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लगातार सातवें साल गणतंत्र दिवस पर नहीं दिखेगी बिहार की झांकी, केंद्र ने फिर किया खारिज

पिछले 7 वर्षों से लगातार बिहार जिस भी विषय पर झांकी केंद्र को प्रस्तुत करता रहा, उसमें से एक भी विषय केंद्र ने मंजूर नहीं किया.

नीतीश कुमार
नीतीश कुमार
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Published : Jan 24, 2021, 8:18 PM IST

पटना: गणतंत्र दिवस परेड में 'जल जीवन हरियाली मिशन' पर आधारित बिहार सरकार की झांकी के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है. प्रस्ताव के खारिज होने का मतलब यह है कि राजधानी में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में बिहार का प्रतिनिधित्व नहीं होगा.

पिछले 6 वर्ष के बाद इस बार भी बिहार द्वारा भेजी गई झांकी का विषय केंद्र ने नामंजूर कर दिया है. जल जीवन हरियाली विषय पर झांकी प्रस्तुत करने के लिए बिहार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा है, जिसे नामंजूर किया गया.

dbn
सचिवालय

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इसी विषय पर 2020 में भी झांकी निकालने के लिए बिहार ने अनुमति मांगी थी. अब समझ से पड़े है कि आखिर जब 2020 में जिस विषय पर झांकी निकालने से केंद्र ने मना कर दिया तो फिर बिहार के अफसरों ने उसी विषय को 2021 में भी केंद्र को क्यों भेजा.

ये भी पढ़ें: PM मोदी दरभंगा की साइकिल गर्ल ज्योति से 25 जनवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग से करेंगे बात

आलीशान कमरों में बैठने वाले और बंगलों में रहने वाले अफसर पिछले 7 वर्षों से लगातार गणतंत्र दिवस के मौके पर ऐसा कुछ नहीं कर पा रहे हैं, जिससे बिहार का नाम ऊंचा हो. पिछले 7 वर्षों से लगातार बिहार जिस भी विषय पर झांकी केंद्र को प्रस्तुत करता रहा, उसमें से एक भी विषय केंद्र ने मंजूर नहीं किया.

यह पहली दफा नहीं है कि एक ही विषय को दो बार भेजा गया हो. इससे पहले भी शराबबंदी कानून लागू होने के बाद इस पर झांकी निकालने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था. जिसे नामंजूर कर दिया गया.

पटना: गणतंत्र दिवस परेड में 'जल जीवन हरियाली मिशन' पर आधारित बिहार सरकार की झांकी के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है. प्रस्ताव के खारिज होने का मतलब यह है कि राजधानी में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में बिहार का प्रतिनिधित्व नहीं होगा.

पिछले 6 वर्ष के बाद इस बार भी बिहार द्वारा भेजी गई झांकी का विषय केंद्र ने नामंजूर कर दिया है. जल जीवन हरियाली विषय पर झांकी प्रस्तुत करने के लिए बिहार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा है, जिसे नामंजूर किया गया.

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आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इसी विषय पर 2020 में भी झांकी निकालने के लिए बिहार ने अनुमति मांगी थी. अब समझ से पड़े है कि आखिर जब 2020 में जिस विषय पर झांकी निकालने से केंद्र ने मना कर दिया तो फिर बिहार के अफसरों ने उसी विषय को 2021 में भी केंद्र को क्यों भेजा.

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आलीशान कमरों में बैठने वाले और बंगलों में रहने वाले अफसर पिछले 7 वर्षों से लगातार गणतंत्र दिवस के मौके पर ऐसा कुछ नहीं कर पा रहे हैं, जिससे बिहार का नाम ऊंचा हो. पिछले 7 वर्षों से लगातार बिहार जिस भी विषय पर झांकी केंद्र को प्रस्तुत करता रहा, उसमें से एक भी विषय केंद्र ने मंजूर नहीं किया.

यह पहली दफा नहीं है कि एक ही विषय को दो बार भेजा गया हो. इससे पहले भी शराबबंदी कानून लागू होने के बाद इस पर झांकी निकालने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था. जिसे नामंजूर कर दिया गया.

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