजनीति में आना चाहते हैं.

इन्होंने भी ठोका दावा
भाजपा के वरीय नेता सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल अपने बेटे प्रमोद को टिकट दिलाना चाहते हैं. विधान पार्षद संजय पासवान भी अपने पुत्र गुरु प्रकाश के लिए टिकट की चाह रखते हैं. भाजपा नेता गोपाल नारायण सिंह अपने पुत्र विक्रम को भी विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहते हैं. वहीं, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के पुत्र रमन सिंह भी चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके अलावा पूर्व सांसद दिवंगत भोला सिंह की बहू वीणा देवी ने भी दावेदारी ठोक रखी है.

प्रेम रंजन पटेल (बीजेपी प्रवक्ता)
प्रेम रंजन पटेल (बीजेपी प्रवक्ता)

परिवारवाद के आरोप से बचने की चुनौती
भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता रिटायरमेंट से पहले अपने बेटों को सक्रिय राजनीति में स्थापित करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, कई नेताओं को अपने बेटे को पहचान दिलाने में कामयाबी भी मिली. जबकि अभी भी कई बीजेपी नेता अपने बेटे को राजनीति में आगे बढ़ाने के लिए संघर्षरत हैं. बता दें कि भाजपा नेता और सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया ने अपनी आगे की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अपने बेटे संजीव चौरसिया को टिकट दिलवाया था. संजीव चौरसिया फिलहाल दीघा से विधायक हैं. वे इस बार भी टिकट के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. इसके अलावे पूर्व सांसद मुनीलाल राम भी रिटायरमेंट से पहले बेटे को स्थापित करने में कामयाब रहे और शिवेश राम को टिकट भी दिलाया और शिवेश विधायक बने.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

गौरतलब है कि बीजेपी हमेशा से ही अन्य दलों पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाते रही है. ऐसे में बीजेपी के सामने में खुद को परिवारवाद के आरोप से बचने के लिए बड़ी चुनौती है. हालांकि, बीजेपी नेताओं के बेटे को टिकट दिया जाए या फिर नहीं इसपर भाजपा के वरीय नेता विचार-विमर्श कर रहे हैं. भाजपा में परिवारवाद के सावल पर बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि पार्टी केवल उन्हीं कार्यकर्ताओं को टिकट देती है. जो पार्टी के लिए काम करते हैं और पार्टी को जिनपर भरोसा है.

टिकट हासिल करने के लिए नेताओं की जोर-आजमाइश
बता दें कि विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही टिकट हासिल करने के लिए नेताओं की जोर-आजमाइश भी बढ़ गई है. इस दौड़ में भाजपा नेताओं के पुत्र और रिश्तेदार भी शामिल हैं. उनकी कोशिश टिकट हासिल कर अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की है. प्रदेश इकाई और राष्ट्रीय नेताओं के सामने अपनी दावेदारी जताने के साथ ही क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को भी अपने साथ जोड़ रहे हैं ताकि टिकट की दौड़ में आगे रह सकें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.