पटना: टीईटी शिक्षक संघ की तरफ से बिहार विद्यालय अध्यापक नियमावली 2023 के खिलाफ दायर याचिका संख्या CWJC-9256/2023 की सुनवाई 29 अगस्त को पटना हाई कोर्ट में होनी है. इसी दिन सुनवाई में संघ की ओर से सप्लीमेंट्री फाइल करके 24 से 26 अगस्त तक आयोजित की गई BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग करेगी. टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने यह जानकारी दी है.
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निगेटिव मार्किंग का प्रावधान हटाया: अमित विक्रम ने बताया कि बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा रद्द करवाने के लिए संघ की ओर से जिन बिंदुओं को आधार बनाया जाएगा उनमें सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कक्षा 1 से 5 तक बीएड को अयोग्य करार दिए जाने के बावजूद BPSC द्वारा परीक्षा लिया जाना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवामनाना माना जाए. नोटिफिकेशन जारी होने और परीक्षा फॉर्म भरे जाने के बाद निगेटिव मार्किंग का प्रावधान गैर-कानूनी तरीके से हटा दिया गया. इससे चयनित शिक्षकों की गुणवत्ता प्रभावित होगी.
विज्ञापन की शर्तों में बदलाव गैर कानूनी : अमित विक्रम ने बताया कि नोटिफिकेशन में तय किए गए कोटिवार न्यूनतम अहर्तांक की बाध्यता को हटाना भी गैर कानूनी है. 75% सीट भरे या ना भरे, तय किए गए न्यूनतम अहर्तांक को नहीं हटाया जा सकता है. इससे चयनित होने वाले शिक्षकों की गुणवत्ता प्रभावित होगी और विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाएगी. इसके अलावा नोटिफिकेशन जारी होने के बाद भर्ती प्रक्रिया में किए गए सभी बदलावों को गैर कानूनी मानते हुए रद्द किया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी का आरोप: अमित विक्रम ने बताया है कि इन सभी बिंदुओं को लेकर संघ के द्वारा पूर्व से दायर याचिका में सप्लीमेंट्री फाइल की जाएगी. तत्काल BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि संघ को उम्मीद है कि उच्च न्यायालय के द्वारा इन महत्वपूर्ण बिंदुओं और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश की अनदेखी की बीपीएससी के द्वारा किए जाने के कारण शिक्षक भर्ती परीक्षा को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाएगा.