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हनुमानगढ़ी अयोध्या के दावे पर होगी सुनवाई, फिलहाल न्यास समिति के जिम्मे ही रहेगा महावीर मंदिर

पटना जंक्शन स्थित हनुमान मंदिर पर हनुमानगढ़ी अयोध्या के साधुओं ने अपना दावा किया है. मंदिर प्रबंधन से जुड़े साधुओं ने इसके लिए बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को पत्र लिखा है. जब तक मामले की सुनवाई नहीं होती तब तक हनुमान मंदिर का प्रबंधन और संचालन की जिम्मेदारी हनुमान मंदिर न्यास समिति के पास ही रहेगी.

famous temple of patna
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Published : Jul 20, 2021, 10:50 PM IST

पटना: हनुमानगढ़ी अयोध्या (Hanumangarhi Ayodhya) ने राजधानी पटना स्थित महावीर मंदिर (Mahavir Mandir) पर अपना दावा किया था. हालांकि आचार्य कुणाल किशोर ने उस दावे को बेबुनियाद बताया था. इस मामले को लेकर बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जयंत ने बताया कि हमारे संविधान में छूट है कोई भी किसी भी चीज पर दावा कर सकता है. हनुमानगढ़ी अयोध्या ने भी पटना के महावीर मंदिर पर अपना दावा किया है.

यह भी पढ़ें- हनुमानगढ़ी अयोध्या ने महावीर मंदिर पर ठोका अपना दावा, आचार्य कुणाल किशोर ने बताया बेबुनियाद

महावीर मंदिर न्यास पर्षद के सचिव आचार्य किशोर कुणाल (Acharya Kunal Kishore) ने पहले ही इस दावे को खारिज कर दिया था. उन्होंने जानकारी दी कि महावीर मंदिर पटना हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार चलता है. अयोध्या में राम-रसोई का संचालन महावीर मंदिर की ओर से किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट

'हालांकि हम उनके दावे को अभी स्वीकार नहीं करते हैं और ना ही महावीर मंदिर न्यास समिति को गलत समझते हैं. हनुमानगढ़ी अयोध्या के तरफ से हमें कुछ दस्तावेज कुरियर के माध्यम से प्राप्त हुए हैं. उन पर अभी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई. अगले महीने दोनों पक्ष के लोगों को बुलाकर एक साथ बैठकर सुनवाई की जाएगी. जिसके पास भी उचित दस्तावेज उपलब्ध होंगे और जो साक्ष्य उपलब्ध कराएंगे उन्हें ही इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी.'- अखिलेश कुमार जैन,अध्यक्ष, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड

जब तक इस मामले की सुनवाई नहीं होती तब तक किसी भी दावे को सही या गलत नहीं कहा जा सकता. दावे में कितनी सच्चाई है इसका पता तब चलेगा जब दोनों पक्षों की ओर से दस्तावेज पेश किए जाएंगे.

बता दें कि 15 अप्रैल 1948 को पटना हाई कोर्ट ने महावीर मंदिर को सार्वजनिक मंदिर पहले ही घोषित कर रखा है. इसके बाद से तमाम दस्तावेज बिहार धार्मिक न्याय पार्षद को दे दिया.

पटना: हनुमानगढ़ी अयोध्या (Hanumangarhi Ayodhya) ने राजधानी पटना स्थित महावीर मंदिर (Mahavir Mandir) पर अपना दावा किया था. हालांकि आचार्य कुणाल किशोर ने उस दावे को बेबुनियाद बताया था. इस मामले को लेकर बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जयंत ने बताया कि हमारे संविधान में छूट है कोई भी किसी भी चीज पर दावा कर सकता है. हनुमानगढ़ी अयोध्या ने भी पटना के महावीर मंदिर पर अपना दावा किया है.

यह भी पढ़ें- हनुमानगढ़ी अयोध्या ने महावीर मंदिर पर ठोका अपना दावा, आचार्य कुणाल किशोर ने बताया बेबुनियाद

महावीर मंदिर न्यास पर्षद के सचिव आचार्य किशोर कुणाल (Acharya Kunal Kishore) ने पहले ही इस दावे को खारिज कर दिया था. उन्होंने जानकारी दी कि महावीर मंदिर पटना हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार चलता है. अयोध्या में राम-रसोई का संचालन महावीर मंदिर की ओर से किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट

'हालांकि हम उनके दावे को अभी स्वीकार नहीं करते हैं और ना ही महावीर मंदिर न्यास समिति को गलत समझते हैं. हनुमानगढ़ी अयोध्या के तरफ से हमें कुछ दस्तावेज कुरियर के माध्यम से प्राप्त हुए हैं. उन पर अभी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई. अगले महीने दोनों पक्ष के लोगों को बुलाकर एक साथ बैठकर सुनवाई की जाएगी. जिसके पास भी उचित दस्तावेज उपलब्ध होंगे और जो साक्ष्य उपलब्ध कराएंगे उन्हें ही इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी.'- अखिलेश कुमार जैन,अध्यक्ष, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड

जब तक इस मामले की सुनवाई नहीं होती तब तक किसी भी दावे को सही या गलत नहीं कहा जा सकता. दावे में कितनी सच्चाई है इसका पता तब चलेगा जब दोनों पक्षों की ओर से दस्तावेज पेश किए जाएंगे.

बता दें कि 15 अप्रैल 1948 को पटना हाई कोर्ट ने महावीर मंदिर को सार्वजनिक मंदिर पहले ही घोषित कर रखा है. इसके बाद से तमाम दस्तावेज बिहार धार्मिक न्याय पार्षद को दे दिया.

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