पटना: आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (RJD Leader Tejashwi Yadav) ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम (NMP) को लेकर मोदी सरकार पर तल्ख टिप्पणी की थी. अब बीजेपी ने उस बयान को लेकर उन पर पलटवार किया है. प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह (BJP spokesperson Arvind Kumar Singh) ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अभी भी लालटेन युग में जी रहे हैं, इसीलिए उन्हें विकास पसंद नहीं है.
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि लालटेन युग को ढोने वाले तेजस्वी यादव के बयान से यह साफ नजर आता है कि उन्हें विकास पसंद नहीं है. उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए धन की जरूरत होती है और जिन परिसंपत्तियों को बेचने की बात हो रही है, उन्हें बेचा नहीं जा रहा है, बल्कि उनको देश के विकास कार्यों में लगाया जा रहा है.
अरविंद सिंह ने कहा कि आज बिहार और पूरा देश विकास की नई गाथा लिख रहा है. बुलेट ट्रेन चल रही है और तमाम क्षेत्रों में विकास के कार्य हो रहे हैं, जिसके लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है. तेजस्वी यादव को लालटेन युग की सोच से बाहर निकलना होगा.
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दरअसल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला था. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'केंद्र में बैठे नीम हकीमों ने अच्छी खासी दौड़ रही अर्थव्यवस्था को इतना बीमार कर दिया है कि अब इसका रेंगना भी दूभर हो गया है. अब इसे ज़िंदा रखने के लिए इसी के अंग काट-काटकर देश की संपत्ति ये झोलाछाप निजी हाथों में बेच रहे हैं. आंगन बेचकर किसी तरह घर चलाना कौन सी काबिलियत है, साहब?'
वहीं, एक अन्य ट्वीट में आरजेडी नेता ने लिखा था, 'भारत एक अत्यंत सामाजिक आर्थिक असमानता वाला देश है. अगर निजी क्षेत्र, जिसका एकमात्र उद्देश्य अधिकाधिक लाभ कमाना होता है, के हाथों में ही सबकुछ बेच दिया जाएगा तो कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा कौन करेगा? शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, नौकरी... सबकुछ कमज़ोर वर्गों की पहुंच से बाहर हो जाएगा.'
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आपको बताएं कि आपको बताएं कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने साफ किया है कि इन एसेट का ओनरशिप सरकार के पास ही रहेगा, बस इन्हें कमाने के लिए ही पार्टियों को दिया जाएगा, जिसे वे कुछ साल के बाद वापस कर देंगे. हमारी नीति बेचने के बारे में नहीं है, सख्त वापसी होगी. केंद्र सरकार नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे रूट, स्टेडियम, वेयरहाउस, पावर ग्रिड पाइपलाइन जैसी सरकारी बुनियादी ढांचा संपत्तियों को निजी क्षेत्र को कमाई के लिए लीज पर देकर केंद्र की मोदी सरकार करीब 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है.