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यूक्रेन से सकुशल लौटे बिहटा के रूपेश कुमार, केंद्र और राज्य सरकार को दिया धन्यवाद

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Published : Mar 8, 2022, 1:20 PM IST

रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के बीच भारतीय छात्रों के लौटने का सिलसिला जारी है. बिहटा के मेडिकल छात्र रूपेश कुमार भी सकुशल अपने घर पहुंच गए हैं. उन्होंने इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद दिया. साथ ही यूक्रेन में फंसे अन्य छात्रों को वापस लाने की अपील की.

यूक्रेन से सकुशल घर लौटा मेडिकल छात्र
यूक्रेन से सकुशल घर लौटा मेडिकल छात्र

पटना: यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध जारी है. इस बीच यूक्रेन में फंसे मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को भारत सरकार ऑपरेशन गंगा (Indian Government Operation Ganga) के तहत स्वेदश लाने में जुटी है. छात्रों का अपने देश लौटने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में राजधानी पटना से सटे बिहटा के देवकुली गांव के मेडिकल के छात्र (Bihta Student Rupesh Return From Ukraine) रूपेश कुमार भी अपने घर सकुशल लौट आए हैं. घर पहुंचने पर रूपेश कुमार ने केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद दिया है. उनके लौटने पर परिवार में भी काफी खुशी का माहौल है.

ये भी पढ़ें- यूक्रेन से लौटी जमुई की नगमा परवीन, सरकार से की मदद की अपील

2018 में यूक्रेन में लिया था दाखिला: बिहटा के देवकुली गांव निवासी सतीश विद्यार्थी के पुत्र रूपेश कुमार जो 2018 में युक्रेन देश के मेकोलाइव शहर में मेकोलाइव ब्लैकसी नेशनल यूनिवर्सिटी में मेडिसिन विभाग में छात्र के रूप में दाखिला लिया था. पिछले साल सितंबर में अपने घर से यूक्रेन छुट्टी बिताकर वापस गए थे. लेकिन इसी बीच यूक्रेन और रूस में युद्ध शुरू होने पर वो युक्रेन के मेकोलाइव शहर में फंस गए थे. जिसके बाद उन्होंने इंडियन एंबेसी से भी मदद मांगी लेकिन कोई खास मदद नहीं मिला. जिसके बाद उन्होंने अन्य भारतीय छात्रों के साथ मेकोलाइव शहर से पैदल चलकर बॉर्डर क्रॉस किया. फिर इंडियन एंबेसी की मदद से देश वापस लौटे हैं.

छात्र के वापस लौटने पर परिवार में खुशी का माहौल: वहीं, परिवार के बीच सकुशल पहुंचने पर मेडिकल छात्र रूपेश कुमार ने बताया कि रूस और यूक्रेन में युद्ध के कारण पिछले 23 फरवरी से मेकोलाइव शहर में स्थिति खराब हो गई. जिसके बाद हम सभी लोग पैदल ही चलकर यूक्रेन के बॉर्डर पर पहुंचे और वहां से दूसरे देश के छात्र और अधिकारियों ने हमारी मदद की. वहां से उन्होंने हमें रोमानिया बॉर्डर तक पहुंचाया जिसके बाद रोमानिया सरकार ने भारतीय छात्र होने के कारण काफी मदद की और खाने-पीने की व्यवस्था भी करवाया. बॉर्डर पर पहुंचने के बाद भारत सरकार के अधिकारी पहुंचे और हम सभी को एयर इंडिया फ्लाइट से दिल्ली लेकर पहुंचे उन्होंने रोमानिया सरकार के अलावा भारत सरकार और राज्य सरकार को भी धन्यवाद दिया.

ये भी पढ़ें-'यूक्रेन से खुद ही निकलना पड़ा बाहर.. रोमानिया के बाद मिली मदद', बिहार लौटे छात्रों ने सुनाई आपबीती

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लाने की अपील: उन्होंने कहा कि वो दिन हमेशा याद रहेगा जिस हाल में हमने दिन रात गुजारी हैं. युद्ध के कारण स्थिति काफी खराब थी और काफी डरावना समय था. अभी भी कई भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं. उन्होंने भारत सरकार से उन्हें भी वापस लाने की अपील की. वहीं, रूपेश के लौटने पर उनके पिता सतीश विद्यार्थी ने कहा, बेटा सकुशल घर वापस लौटा है इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद देता हूं. ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सकुशल वापस लाया जा रहा ये सरकार की अच्छी पहल है. रूपेश कुमार की मां खुशबू कुमारी ने बताया कि जब बेटा यूक्रेन में फंसा हुआ था को काफी डर लग रहा था. घर में ठीक से कोई खाना भी नहीं खा रहा था. लेकिन भारत सरकार और राज्य सरकार के इस पहल से मेरा बेटा सकुशल घर वापस लौट आया है मैं काफी खुश हूं.

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पटना: यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध जारी है. इस बीच यूक्रेन में फंसे मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को भारत सरकार ऑपरेशन गंगा (Indian Government Operation Ganga) के तहत स्वेदश लाने में जुटी है. छात्रों का अपने देश लौटने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में राजधानी पटना से सटे बिहटा के देवकुली गांव के मेडिकल के छात्र (Bihta Student Rupesh Return From Ukraine) रूपेश कुमार भी अपने घर सकुशल लौट आए हैं. घर पहुंचने पर रूपेश कुमार ने केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद दिया है. उनके लौटने पर परिवार में भी काफी खुशी का माहौल है.

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2018 में यूक्रेन में लिया था दाखिला: बिहटा के देवकुली गांव निवासी सतीश विद्यार्थी के पुत्र रूपेश कुमार जो 2018 में युक्रेन देश के मेकोलाइव शहर में मेकोलाइव ब्लैकसी नेशनल यूनिवर्सिटी में मेडिसिन विभाग में छात्र के रूप में दाखिला लिया था. पिछले साल सितंबर में अपने घर से यूक्रेन छुट्टी बिताकर वापस गए थे. लेकिन इसी बीच यूक्रेन और रूस में युद्ध शुरू होने पर वो युक्रेन के मेकोलाइव शहर में फंस गए थे. जिसके बाद उन्होंने इंडियन एंबेसी से भी मदद मांगी लेकिन कोई खास मदद नहीं मिला. जिसके बाद उन्होंने अन्य भारतीय छात्रों के साथ मेकोलाइव शहर से पैदल चलकर बॉर्डर क्रॉस किया. फिर इंडियन एंबेसी की मदद से देश वापस लौटे हैं.

छात्र के वापस लौटने पर परिवार में खुशी का माहौल: वहीं, परिवार के बीच सकुशल पहुंचने पर मेडिकल छात्र रूपेश कुमार ने बताया कि रूस और यूक्रेन में युद्ध के कारण पिछले 23 फरवरी से मेकोलाइव शहर में स्थिति खराब हो गई. जिसके बाद हम सभी लोग पैदल ही चलकर यूक्रेन के बॉर्डर पर पहुंचे और वहां से दूसरे देश के छात्र और अधिकारियों ने हमारी मदद की. वहां से उन्होंने हमें रोमानिया बॉर्डर तक पहुंचाया जिसके बाद रोमानिया सरकार ने भारतीय छात्र होने के कारण काफी मदद की और खाने-पीने की व्यवस्था भी करवाया. बॉर्डर पर पहुंचने के बाद भारत सरकार के अधिकारी पहुंचे और हम सभी को एयर इंडिया फ्लाइट से दिल्ली लेकर पहुंचे उन्होंने रोमानिया सरकार के अलावा भारत सरकार और राज्य सरकार को भी धन्यवाद दिया.

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यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लाने की अपील: उन्होंने कहा कि वो दिन हमेशा याद रहेगा जिस हाल में हमने दिन रात गुजारी हैं. युद्ध के कारण स्थिति काफी खराब थी और काफी डरावना समय था. अभी भी कई भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं. उन्होंने भारत सरकार से उन्हें भी वापस लाने की अपील की. वहीं, रूपेश के लौटने पर उनके पिता सतीश विद्यार्थी ने कहा, बेटा सकुशल घर वापस लौटा है इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद देता हूं. ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सकुशल वापस लाया जा रहा ये सरकार की अच्छी पहल है. रूपेश कुमार की मां खुशबू कुमारी ने बताया कि जब बेटा यूक्रेन में फंसा हुआ था को काफी डर लग रहा था. घर में ठीक से कोई खाना भी नहीं खा रहा था. लेकिन भारत सरकार और राज्य सरकार के इस पहल से मेरा बेटा सकुशल घर वापस लौट आया है मैं काफी खुश हूं.

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