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जातीय हिंसा और संपत्ति विवाद में बिहार नंबर वन, वोटिंग से पहले NCRB के चौंकाने वाले आंकड़े - राजनीतिक हमले में बिहार नंबर 5 पर

एनसीआरबी ने विधानसभा चुनावों के दौरान आंकड़े पेश किए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में महिलाओं पर हिंसा के मामले बढ़े हैं, संपत्ति विवाद से जुड़े अपराध में भी बिहार देश में पहले पायदान पर है.

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Published : Oct 7, 2020, 10:51 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच NCRB यानी नेशनल क्राइम एंड रिकॉर्ड ब्यूरो ने जो आंकड़े दिए हैं. उसमें बिहार जातीय और राजनीतिक हिंसा में अव्वल है. साल 2019 के आंकड़ों के मुताबिक जातीय हिंसा में बिहार नंबर वन है. साल भर में जातीय हिंसा की 131 घटनाएं बिहार में हुई. जिसमें 269 लोग प्रभावित हुए.

बिहार में बढ़े महिला हिंसा के मामले-रिपोर्ट
NCRB के आंकड़ों की मानें तो बिहार में महिला हिंसा में पिछले कुछ सालों में 9.8 फीसदी का इजाफा हुआ है. साल 2018 की तुलना अगर साल 2019 से करें तो महिलाओं के प्रति हिंसा 16920 घटनाएं हुई थी. जो साल 2019 में बढ़कर 18587 हो गई. वहीं साल 2017 में बिहार में महिला हिंसा की 14711 घटना हुई थी. देश भर में महिला हिंसा की बात करें तो 2019 में कुल 405861 घटनाएं घटी. राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के प्रति हिंसा में 7.3 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है.

कर्मचारियोंं पर हमले में तीसरे नंबर पर बिहार
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस और सरकारी कर्मियों पर साल 2019 में हुए हमले के मामले में बिहार तीसरे नंबर पर है. जम्मू कश्मीर में सबसे अधिक 569 घटनाएं हुई. जिनमें से 682 पुलिस और सरकारी कर्मी प्रभावित हुए हैं. केरल में 72 और मध्यप्रदेश प्रदेश में 66 घटनाएं हुई. बिहार में 63 में से 10 लोग प्रभावित हुए थे.

जमीन-संपत्ति विवाद में बिहार नंबर वन-रिपोर्ट
बिहार जमीन और संपत्ति से जुड़े विवाद में भी अव्वल है. साल 2019 में जमीन और संपत्ति से जुड़ी 3707 घटनाएं बिहार में हुई थी. जिनमें 5227 लोग प्रभावित हुए. जमीन विवाद के मामले में दूसरे नंबर पर कर्नाटक और तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र है.

राजनीतिक हिंसा मामले में टॉप-5 में बिहार
वहीं राजनीतिक हिंसा के मामले में बिहार पांचवें पायदान पर है. साल भर में बिहार में राजनीतिक हिंसा की 62 घटनाएं हुई. जिनमें से 123 लोग प्रभावित हुए. राजनीतिक हिंसा के मामले में पहले नंबर पर केरल है, जहां साल भर में 495 घटनाएं हुई, इन घटनाओं में 584 लोग प्रभावित हुए. जबकि दूसरे नंबर पर तेलंगाना है.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच NCRB यानी नेशनल क्राइम एंड रिकॉर्ड ब्यूरो ने जो आंकड़े दिए हैं. उसमें बिहार जातीय और राजनीतिक हिंसा में अव्वल है. साल 2019 के आंकड़ों के मुताबिक जातीय हिंसा में बिहार नंबर वन है. साल भर में जातीय हिंसा की 131 घटनाएं बिहार में हुई. जिसमें 269 लोग प्रभावित हुए.

बिहार में बढ़े महिला हिंसा के मामले-रिपोर्ट
NCRB के आंकड़ों की मानें तो बिहार में महिला हिंसा में पिछले कुछ सालों में 9.8 फीसदी का इजाफा हुआ है. साल 2018 की तुलना अगर साल 2019 से करें तो महिलाओं के प्रति हिंसा 16920 घटनाएं हुई थी. जो साल 2019 में बढ़कर 18587 हो गई. वहीं साल 2017 में बिहार में महिला हिंसा की 14711 घटना हुई थी. देश भर में महिला हिंसा की बात करें तो 2019 में कुल 405861 घटनाएं घटी. राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के प्रति हिंसा में 7.3 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है.

कर्मचारियोंं पर हमले में तीसरे नंबर पर बिहार
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस और सरकारी कर्मियों पर साल 2019 में हुए हमले के मामले में बिहार तीसरे नंबर पर है. जम्मू कश्मीर में सबसे अधिक 569 घटनाएं हुई. जिनमें से 682 पुलिस और सरकारी कर्मी प्रभावित हुए हैं. केरल में 72 और मध्यप्रदेश प्रदेश में 66 घटनाएं हुई. बिहार में 63 में से 10 लोग प्रभावित हुए थे.

जमीन-संपत्ति विवाद में बिहार नंबर वन-रिपोर्ट
बिहार जमीन और संपत्ति से जुड़े विवाद में भी अव्वल है. साल 2019 में जमीन और संपत्ति से जुड़ी 3707 घटनाएं बिहार में हुई थी. जिनमें 5227 लोग प्रभावित हुए. जमीन विवाद के मामले में दूसरे नंबर पर कर्नाटक और तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र है.

राजनीतिक हिंसा मामले में टॉप-5 में बिहार
वहीं राजनीतिक हिंसा के मामले में बिहार पांचवें पायदान पर है. साल भर में बिहार में राजनीतिक हिंसा की 62 घटनाएं हुई. जिनमें से 123 लोग प्रभावित हुए. राजनीतिक हिंसा के मामले में पहले नंबर पर केरल है, जहां साल भर में 495 घटनाएं हुई, इन घटनाओं में 584 लोग प्रभावित हुए. जबकि दूसरे नंबर पर तेलंगाना है.

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