पटना: बिहार राज्य ड्रग एंड फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरिंग एंड एसोसिएशन और राज्य औषधि नियंत्रक के बीच का विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इसके चलते एसोसिएशन ने स्वास्थ्य विभाग के नए प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को एक बार फिर पत्र लिखा है. एसोसिएशन ने पत्र के माध्यम से राज्य के औषधि नियंत्रक रविंद्र सिन्हा को तुरंत प्रभाव से हटाने की मांग की है.
स्वास्थ्य सचिव को लिखे पत्र के बारे में जानकारी देते हुए बिहार राज्य ड्रग एंड फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरिंग एंड एसोसिएशन के प्रेसिडेंट संजीव राय ने बताया कि राज्य के औषधि नियंत्रक रविंद्र सिन्हा का रवैया राज्य के ड्रग एंड फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर्स के खिलाफ में है. उन्होंने कहा कि 17 मार्च को केंद्रीय औषधि नियंत्रक ने साफ निर्देश दिया गया था कि कोई भी कंपनी अगर, सैनिटाइजर बनाना चाहती है, तो उसे 3 दिनों के अंदर लाइसेंस निर्गत किया जाए.
हाई कोर्ट जाने पर मिला लाइसेंस
उन्होंने आगे कहा कि राज्य औषधि नियंत्रक रविंद्र सिन्हा ने बिहार में कई दिनों तक कंपनियों को लाइसेंस नहीं दिया, जिसके बाद कंपनियों ने जब हाई कोर्ट का रुख किया, तब जाकर लाइसेंस प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि उनके रवैया के खिलाफ जब एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री और प्रधान सचिव और तत्कालीन स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत को पत्र लिखा था. पत्र के आलोक में कार्रवाई हुई. लेकिन जांच का जिम्मा जिस पर आरोप लगाया गया था, उसी को मिल गया. यानी कि राज्य औषधि नियंत्रक को ही उनके खिलाफ मामले के जांच का आदेश मिल गया.
हुई है कार्रवाई, लेकिन संतुष्ट नहीं
संजीव राय ने कहा कि इसके बाद इन बातों को वह भारतीय ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन से अवगत कराएं और इसके बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल इंडिया ने राज्य औषधि नियंत्रक को शो कॉज पूछा है, जो की बहुत बड़ी बात है और उन्हें इसकी प्रसन्नता है. उन्होंने बताया कि एसोसिएशन द्वारा दिए गए पत्र के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से निवेदन किया गया है कि बिहार के मुख्यमंत्री की अगुवाई में किए जा रहे अनंत परिश्रम कार्यों का धरातल पर ऐसे अधिकारियों के रवैया के कारण कुछ भी असर नहीं दिख रहा है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन राज्य औषधि नियंत्रक के रवैया के कारण राज्य के ड्रग उद्यमी अपना व्यवसाय राज्य से हटाने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि यहां सम्मान नहीं मिल रहा है.
'सड़क पर उतरेंगे ड्रग मैन्यूफैक्चर्स'
संजीव राय ने कहा कि राज्य औषधि नियंत्रक कार्यकारी व्यवस्था के तहत औषधि नियंत्रक के पद पर बने हुए हैं और कोई भी व्यक्ति 3 साल से अधिक कार्यकारी व्यवस्था के तहत एक पद पर नहीं रह सकता. लेकिन यह 4 वर्षों से इस पद पर हैं और इनके रवैया से ड्रग निर्माताओं में निराशा है. उन्होंने कहा कि पत्र के माध्यम से स्वास्थ्य सचिव से मांगी किया गया है कि अभिलंब 2 सप्ताह के भीतर राज्य औषधि नियंत्रक को हटाकर किसी और को लाया जाए नहीं, तो 10 अगस्त के बाद से ड्रग मैन्युफैक्चरर्स सड़कों पर उतर जाएंगे और अपना व्यवसाय ठप कर देंगे. उन्होंने कहा कि इस कारण काफी लोग प्रभावित होंगे. लिहाजा, पत्र पर विचार किया जाए.