पटना: पटना की आकांक्षा, इंजीनियरिंग की अंतिम वर्ष की छात्रा ने अपने पिता योगेश कुमार की मदद से डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 की महामारी से बचाने की मुहिम में एक मेडी रोबोट बनाया है. जो डॉक्टरों को कोरोना मरीजों के इलाज करने में सहायता करेगा. ये रोबोट होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को भी मदद करता है. ये रोबोट किसी भी संक्रमित मरीज, लाचार व्यक्ति की बेसिक मेडिकल जांच प्रामाणिकता के साथ दूर से और रियल टाइम डाटा और डाटा बेस के साथ करता है.
यह भी पढ़ें- मसौढ़ी: धनरूआ में छह साल का बच्चा कोरोना पॉजिटिव, ग्रामीणों में दहशत
आकांक्षा ने बनाया मेडी रोबोट
मध्यप्रदेश के दुर्ग से इंजीनियरिंग कर रही आकांक्षा बताती है कि 'कोरोना काल में मन में विचार आया कि डॉक्टर भी मरीज के इलाज के दौरान संक्रमित हो रहे हैं. ऐसे में आकांक्षा ने सोचा कि क्यों न ऐसा रोबोट बनाया जाय जिसे डॉक्टर, मरीज के पास रखकर सारी जानकारी दूर से ले सकते हैं और उसका इलाज कर सकते हैं. इस मेडी रोबोट को बनाने में पापा योगेश श्रीवास्तव का भी मदद मिला.
'पटना के तीन नामी अस्पताल में हमने इसका डेमो भी किया है. अफसोस है कि सफल ट्रायल के बाद भी सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी है. हमें उम्मीद है कि इस कोरोना काल में सरकार हमारी बेटी द्वारा बनाए गए मेडी रोबोट को मंजूरी देगी. जिससे डॉक्टर को इलाज करना आसान होगा और संक्रमित होने का खतरा भी कम होगा.- योगेश श्रीवास्तव, आकांक्षा के पिता
रोबोट कई तरह की जांच कर सकता है
यह रोबोट व्यक्ति का वजन, तापमान, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा, हृदय गति, ब्लड प्रेशर, रक्त में ग्लूकोज की मात्रा इत्यादि की जांच करता है. यह ईसीजी. और वायरलेस स्टेथेस्कोप से भी लैस है. यह रोबोट इन महत्वपूर्ण जांच रिपोर्ट को दूर बैठे डॉक्टर के पास पहुंचाने में भी सक्षम है.
रोबोट की खासियत
- संक्रमित व्यक्ति को दवा, खाना, पानी, नेबुलाइजर और ऑक्सीजन इत्यादि पहुंचाना.
- हाई रेज्यूलेशन नाइट विजन कैमरे से 360 डिग्री घूम कर मरीज और हॉस्पिटल का सर्विलांस.
- हाई रेज्यूलेशन कैमरा से डॉक्टर और मरीज के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत.
- केमिकल और यूवी लाइट के जरिए पब्लिक प्लेस जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, कार्यालय और अस्पताल का रिमोट से सैनिटाइजेशन.
- क्यू आर कोड की की मदद से ई-प्रिशक्रिप्शन की सुविधा.
इतना ही नहीं, यह रोबोट भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के छात्र विश्वकर्मा अवार्ड के फाइनल राउंड के लिए भी चयनित है.
रोबोट, स्पंदन और मेडी हार्ट जैसे कई हॉस्पिटल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कार्य कर चुका है. आकांक्षा ने केंद्र और राज्य सरकार को कोरोना महामारी के दौरान इस रोबोट के हॉस्पिटल में उपयोग के लिए अनुरोध किया है. इनका कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में फैले कोरोना के उपचार में ये रोबोट सहायक सिद्ध होगा.
यह भी पढ़ें- लॉकडाउन में काम आया 'बिहारी जुगाड़', 4 दिन में पंजाब से बिहार पहुंचा परिवार