पटना : सीएम नीतीश कुमार की बहुचर्चित चेन्नई यात्रा एकदम अंतिम वक्त पर स्थगित हो गई. सीएम का दौरा कैंसिल होने के बाद राज्य में राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. एक तरफ जहां सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल सीएम नीतीश कुमार की तरफ से बचाव की मुद्रा में है, तो वहीं दूसरी तरफ, प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने खुलकर हमला बोला है. ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आज तमिलनाडु के दौरे पर जाना था. वहां उनकी मुलाकात तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से भी होनी थी, लेकिन मंगलवार सुबह अचानक खबर आई कि सीएम नीतीश कुमार चेन्नई नहीं जाएंगे.
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तेजस्वी यादव और संजय झा गए चेन्नई : हालांकि, सीएम नीतीश के चेन्नई दौरे को लेकर अंतिम वक्त में बदलाव तो हुआ, लेकिन संजय झा और डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव चेन्नई चले गए. खास बात यह है कि इससे पहले गत एक मार्च को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के 70 वें जन्म दिवस के मौके पर भी तेजस्वी प्रसाद यादव चेन्नई पहुंचे थे. उन्होंने एमके स्टालिन को बधाई भी दी थी. करीब तीन महीने के अंदर तेजस्वी प्रसाद यादव की दूसरी यात्रा है.
आरजेडी ने किया बचाव : सीएम नीतीश कुमार की चेन्नई की यात्रा स्थगित होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल उनका बचाव किया है. पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अगर किसी निजी कारण से मुख्यमंत्री चेन्नई नहीं जा पाए और उसे लेकर जो कयास लगाए जा रहे हैं वह सब बकवास है नहीं जाने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं लेकिन हम इस बात की पूरी जानकारी नहीं है कि किन कारणों से वह चेन्नई नहीं गए.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने यह भी कहा कि ''23 जून को जो बैठक होने वाली है, वह ऐतिहासिक बैठक होगी और गैर बीजेपी दलों का जुटान पटना की धरती पर होगा. उसी दिन बीजेपी के खिलाफ शंखनाद होगा. इसी से बीजेपी परेशान है. बीजेपी तो पहले से ही आने और न आने की बात कह रही है. बीजेपी को चिंता सता रही है. बीजेपी भयभीत है. व्यंजन पर ज्यादा ध्यान दे रही है. अगर बीजेपी वालों को भी व्यंजन की चिंता है तो यह स्वादिष्ट भी होगा. इसलिए कि यहां गले नहीं मिले हैं बल्कि दिल मिले हैं. अगर बीजेपी वाले कहेंगे तो उनको भी व्यंजन पहुंचा दिया जाएगा.''
बीजेपी ने बोला हमला : वहीं, सीएम नीतीश कुमार चेन्नई यात्रा स्थगित होने के बाद बीजेपी ने कटाक्ष किया. अखिलेश सिंह का कहना है कि ''नीतीश कुमार को कोई भाव नहीं दे रहा है. यह बार-बार कहते थे कि इनको बुलाया जा रहा है. जबकि इनको कोई नहीं बुला रहा था. यह खुद से अपने दरवाजे-दरवाजे भटक रहे हैं. नीतीश कुमार अपनी प्रासंगिकता को साबित करने का प्रयास कर रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार उनको पीएम नरेंद्र मोदी की बराबरी करनी है. कई ऐसे राज्य हैं जहां अपने दम पर लोग मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हैं, यह लोग नीतीश कुमार को क्यों भाव देंगे.'' अखिलेश सिंह ने यह भी कहा कि यह खुद ही अपने मुंह मियां मिट्ठू बन रहे हैं.