पटना: बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू की लोकसभा चुनाव के दौरान मुश्किलें बढ़ सकती है. पार्टी में अभी 16 सांसद हैं. गठबंधन की सियासत और जीत के दबाव के कारण जेडीयू के कई सांसद बेटिकट हो सकते हैं. जेडीयू के 6 सांसद ऐसे हैं, जहां से आरजेडी की दावेदारी हो सकती है. जेडीयू के सीतमढ़ी सांसद सुनील कुमार पिंटू ने तो स्पष्ट रूप से बगावत के संकेत भी दिये दिये हैं. ऐसे में अन्य जगहों से भी जेडीयू के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है. इन सब के बीच अन्य जेडीयू सांसदों का क्या कहना है यह गौर करने वाली बात होगी.
आशियाना तलाश रहे कई जेडीयू सांसद : अब परिस्थितियां बदल गई है और कई सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल ने भी दावा ठोक रखा है. जिन सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल का दावा है. वहां से जदयू सीटिंग एमपी अपने लिए विकल्प तलाश रहे हैं. बगावत का बिगुल सबसे पहले सीतामढ़ी से सांसद सुनील कुमार पिंटू ने फूंका है. सुनील कुमार पिंटू ने कहा है कि मैं बीजेपी से आया था और जब भी बुलावा आया तो मैं बीजेपी लौट जाऊंगा. सुनील कुमार पिंटू ने भाजपा में आने के स्पष्ट संकेत दे डाले हैं.
कई जेडीयू सांसद बीजेपी बैकग्राउंड के : जेडीयू के कई ऐसे सांसद हैं, जो बीजेपी बैकग्राउंड से आते हैं. सुनील कुमार पिंटू बीजेपी कोटे से विधायक थे और बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा दुलालचंद गोस्वामी का भी भाजपा से संबंध रहा है. दुलाल चंद गोस्वामी भाजपा के विधायक रहे हैं और उन्हें मंत्री रहने का भी मौका बिहार सरकार में मिला है. पूर्णिया से जेडीयू सांसद संतोष कुशवाहा भी भाजपा में रह चुके हैं, पार्टी के टिकट पर वह एक बार विधायक भी रहे हैं.
भागलपुर में पर दावा कर सकती है आरेजडी : भागलपुर लोकसभा सीट पर भी राष्ट्रीय जनता दल की नजर है. भागलपुर लोकसभा सीट पर माय समीकरण की दखल रहती है. ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल का दावा भागलपुर लोकसभा सीट पर भी है, लेकिन गंगौता जाति से आने वाले अजय मंडल जदयू कोटे से सांसद हैं. अजय मंडल भी बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में वैकल्पिक राजनीति पर मंथन कर रहे हैं.
बांका से आरजेडी के जयप्रकाश आजमाना चाहेंगे भाग्य : वहीं बांका लोकसभा सीट को भी राष्ट्रीय जनता दल साधना चाहती है. जयप्रकाश यादव वहां से सांसद रह चुके हैं. जयप्रकाश यादव लालू के करीबी माने जाते हैं और एक बार फिर जयप्रकाश यादव वहां से भाग्य आजमाना चाहेंगे. ऐसे में जदयू कोटे के सांसद गिरधारी यादव को बेटिकट होना पड़ सकता है. गिरधारी यादव तीन बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं और जदयू कोटे के वह सांसद भी हैं.
'जेडीयू में बना रहूंगा' : पूर्णिया से जदयू सांसद संतोष कुशवाहा ने कहा कि "मैं दो बार से जदयू का सांसद हूं और सीटिंग सीट इधर-उधर जाने की संभावना नहीं है. पूर्णिया से जदयू ही लड़ेगी और मैं जदयू में ही रहूंगा." कटिहार से जेडीयू सांसद दुलालचंद गोस्वामी ने बताया कि मैं जदयू में हूं और कटिहार सीटिंग सीट है. कटिहार सीट पर जेडीयू का दावा बनता है. वैसे इन सब पर फैसला पार्टी को करना है.
सुनील कुमार पिंटू ने बीजेपी में जाने का दे दिया है संकेत : सीतामढ़ी सांसद सुनील कुमार पिंटू पुराने स्टैंड पर कायम है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी मेरी मूल पार्टी है और मैं भाजपा का ही सदस्य हूं. जब भी भाजपा से ऑफर आएगा तो मैं लौट जाऊंगा. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि जदयू के सभी 16 सांसद एनडीए की टिकट पर जीते थे, लेकिन इस बार नीतीश कुमार ने जंगल राज वालों से हाथ मिला लिया है.
"जेडीयू के तमाम सांसदों को हार का भय सता रहा है. दर्जन भर सांसद पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं और भाजपा के संपर्क में हैं. भाजपा बिना शर्त नेताओं को लेने के लिए तैयार है. टिकट का फैसला चुनाव समिति और केंद्रीय नेतृत्व के स्तर पर होता है."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी
कई पारंपरिक सीटों पर आरजेडी का दावा : राष्ट्रीय जनता दल की नजर पारंपरिक सीटों पर है. राष्ट्रीय जनता दल पारंपरिक तौर पर भागलपुर, बांका, मधेपुरा और जहानाबाद लोकसभा सीट पर दावा कर रही है. इसके अलावा सिवान लोकसभा सीट पर वाम दल ने दावा ठोक रखा है. सिवान लोकसभा सीट पर कविता देवी जेडीयू कोटे से सांसद हैं. कविता देवी के पति अजय कुमार सिवान में हिंदू वाहिनी सेवा का नेतृत्व करते हैं. इधर जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने बगावत करने वाले सांसदों को आड़े हाथों लिया है.
"जो बगावत कर रहे हैं, वह गद्दार हैं. उन्हें पद छोड़ देना चाहिए. हम इसकी चिंता नहीं करते हैं कि कौन रहेगा या कौन नहीं रहेगा. पहले पार्टी होती है. उसके बाद नेता का नाम आता है."- नीरज कुमार, प्रवक्ता जेडीयू
'जेडीयू सांसद कर सकते हैं बगावत' : वहीं वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि जदयू के लिए धर्म संकट वाली स्थिति उत्पन्न होने वाली है. पार्टी के सांसदों ने बगावत शुरू कर दी है. ऐसा इसलिए हो रहा है कि कई सीटों पर राजद का दावा है. भाजपा सांसदों को लेने के लिए तो तैयार है, लेकिन उन्हें टिकट के आश्वासन मिलने के आसार नहीं है. अब देखना होगा कि नीतीश कुमार इस क्राइसिस से कैसे निपटते हैं.
आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर आए थे और उनसे जब जदयू सांसदों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा था कि जो कोई भी आना चाहता है. उसे हम पार्टी की सदस्यता देंगे, लेकिन बिना शर्त उन्हें पार्टी ज्वाइन करनी होगी, बाद में पार्टी उनकी चिंता करेगी.
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