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बिहार में एक्शन में निगरानी विभाग, भ्रष्ट अधिकारियों पर लगातार कर रही कार्रवाई - Policy of zero tolerance on corruption

बिहार में रिश्वतखोर अधिकारियों और आय से अधिक संपत्ति रखने वाले भ्रष्टाचारी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के रडार पर हैं. निगरानी लगातार भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई कर रही है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने भ्रष्टाचार होने की जानकारी देने के लिए हेल्पलाइन नंबर 0612-2215344 और मोबाइल नंबर-776595326 जारी किया है.

पटना
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Published : Apr 14, 2021, 10:42 PM IST

Updated : Apr 14, 2021, 11:08 PM IST

पटना: बिहार में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर नकेल कसने और सरकारी कर्मचारी जो कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर रखे हैं. उन पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा कार्रवाई की जाती है. बिहार में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले पर नकेल कसने और आम लोगों से इसकी सूचना सुगम तरीके से निगरानी ब्यूरो तक पहुंचाने के लिए 24 घंटा काम करने वाला हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर 0612- 2215344 और मोबाइल नंबर-776595326 है.

ये भी पढ़ें- Bihar Corona Update: 24 घंटे में 4,786 नए मरीजों की पुष्टि, 21 की मौत

निगरानी विभाग की कार्रवाई
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को प्राप्त सूचना के आधार पर समुचित जांच करने के बाद भी अधिकारी या कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. बिहार राज्य में निगरानी की तरफ से एक विशेष एंटी करप्शन सेल का गठन किया है. इसमें 24 घंटे काम करने के लिए तीन शिफ्ट में एक-एक सब इंस्पेक्टर और सिपाही की ड्यूटी लगाई जाती है. इसकी मॉनिटरिंग निगरानी थाने के प्रभारी करते हैं. शिकायत के आधार पर ये निर्धारित होता है कि संबंधित व्यक्ति पर डीए के तहत मामला दर्ज कर या ट्रैप की कार्रवाई की जाए.

भ्रष्टाचारियों की आई शामत
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीआईजी शंकर झा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पीसी एक्ट के तहत सरकारी कर्मचारी जो कि भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाती है. इसके साथ-साथ कोई भी सरकारी कर्मचारी जो कि आय से अधिक धन अर्जित कर रखा है, उसके विरुद्ध भी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो कार्रवाई करता है.

बिहार में एक्शन में 'निगरानी'
बिहार में एक्शन में 'निगरानी'

जांच के बाद बिछाया जाता है जाल
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को किसी संबंधित सरकारी कर्मचारी के खिलाफ रिश्वत मांगने कि शिकायत प्राप्त होती है, तो संबंधित अधिकारी के बारे में जांच पड़ताल करने के बाद ट्रैप के माध्यम से रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया जाता है.

''निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाती है जो लीगल रूप से कमाए गए पैसों से ज्यादा धन अर्जित कर रखे हैं. वैसे अधिकारियों पर भी कार्रवाई निगरानी अन्वेषण ब्यूरो करती है. प्रारंभिक जांच के उपरांत ये पाया जाता है कि वो व्यक्ति अपने आय से अधिक धन अर्जित किए हुए हैं, उस आधार पर उस सरकारी कर्मचारी पर कार्रवाई की जाती है''- शंकर झा, डीआईजी निगरानी

शंकर झा, डीआईजी निगरानी
शंकर झा, डीआईजी निगरानी

ये भी पढ़ें- पटना में वैक्सीनेशन की क्या है पूरी सच्चाई, पढ़ें यह रिपोर्ट

काली कमाई के कुबेर
बिहार में कुछ सरकारी अफसर काली कमाई के कुबेर बने बैठे हैं. जितनी इनकी तनख्वाह नहीं है, उससे कई गुना ज्यादा तो इनकी कमाई है. ऐसे ही एक अधिकारी के बारे में निगरानी विभाग को पता चला तो पिछले कुछ दिन पहले छापेमारी की गई. छापेमारी की जानकारी मिली तो कृषि विभाग के निर्देशक ने अपने घर में अवैध कमाई की पूरी फसल ही खड़ी कर रखी थी.

  • कृषि विभाग के निदेशक गणेश राम पर कार्रवाई
  • 1 करोड़ 43 लाख 91 हजार 23 रु. आय से ज्यादा संपत्ति मिली
  • 7 अप्रैल को डॉ. सुभाष चंद्र बैठा पर कार्रवाई
  • 43 लाख 91 हजार 23 रु. आय से ज्यादा संपत्ति मिली
  • सुभाष चंद्र को 30 हजार की घूस लेते किया गिरफ्तार
  • राजस्व कर्मचारी कुमार मनीष पर कार्रवाई
  • 9 करोड़ 70 लाख 32 हजार 115 आय से ज्यादा संपत्ति मिली

कृषि विभाग के निदेशक पर शिकंजा
बता दें कि काली कमाई का कुबेर रखने वाले गणेश राम राजधानी पटना में कृषि विभाग में निदेशक भूमि संरक्षण के पद पर तैनात थे. इस दौरान अधिकारी के खिलाफ आय के स्रोत से एक करोड़ 43 लाख 91 हजार 23 रुपए से अधिक की संपत्ति का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया. पिछले 7 अप्रैल को डॉक्टर सुभाष चंद्र बैठा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी खगड़िया को 30 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया गया था.

भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल
भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल

राजस्व कर्मचारी पर कसी नकेल
निगरानी द्वारा कुमार मनीष तत्कालीन राजस्व कर्मचारी और प्रभारी अंचल निरीक्षक हाजीपुर को 9 करोड़ 70 लाख 32 हजार 115 आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में निगरानी द्वारा गिरफ्तार किया गया. हालांकि, ये कोई पहला मामला नहीं है ऐसे सैकड़ों सरकारी कर्मचारी हैं, जिन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर रखी थी. उनके ऊपर कार्रवाई की जा रही है और आगे भी की जाएगी.

जीरो टॉलरेंस की नीति की पालना
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीआईजी शंकर झा ने ईटीवी भारत के माध्यम से आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि कुछ लोग अपने निजी कार्य करवाने के लिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं. भ्रष्टाचार को बढ़ावा हम लोग ना दे. साथ ही साथ उन्होंने सरकारी कर्मचारी जो कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं, उनसे भी उन्होंने अपील की है कि इन सब चीजों से वह वंचित रहें, क्योंकि सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है.

भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई
भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई

''जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी काम करने के एवज में पैसे की मांग करता है तो उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी. अगर कोई सरकारी कर्मचारी एक घूस लेते पकड़ा जाता है तो इसका परिणाम बहुत ही बुरा होता है. उनके साथ-साथ उनके परिवार पर इसका बुरा असर पड़ता है''- शंकर झा, डीआईजी निगरानी

साल 2021
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीआईजी शंकर झा की मानें तो कोरोना काल के मद्देनजर साल 2021 में अब तक 13 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें से 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आय से अधिक संपत्ति मामले में 3 मामले दर्ज हैं. पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के 2 केस दर्ज हैं. ट्रैप कांड में गिरफ्तारी 11 हैं. समर्पित आरोप पत्र 14 हैं. वहीं, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा ट्रैप कांड की राशि 3 लाख 98 हजार 300 अब तक जब्त की गई है.

  • 13 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ केस
  • 11 लोगों को किया गिरफ्तार
  • आय से अधिक संपत्ति मामले में 3 केस
  • पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के 2 केस
  • ट्रैप कांड में 11 गिरफ्तारी
  • 14 चार्जशीट दायर
  • ट्रैप कांड की 3 लाख 98 हजार 300 राशि जब्त

साल 2020
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के आंकड़े के मुताबिक साल 2020 में 22 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जिसमें से 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आय से अधिक संपत्ति मामले में 6 मामले दर्ज हैं. पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के 4 केस हैं. ट्रैप कांड में गिरफ्तारी 26 है. समर्पित आरोप पत्र 58 हैं. वहीं, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा ट्रैप कांड की राशि 12 लाख 15 हजार 500 जब्त किए गए हैं.

  • 22 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ केस
  • 26 लोगों को किया गिरफ्तार
  • आय से अधिक संपत्ति मामले में 6 केस
  • पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के 4 केस
  • ट्रैप कांड में 26 गिरफ्तारी
  • 58 चार्जशीट दायर
  • ट्रैप कांड की 12 लाख 15 हजार 500 राशि जब्त

ये भी पढ़ें- NMCH का कारनामा: मरीज को चढ़ा दिया मिनरल वाटर

साल 2019
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के आंकड़े के मुताबिक साल 2019 में 41 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं. जिसमें से 45 लोगों को गिरफ्तार किया है. आय से अधिक संपत्ति मामले में 7 मामले दर्ज हैं. पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के 6 केस हैं. समर्पित आरोप पत्र 87 हैं. वहीं, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा ट्रैप कांड की राशि 47 लाख 81 हजार 900 जब्त की गई है. ट्रैप कांड में अतिरिक्त राशि 16 लाख 48 हजार 400 और घर तलाशी में बरामद राशि 2 करोड़ 36 लाख 53 हजार जब्त की गई है.

  • 41 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ केस
  • 45 लोगों को किया गिरफ्तार
  • आय से अधिक संपत्ति मामले में 7 केस
  • पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के 6 केस
  • 87 चार्जशीट दायर
  • ट्रैप कांड की 47 लाख 81 हजार 900 राशि जब्त
  • 16 लाख 48 हजार 400 अतिरिक्त राशि जब्त
  • तलाशी में 2 करोड़ 36 लाख 53 हजार राशि जब्त
    देखिए ये रिपोर्ट

भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर के जरिए कोई भी व्यक्ति का नाम और पता पूरी तरह से गुप्त रखा जाता है. कोई भी और किसी भी स्तर का व्यक्ति पूरे राज्य में कहीं से भी इस नंबर पर संबंधित सरकारी कर्मचारी की शिकायत कर सकता है. इस हेल्पलाइन नंबर पर जिसकी भी शिकायतें निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पास प्राप्त होती है, उसके आधार पर पहले इसकी जांच की जाती है. मामला सही पाए जाने के बाद इससे संबंधित ट्रैप या डीए से जुड़ी कार्रवाई की जाती है.

पटना: बिहार में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर नकेल कसने और सरकारी कर्मचारी जो कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर रखे हैं. उन पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा कार्रवाई की जाती है. बिहार में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले पर नकेल कसने और आम लोगों से इसकी सूचना सुगम तरीके से निगरानी ब्यूरो तक पहुंचाने के लिए 24 घंटा काम करने वाला हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर 0612- 2215344 और मोबाइल नंबर-776595326 है.

ये भी पढ़ें- Bihar Corona Update: 24 घंटे में 4,786 नए मरीजों की पुष्टि, 21 की मौत

निगरानी विभाग की कार्रवाई
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को प्राप्त सूचना के आधार पर समुचित जांच करने के बाद भी अधिकारी या कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. बिहार राज्य में निगरानी की तरफ से एक विशेष एंटी करप्शन सेल का गठन किया है. इसमें 24 घंटे काम करने के लिए तीन शिफ्ट में एक-एक सब इंस्पेक्टर और सिपाही की ड्यूटी लगाई जाती है. इसकी मॉनिटरिंग निगरानी थाने के प्रभारी करते हैं. शिकायत के आधार पर ये निर्धारित होता है कि संबंधित व्यक्ति पर डीए के तहत मामला दर्ज कर या ट्रैप की कार्रवाई की जाए.

भ्रष्टाचारियों की आई शामत
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीआईजी शंकर झा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पीसी एक्ट के तहत सरकारी कर्मचारी जो कि भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाती है. इसके साथ-साथ कोई भी सरकारी कर्मचारी जो कि आय से अधिक धन अर्जित कर रखा है, उसके विरुद्ध भी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो कार्रवाई करता है.

बिहार में एक्शन में 'निगरानी'
बिहार में एक्शन में 'निगरानी'

जांच के बाद बिछाया जाता है जाल
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को किसी संबंधित सरकारी कर्मचारी के खिलाफ रिश्वत मांगने कि शिकायत प्राप्त होती है, तो संबंधित अधिकारी के बारे में जांच पड़ताल करने के बाद ट्रैप के माध्यम से रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया जाता है.

''निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाती है जो लीगल रूप से कमाए गए पैसों से ज्यादा धन अर्जित कर रखे हैं. वैसे अधिकारियों पर भी कार्रवाई निगरानी अन्वेषण ब्यूरो करती है. प्रारंभिक जांच के उपरांत ये पाया जाता है कि वो व्यक्ति अपने आय से अधिक धन अर्जित किए हुए हैं, उस आधार पर उस सरकारी कर्मचारी पर कार्रवाई की जाती है''- शंकर झा, डीआईजी निगरानी

शंकर झा, डीआईजी निगरानी
शंकर झा, डीआईजी निगरानी

ये भी पढ़ें- पटना में वैक्सीनेशन की क्या है पूरी सच्चाई, पढ़ें यह रिपोर्ट

काली कमाई के कुबेर
बिहार में कुछ सरकारी अफसर काली कमाई के कुबेर बने बैठे हैं. जितनी इनकी तनख्वाह नहीं है, उससे कई गुना ज्यादा तो इनकी कमाई है. ऐसे ही एक अधिकारी के बारे में निगरानी विभाग को पता चला तो पिछले कुछ दिन पहले छापेमारी की गई. छापेमारी की जानकारी मिली तो कृषि विभाग के निर्देशक ने अपने घर में अवैध कमाई की पूरी फसल ही खड़ी कर रखी थी.

  • कृषि विभाग के निदेशक गणेश राम पर कार्रवाई
  • 1 करोड़ 43 लाख 91 हजार 23 रु. आय से ज्यादा संपत्ति मिली
  • 7 अप्रैल को डॉ. सुभाष चंद्र बैठा पर कार्रवाई
  • 43 लाख 91 हजार 23 रु. आय से ज्यादा संपत्ति मिली
  • सुभाष चंद्र को 30 हजार की घूस लेते किया गिरफ्तार
  • राजस्व कर्मचारी कुमार मनीष पर कार्रवाई
  • 9 करोड़ 70 लाख 32 हजार 115 आय से ज्यादा संपत्ति मिली

कृषि विभाग के निदेशक पर शिकंजा
बता दें कि काली कमाई का कुबेर रखने वाले गणेश राम राजधानी पटना में कृषि विभाग में निदेशक भूमि संरक्षण के पद पर तैनात थे. इस दौरान अधिकारी के खिलाफ आय के स्रोत से एक करोड़ 43 लाख 91 हजार 23 रुपए से अधिक की संपत्ति का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया. पिछले 7 अप्रैल को डॉक्टर सुभाष चंद्र बैठा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी खगड़िया को 30 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया गया था.

भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल
भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल

राजस्व कर्मचारी पर कसी नकेल
निगरानी द्वारा कुमार मनीष तत्कालीन राजस्व कर्मचारी और प्रभारी अंचल निरीक्षक हाजीपुर को 9 करोड़ 70 लाख 32 हजार 115 आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में निगरानी द्वारा गिरफ्तार किया गया. हालांकि, ये कोई पहला मामला नहीं है ऐसे सैकड़ों सरकारी कर्मचारी हैं, जिन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर रखी थी. उनके ऊपर कार्रवाई की जा रही है और आगे भी की जाएगी.

जीरो टॉलरेंस की नीति की पालना
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीआईजी शंकर झा ने ईटीवी भारत के माध्यम से आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि कुछ लोग अपने निजी कार्य करवाने के लिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं. भ्रष्टाचार को बढ़ावा हम लोग ना दे. साथ ही साथ उन्होंने सरकारी कर्मचारी जो कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं, उनसे भी उन्होंने अपील की है कि इन सब चीजों से वह वंचित रहें, क्योंकि सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है.

भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई
भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई

''जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी काम करने के एवज में पैसे की मांग करता है तो उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी. अगर कोई सरकारी कर्मचारी एक घूस लेते पकड़ा जाता है तो इसका परिणाम बहुत ही बुरा होता है. उनके साथ-साथ उनके परिवार पर इसका बुरा असर पड़ता है''- शंकर झा, डीआईजी निगरानी

साल 2021
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीआईजी शंकर झा की मानें तो कोरोना काल के मद्देनजर साल 2021 में अब तक 13 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें से 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आय से अधिक संपत्ति मामले में 3 मामले दर्ज हैं. पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के 2 केस दर्ज हैं. ट्रैप कांड में गिरफ्तारी 11 हैं. समर्पित आरोप पत्र 14 हैं. वहीं, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा ट्रैप कांड की राशि 3 लाख 98 हजार 300 अब तक जब्त की गई है.

  • 13 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ केस
  • 11 लोगों को किया गिरफ्तार
  • आय से अधिक संपत्ति मामले में 3 केस
  • पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के 2 केस
  • ट्रैप कांड में 11 गिरफ्तारी
  • 14 चार्जशीट दायर
  • ट्रैप कांड की 3 लाख 98 हजार 300 राशि जब्त

साल 2020
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के आंकड़े के मुताबिक साल 2020 में 22 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जिसमें से 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आय से अधिक संपत्ति मामले में 6 मामले दर्ज हैं. पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के 4 केस हैं. ट्रैप कांड में गिरफ्तारी 26 है. समर्पित आरोप पत्र 58 हैं. वहीं, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा ट्रैप कांड की राशि 12 लाख 15 हजार 500 जब्त किए गए हैं.

  • 22 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ केस
  • 26 लोगों को किया गिरफ्तार
  • आय से अधिक संपत्ति मामले में 6 केस
  • पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के 4 केस
  • ट्रैप कांड में 26 गिरफ्तारी
  • 58 चार्जशीट दायर
  • ट्रैप कांड की 12 लाख 15 हजार 500 राशि जब्त

ये भी पढ़ें- NMCH का कारनामा: मरीज को चढ़ा दिया मिनरल वाटर

साल 2019
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के आंकड़े के मुताबिक साल 2019 में 41 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं. जिसमें से 45 लोगों को गिरफ्तार किया है. आय से अधिक संपत्ति मामले में 7 मामले दर्ज हैं. पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के 6 केस हैं. समर्पित आरोप पत्र 87 हैं. वहीं, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा ट्रैप कांड की राशि 47 लाख 81 हजार 900 जब्त की गई है. ट्रैप कांड में अतिरिक्त राशि 16 लाख 48 हजार 400 और घर तलाशी में बरामद राशि 2 करोड़ 36 लाख 53 हजार जब्त की गई है.

  • 41 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ केस
  • 45 लोगों को किया गिरफ्तार
  • आय से अधिक संपत्ति मामले में 7 केस
  • पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के 6 केस
  • 87 चार्जशीट दायर
  • ट्रैप कांड की 47 लाख 81 हजार 900 राशि जब्त
  • 16 लाख 48 हजार 400 अतिरिक्त राशि जब्त
  • तलाशी में 2 करोड़ 36 लाख 53 हजार राशि जब्त
    देखिए ये रिपोर्ट

भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर के जरिए कोई भी व्यक्ति का नाम और पता पूरी तरह से गुप्त रखा जाता है. कोई भी और किसी भी स्तर का व्यक्ति पूरे राज्य में कहीं से भी इस नंबर पर संबंधित सरकारी कर्मचारी की शिकायत कर सकता है. इस हेल्पलाइन नंबर पर जिसकी भी शिकायतें निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पास प्राप्त होती है, उसके आधार पर पहले इसकी जांच की जाती है. मामला सही पाए जाने के बाद इससे संबंधित ट्रैप या डीए से जुड़ी कार्रवाई की जाती है.

Last Updated : Apr 14, 2021, 11:08 PM IST
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