पटना: बिहार में कुछ जगहों को छोड़कर स्मार्ट मीटर की सुविधा पूरे सूबे में दी जा रही है. जहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर नहीं लगे है, वहां पर लगातार काम किया जा रहा है. यानी पहले भुगतान फिर बिजली मिलेगी. शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर (smart electricity prepaid meter) लगाने का लक्ष्य 2024 तक है. बिहार में बिजली के क्षेत्र में इसी सफल प्रयास को समझने और जानने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की एक टीम पटना दौरे पर है.
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बिहार में 15 लाख से ज्यादा बिजली प्रीपेड मीटर : बता दें कि छत्तीसगढ़ की तीन सदस्यीय टीम बिहार के घरों में लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर की खूबियों और इसे लगाए जाने की प्रक्रिया को समझ रही है. साथ ही इससे बिजली उपभोक्ताओं को होने वाले नफा नुकसान को भी जान रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में अब तक 15 लाख से ज्यादा बिजली प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके है. साथ ही शहरी क्षेत्रों में 2024 तक इस काम को 100 फीसदी पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
''छत्तीसगढ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के अधिकारियों का स्मार्ट प्रीपेड मीटर की तकनीक के लिए बिहार में है. जो हमारे लिए गर्व की बात है. 2024 तक शहरी इलाकों में और 2025 तक ग्रामीण इलाकों में यह काम पूरा कर लिया जाएगा'' - बिजेन्द्र प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री, बिहार
2025 तक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का दावा : ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने दावा किया कि बिहार के ग्रामीण इलाकों में 2025 तक पूरी तरह बिजली स्मार्ट प्रीपेड लगाने का काम पूरा हो जाएगा. इसको लेकर हमारी टीम लगातार काम कर रही है. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक करीब 15.41 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके है. इनमें उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने 7.21 लाख. वहीं दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी 8.19 लाख प्रीपेड मीटर लगा चुकी हैं.
छत्तीसगढ़ की तीन सदस्यीय टीम पटना में : बता दें कि छत्तीसगढ़ से आई तीन सदस्यीय इंजीनियरों की टीम ने प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियों के अधिकारियों से मुलाकात की है. साथ ही, मीटर लगाने में आने वाली परेशानियों को भी समझा है. छत्तीसगढ़ की टीम ने उपभोक्ताओं से संबंधित समस्याओं और बिजली बिल को लेकर भी जानकारी ली है.