ETV Bharat / state

KK Pathak case: BIPARD ने केके पाठक मामले पर रखा अपना पक्ष, दी सफाई

बिपार्ड ने केके पाठक के वायरल वीडियो पर अपनी सफाई दी है. वायरल हो रहा बैठक बिहार निबंधन सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों के साथ का बताया जा रहा है. पूरे घटनाक्रम के विश्लेषण करने पर दो बिन्दु स्पष्ट तौर उभर कर बाहर आता है. आगे पढ़ें पूरी खबर..

गौतम आर्य, बिपार्ड फैकल्टी मेंबर
गौतम आर्य, बिपार्ड फैकल्टी मेंबर
author img

By

Published : Feb 3, 2023, 3:39 PM IST

गौतम आर्य, बिपार्ड फैकल्टी मेंबर

पटनाः बिपार्ड की ओर से केके पाठक मामले पर कई बातों को स्पष्ट किया गया है. बिपार्ड फैकल्टी मेंबर गौतम आर्य ने कहा कि सबसे पहले वायरल विडियो जो कि पहले के समय में बिहार निबंधन सेवा के पदाधिकारियों के साथ की जा रही बैठक का है, जिसमें बिहार निबंधन सेवा के पदाधिकारियों के द्वारा प्रशिक्षण के दौरान बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों के द्वारा किए गए अर्मायादित व्यवहार के संबंध में बताकर शिकायत दर्ज करवाई की गई थी. जिस पर महानिदेशक के मुंह से असंदर्भित कुछ शब्द निकल गए. उन्होंने बताया कि महानिदेशक द्वारा उसी समय खेद प्रकट कर दिया गया था.

ये भी पढ़ेंः BASA Protest Against IAS KK Pathak: बासा ने खोला केके पाठक के खिलाफ मोर्चा, काली पट्टी बांधकर आज प्रदर्शन

विपार्ड ने डाला सभी पहलूओं पर प्रकाशः इस पूरे घटनाक्रम एवं विषय के सभी पहलूओं पर प्रकाश डालते हुए विपार्ड द्वारा स्पष्ट बताया गया है कि नवनिमिर्त बिपार्ड, गया परिसर में बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण 02.10.2022 से प्रारंभ हुआ था. प्रशिक्षण के दौरान अनुशासन पर विशेष ध्यान रखा जाता है जो किसी भी प्रशिक्षण का अभिन्न हिस्सा होता है. शुरू से ही बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के द्वारा अमार्यादित व्यवहार एवं अनुशासन तोड़ने का लगातार प्रयास किया गया.

बिपार्ड में प्रशिक्षण के दौरान ग्रुप डी. एल०डी०सी० से लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षण के अभिन्न अंग के रूप में पी०टी० एवं योगा कक्षायें सम्मिलित होती हैं लेकिन बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारी द्वारा इसका विरोध किया जा रहा था. बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों का मेस स्टॉफ हाउसकीपिंग स्टॉफ, संकाय सदस्य यहां तक की सहायक सत्र समन्वयक के साथ भी इनका व्यवहार सही नहीं था.

नवम्बर माह में बिहार पंचायत राज सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों का प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ जिसमें बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों के द्वारा अपने उच्चतर सेवा बतलाते हुए बिहार पंचायत राज सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों के साथ मेस में एक साथ भोजन करने से मना कर दिया गया और विरोध दर्ज किया गया था. इससे पूर्व बिपार्ड, पटना में बिहार प्रशासनिक सेवा के पूर्ववर्ती बच के पदाधिकारियों ने बिहार निबंधन सेवा के पदाधिकारियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया गया था.

नवम्बर माह में ही बिपार्ड प्रशिक्षण के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा, बिहार प्रशासनिक सेवा एवं बिहार शिक्षा सेवा के पदाधिकारियों के ट्रैकिंग के लिए बिहार के बाहर उत्तराखण्ड भेजा गया था. जिसमें SOP के अनुरूप प्रक्रिया अपनाई गई थी. ट्रैक द हिमालया प्रोफेशनल एजेंसी के माध्यम से ट्रैकिंग कार्रवाई की गई थी. इस दौरान एक प्रशिक्षु पदाधिकारी का निधन हो गया था, जिसमें बिपार्ड के द्वारा कोई चूक नहीं की गई थी.

ट्रैकिंग से वापस लौटने पर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के द्वारा IIM अहमदाबाद से आये हुए फैकल्टी का अनुशासन के विरुद्ध जाकर बहिष्कार किया गया. इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए फैकल्टी मेंबर गौतम आर्य बताते हैं कि पूरे प्रकरण को बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारी एवं बासा संघ ने एक हथियार के रूप में प्रयोग करते हुए मिडिया में जाकर बिपाई के प्रशिक्षण एवं महानिदेशक के विरूद्ध अमार्यादित एवं असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया था जो निन्दनीय है.

बीच में रोक दिया गया प्रशिक्षणः महानिदेशक के द्वारा बिपाई के अनुशासन को बनाए रखने के निमित्त बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षण को तत्काल दिनांक 09.12.2022 को बीच में रोक दिया गया एवं सभी प्रशिक्षु पदाधिकारियों को जिलों में वापस कर दिया गया. एक बार फिर सरकार से आदेश प्राप्त होने पर प्रशिक्षण को दिनांक 01 जनवरी, 2023 से प्रारंभ कर दिया गया है. इस बीच मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा बिहार निबंधन सेवा संघ का निबंधन दिनांक 20.12.2023 एवं बिहार प्रशासनिक सेवा संघ का निबंधन दिनांक 28.01.2023 को सम्यक प्रक्रिया के बाद रद किया गया.

पूरे घटनाक्रम के विश्लेषण करने पर दो बिन्दु स्पष्ट तौर उभर कर बाहर आता है- एक ओर जहां बिहार में प्रशिक्षण एवं विकास के क्षेत्र में बिपार्ड के प्रयास से प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक नई ऊंचाई को प्राप्त किया है जो बिहार के लिए गर्व की बात है. दूसरी ओर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों एवं इनके संघ के द्वारा प्रशिक्षण में हो रहे नवाचार एवं नूतन प्रयास के प्रति नकारात्मक सोच स्पष्ट रूप से दिखा है.

बिपाई की छवि को धूमिल करने का प्रयासः गौतम आर्य ने कहा कि बासा के पदाधिकारी एवं इनके संघ द्वारा लगातार अपने आप को श्रेष्ठ एवं व्यवस्था से उपर दिखलाने का प्रयास रहा है. विशुद्ध प्रशिक्षण एवं प्रशासकीय विषय को बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी एवं वासा संघ ने एक हथियार बनाकर बिपाई की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है जो कि सर्वथा निन्दनीय है. बिपार्ड राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक अपना विशिष्ट स्थान प्राप्त करने की ओर अग्रसर है.

गौतम आर्य, बिपार्ड फैकल्टी मेंबर

पटनाः बिपार्ड की ओर से केके पाठक मामले पर कई बातों को स्पष्ट किया गया है. बिपार्ड फैकल्टी मेंबर गौतम आर्य ने कहा कि सबसे पहले वायरल विडियो जो कि पहले के समय में बिहार निबंधन सेवा के पदाधिकारियों के साथ की जा रही बैठक का है, जिसमें बिहार निबंधन सेवा के पदाधिकारियों के द्वारा प्रशिक्षण के दौरान बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों के द्वारा किए गए अर्मायादित व्यवहार के संबंध में बताकर शिकायत दर्ज करवाई की गई थी. जिस पर महानिदेशक के मुंह से असंदर्भित कुछ शब्द निकल गए. उन्होंने बताया कि महानिदेशक द्वारा उसी समय खेद प्रकट कर दिया गया था.

ये भी पढ़ेंः BASA Protest Against IAS KK Pathak: बासा ने खोला केके पाठक के खिलाफ मोर्चा, काली पट्टी बांधकर आज प्रदर्शन

विपार्ड ने डाला सभी पहलूओं पर प्रकाशः इस पूरे घटनाक्रम एवं विषय के सभी पहलूओं पर प्रकाश डालते हुए विपार्ड द्वारा स्पष्ट बताया गया है कि नवनिमिर्त बिपार्ड, गया परिसर में बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण 02.10.2022 से प्रारंभ हुआ था. प्रशिक्षण के दौरान अनुशासन पर विशेष ध्यान रखा जाता है जो किसी भी प्रशिक्षण का अभिन्न हिस्सा होता है. शुरू से ही बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के द्वारा अमार्यादित व्यवहार एवं अनुशासन तोड़ने का लगातार प्रयास किया गया.

बिपार्ड में प्रशिक्षण के दौरान ग्रुप डी. एल०डी०सी० से लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षण के अभिन्न अंग के रूप में पी०टी० एवं योगा कक्षायें सम्मिलित होती हैं लेकिन बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारी द्वारा इसका विरोध किया जा रहा था. बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों का मेस स्टॉफ हाउसकीपिंग स्टॉफ, संकाय सदस्य यहां तक की सहायक सत्र समन्वयक के साथ भी इनका व्यवहार सही नहीं था.

नवम्बर माह में बिहार पंचायत राज सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों का प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ जिसमें बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों के द्वारा अपने उच्चतर सेवा बतलाते हुए बिहार पंचायत राज सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों के साथ मेस में एक साथ भोजन करने से मना कर दिया गया और विरोध दर्ज किया गया था. इससे पूर्व बिपार्ड, पटना में बिहार प्रशासनिक सेवा के पूर्ववर्ती बच के पदाधिकारियों ने बिहार निबंधन सेवा के पदाधिकारियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया गया था.

नवम्बर माह में ही बिपार्ड प्रशिक्षण के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा, बिहार प्रशासनिक सेवा एवं बिहार शिक्षा सेवा के पदाधिकारियों के ट्रैकिंग के लिए बिहार के बाहर उत्तराखण्ड भेजा गया था. जिसमें SOP के अनुरूप प्रक्रिया अपनाई गई थी. ट्रैक द हिमालया प्रोफेशनल एजेंसी के माध्यम से ट्रैकिंग कार्रवाई की गई थी. इस दौरान एक प्रशिक्षु पदाधिकारी का निधन हो गया था, जिसमें बिपार्ड के द्वारा कोई चूक नहीं की गई थी.

ट्रैकिंग से वापस लौटने पर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के द्वारा IIM अहमदाबाद से आये हुए फैकल्टी का अनुशासन के विरुद्ध जाकर बहिष्कार किया गया. इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए फैकल्टी मेंबर गौतम आर्य बताते हैं कि पूरे प्रकरण को बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारी एवं बासा संघ ने एक हथियार के रूप में प्रयोग करते हुए मिडिया में जाकर बिपाई के प्रशिक्षण एवं महानिदेशक के विरूद्ध अमार्यादित एवं असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया था जो निन्दनीय है.

बीच में रोक दिया गया प्रशिक्षणः महानिदेशक के द्वारा बिपाई के अनुशासन को बनाए रखने के निमित्त बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षण को तत्काल दिनांक 09.12.2022 को बीच में रोक दिया गया एवं सभी प्रशिक्षु पदाधिकारियों को जिलों में वापस कर दिया गया. एक बार फिर सरकार से आदेश प्राप्त होने पर प्रशिक्षण को दिनांक 01 जनवरी, 2023 से प्रारंभ कर दिया गया है. इस बीच मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा बिहार निबंधन सेवा संघ का निबंधन दिनांक 20.12.2023 एवं बिहार प्रशासनिक सेवा संघ का निबंधन दिनांक 28.01.2023 को सम्यक प्रक्रिया के बाद रद किया गया.

पूरे घटनाक्रम के विश्लेषण करने पर दो बिन्दु स्पष्ट तौर उभर कर बाहर आता है- एक ओर जहां बिहार में प्रशिक्षण एवं विकास के क्षेत्र में बिपार्ड के प्रयास से प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक नई ऊंचाई को प्राप्त किया है जो बिहार के लिए गर्व की बात है. दूसरी ओर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों एवं इनके संघ के द्वारा प्रशिक्षण में हो रहे नवाचार एवं नूतन प्रयास के प्रति नकारात्मक सोच स्पष्ट रूप से दिखा है.

बिपाई की छवि को धूमिल करने का प्रयासः गौतम आर्य ने कहा कि बासा के पदाधिकारी एवं इनके संघ द्वारा लगातार अपने आप को श्रेष्ठ एवं व्यवस्था से उपर दिखलाने का प्रयास रहा है. विशुद्ध प्रशिक्षण एवं प्रशासकीय विषय को बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी एवं वासा संघ ने एक हथियार बनाकर बिपाई की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है जो कि सर्वथा निन्दनीय है. बिपार्ड राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक अपना विशिष्ट स्थान प्राप्त करने की ओर अग्रसर है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.